
दुनिया की कोई भी भाषा केवल संचार का सशक्त माध्यम ही नहीं, बल्कि यह व्यक्ति की संस्कृति, सभ्यता और पहचान का मुख्य स्तंभ भी होती है। हिंदी भी एक ऐसी ही भाषा है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में हिंदी बोलने वालों की संख्या करोड़ों में है। हिंदी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 1975 में गृह मंत्रालय के अंतर्गत राजभाषा विभाग स्थापित किया है। हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसकी घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने संसद में की थी।
- 14 सितंबर 1949 के दिन हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। इसके साथ ही इसमें शब्दावली निर्माण, वर्तनी के मानकीकरण किए गए। सरकारी कार्यालयों में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए प्रेरणा और प्रोत्साहन की नीति अपनाई गई। संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा की बैठक में एक मत से निर्णय लिया कि भारत की राजभाषा हिंदी होगी।
- अनुच्छेद 351. हिंदी भाषा के विकास के लिए निदेश– संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिंदी भाषा का प्रसार बढ़ाए, उसका विकास करे, जिससे वह भारत की सामाजिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके और उसकी प्रकृति में हस्तक्षेप किए बिना हिंदुस्तानी में और आठवीं अनुसूची में विनिर्दिष्ट भारत की अन्य भाषाओं में प्रयुक्त रूप, शैली और पदों को आत्मसात करते हुए और जहां आवश्यक या वांछनीय हो, वहां उसके शब्द-भंडार के लिए मुख्यतः संस्कृत से और गौणतः अन्य भाषाओं से शब्द ग्रहण करते हुए उसकी समृद्धि सुनिश्चित करे।
Read this also – जीवन में समय का महत्व/Importance of time in life
- महात्मा गांधी ने मार्च 1918 में इंदौर में सम्पन्न हुए ‘हिंदी साहित्य सम्मेलन’ के अधिवेशन के सभापति के रूप में कहा था, ‘जैसे अंग्रेज अपनी मादरी जबान अंग्रेजी में ही बोलते और सर्वथा उसे ही व्यवहार में लाते हैं, वैसे ही मैं आपसे प्रार्थन करता हूं कि आप हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा बनने का गौरव प्रदान करें।’
- संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) में हिंदीमें से एक है।
- केंद्र सरकार की राजभाषा वेबसाइट के मुताबिक, भारत और दूसरे देशों में 60 करोड़ से ज्यादा लोग हिंदी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं।
- जून 1975 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वतंत्र विभाग के रूप में स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य राजभाषा संबंधी संवैधानिक और सांविधिक प्रावधानों के अनुपालन की निगरानी और समीक्षा करना तथा संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देना था।
हिंदी के विकास में महात्मा गांधी से लेकर पंडित मदनमोहन मालवीय, जवाहर लाल नेहरू समेत गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर, महावीर प्रसाद द्विवेदी जैसे हजारों लोगों का योगदान प्रमुख रहा।

फारसी शब्द हिन्द से बनी है हिंदी: हिंदी शब्द की उत्पत्ति फारसी शब्द हिंद से हुई है, जिसका तात्पर्य सिंधु नदी की भूमि (Land Of Indus River) है बताया जाता है कि 11 वीं सदी के प्रारंभ में गंगा के मैदानी इलाका और पंजाब पर आक्रमण करने वाली फारसी भाषी तुर्कों ने सिंधु नदी किनारे बोली जाने भाषा को हिंदी नाम दिया।
भारत एक बहुभाषी राष्ट्र है जिसमे हिन्दी भारतीय संघ की राजभाषा है। इसे भारत की राष्ट्र भाषा माना जाने लगा,लेकिन ऐसा नहीं है, हिन्दी भारत की राजभाषा है न कि राष्ट्रीय भाषा। जिसके अंतर्गत शासकीय कार्यो के लिए आधिकारिक भाषा के रूप में हिन्दी का प्रयोग किया जाए ऐसा निश्चित किया गया । भारत में सबसे अधिक संख्या में लोगों द्वारा बोली व समझी जाने वाली भाषा हिन्दी ही है।
हिन्दी भाषा दुनिया भर में बोली जाने वाली लोकप्रिय भाषाओ में तीसरे स्थान पर है। वर्ष 1949 में हिन्दी को हमारी राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ। विभिन्न सर्वो के अनुसार तो दुनिया भर में 800 मिलियन लोग एक दूसरे से संपर्क करने के लिए इसी हिन्दी भाषा का प्रयोग करते है । हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थापित करवाने में विभिन्न साहित्यकारों जैसे- हजारीप्रसाद द्विवेदी,काका कालेलकर,राजेन्द्र सिंह आदि ने महत्पूर्ण भूमिका निभाई है । हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में बढ़ावा देने व प्रसारित करने के लिए वर्ष 1953 से पूरे भारत में प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी- दिवस के रूप में मनाया जाता है।
Read this also – भय और मोह शक्ति/fear and fascination
हिन्दी भाषा तथ्य/Hindi Language Facts
- हिन्दी की उत्पत्ति आर्य भाषा संस्कृत से हुई। बाद में प्राकृत और पाली से अपभ्रंश हुए उसके बाद यह हिन्दी कहलाई।
- अंग्रेजी की रोमन लिपि में जहाँ 26 वर्ण हैं वही हिन्दी की देवनागरी लिपि में उससे दोगुने 52 वर्ण हैं।
- सिन्धु सभ्यता और उस क्षेत्र के लोगों को हिन्दू कहा जाने के कारण या फारसी शब्द हिन्द से इसका नाम हिन्दी पड़ा ।
- हिन्दी भाषा में जो लिखा जाता है उसी का उच्चारण किया जाता है। इसकी लेखनी ध्वनिप्रधान है जो अंग्रेज़ी से बिल्कुल अलग है।
- 1930 के दशक में पहला typewriter बाजार में आ गया था।
- पहला वेबपोर्टल, वेब दुनिया ( हिन्दी) सन 2000 में इन्टरनेट पर आया जिसके कारण हिन्दी संसार में तेजी से अस्तित्व में आई।
- हिन्दी को 1949 में शासकीय भाषा के तौर पर स्वीकार किया गया था, बाद में इसे राजभाषा का दर्जा दिया गया।
- चीनी,स्पेनिश,अंग्रेजी के बाद हिन्दी सबसे अधिक बोली जाने वाली लोकप्रिय भाषाओ में से एक है जिसे लगभग 80 करोड़ से भी ज्यादा लोग बोलते है।
हिन्दी को बढावा देने के लिए सरकारी पहल/Government initiatives to promote Hindi
प्राय देखा जाता है कि पश्चिमी देशों की होड में लगा भारतीय समाज अंग्रेजी भाषा के प्रति आकर्षित होकर हिन्दी के महत्व को कम कर रहा है। इसके लिए सरकार की तरफ से ठोस व महत्पूर्ण कदम लिए जा रहे हैं। सरकारी विभागों और दफ्तरों में अंग्रेजी भाषा के स्थान पर राजभाषा हिन्दी का उपयोग किया जाता है। वर्तमान सरकार हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, हर साल करोड़ों रुपये का बजट पास करने के साथ-साथ डिजिटल टूल्स का भी अविष्कार कर रही है।
इसी सरकारी पहल के अंतर्गत लीला-LILA नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन भी बनाया गया है, जिसके माध्यम से लोग सरलता से हिन्दी भाषा समझ व सीख सकते हैं, आसानी से सीखने के कारण ही इस एप्लीकेशन का नाम लीला पड़ा,लीला का संस्कृत अर्थ है ” क्रीड़ा”। इसके अलावा नई शिक्षा नीति द्वारा भी हिन्दी भाषा को बढावा देने की एक अच्छी पहल है। मेडिकल और इन्जीनियरिंग की शिक्षा भी हिन्दी भाषा में दी जा रही है।
Read this also – थकान की बढ़ती समस्या/increasing problem of fatigue
यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है लेख पसंद आये तो इसे ज़्यादा से ज्यादा शेयर कर्रे| अपने विचार और सुझाव कमेंटबॉक्स में ज़रूर लिखे|


