Sunday, September 14, 2025
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सांपों की अबूझ दुनिया/ incomprehensible world of snakes

16 जुलाई विश्व सर्प दिवस

सांपों की अबूझ दुनिया
सांपों की अबूझ दुनिया

साल 1970 से हर साल 16 जुलाई को विश्व सर्प दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य सांपों को लेकर दुनिया को जागरूक करना है, ताकि ज्यादातर लोगों में सांपों को लेकर जो भ्रांतियां हैं, वे दूर हो सकें। सांपों की अबूझ दुनिया को बूझा जा सके।

 

सांपों से क्यों डरता है इंसान/ Why are humans afraid of snakes?

  • इंसान को सबसे ज्यादा डर उसी से लगता है, जिसे वह जानता नहीं।
  • दुर्भाग्य से सांपों के साथ यही बात है।
  • इस अल्ट्रा वैज्ञानिक युग में भी, जब इंसान काफी हद तक ब्रह्मांड को भी जान चुका है।
  • उसकी सांपों के बारे में जानकारी बहुत ही कम है।
  • दुनिया में 99 फीसदी लोग सांपों के बारे में बुनियादी स्तर की बातें भी नहीं जानते।
  • इसीलिए साल 1970 से हर साल 16 जुलाई को पूरी दुनिया में एक साथ विश्व सर्प दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य सांपों को लेकर दुनिया के सभी लोगों को एक न्यूनतम स्तर तक जागरूक करना है।
  • ताकि ज्यादातर लोगों में सांपों को लेकर जो भरंतियां हैं उन्हें दूर किया जा सके।

दुनिया में सर्प दंश/ snake bites in the world

  • आज भी दुनिया में हर साल होने वाली इंसानी मौतों में सर्प दंश भी एक बड़ा कारण है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि दुनिया में हर साल लगभग 54 लाख लोगों को सांप काटते हैं।
  • इनमें 81,000 से 1,38,000 तक की मौत हो जाती है।
  • साथ ही सर्पदंश के जहर के कारण 4,00,000 से ज्यादा लोगों के शरीर के कई अंग अस्थाई या स्थायी रूप से काम करना बंद कर देते हैं।
  • चिंता की बात यह है कि जंगलों की घटत और ग्लोबल वार्मिंग की बढ़त के कारण दुनियाभर में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ रही हैं।

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तुरंत चिकित्सकीय सुविधा जरूरी/ Immediate medical attention is necessary

सांपों की अबूझ दुनिया

  • डब्ल्यूएचओ जहरीले सांपों की 250 से अधिक प्रजातियों के काटने पर तुरंत चिकित्सकीय सुविधा जरूरी मानता है।
  • सांपों की अधिकतर जहरीली प्रजातियां एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और ओशिनिया की मूल निवासी हैं। चिकित्सकीय सुविधा के बाद भी कई बार सर्प दंश से लोग मर जाते हैं।
  • इसका कारण है कि हर सांप के विष के लिए अलग दवा होती है।

सांपों की अलग वेबसाइट/ Separate website of snakes

  • डब्ल्यूएचओ ने सांपों को लेकर एक अलग से वेबसाइट बनाई है।
  • इस वेबसाइट में सभी विषधर सांपों की तस्वीरों के साथ उनके दंश पर कारगर दवा की जानकारी है। डब्ल्यूएचओ का मानना है कि अधिकतर लोगों की मौत सांप के काटने से सिर्फ इसलिए होती हैं;
  • क्योंकि उन्हें ये नहीं पता चल पाता है कि कौन सी दवा का इस्तेमाल किया जाए।

भारत में सर्पदंश/ snakebite in india

सांपों की अबूझ दुनिया

  •  दुनियाभर में सांपों की करीब 3,000 प्रजातियां हैं। इनमें 300 प्रजातियां अकेले भारत में हैं।
  • इन 300 में से 200 प्रजातियां जहरीली हैं।
  • जब ये काटते हैं तो स्थाई विकलांगता से लेकर व्यक्ति की मौत तक हो जाती है।
  • टोरंटो विश्वविद्यालय के `सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ रिसर्च’ के मुताबिक
  • भारत में वर्ष 2000 से 2019 के बीच यानी 20 सालों में सर्पदंश से 12 लाख लाख लोगों की मौत हुई।
  • इनमें से अधिकांश मौतें ज़हरीले रसेल वाइपरस, क्रिटस तथा कोबरा प्रजाति के सांपों के काटने से हुई थीं। इनमें 70 फीसदी मौतें बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान तथा गुजरात जैसे 9 राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में हुईं।
  • इस शोध अध्ययन के अनुसार, सर्पदंश के कारण आधे से अधिक मौतें जून से सितंबर माह में मानसून की अवधि के दौरान हुईं।
  • सर्पदंश से 97 प्रतिशत मौतें ग्रामीण क्षेत्रों में हुईं।
  • मरने वालों में पुरुषों का प्रतिशत 59 प्रतिशत और महिलाओं का 41 प्रतिशत था।
  • साथ मरने वालों में सबसे बड़ी संख्या यानी 25 फीसदी 15-29 वर्ष के लोगों की थी।

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सर्प दंश में मौतों का सबसे बड़ा कारण/ The biggest cause of deaths due to snake bite

  • खराब प्रशिक्षित डॉक्टर तथा एंटी वेनम की कमी भारत में सर्प दंश से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण है।
  • वास्तव में एंटी वेनम के निर्माण के लिये वन विभाग की अनुमति की आवश्यकता होती है जो कि कई चरणों की लंबी प्रक्रिया है।
  • साथ ही एंटी-वेनम के निर्माण/परीक्षण के लिये घोड़ों की जरूरत होती है।
  • जिसके लिये एक बड़ी जगह की भी दरकार होती है।
  • निजी कंपनियों के लिये यह बहुत खर्चीली प्रक्रिया है।
  • सर्पदंश के सबसे ज्यादा किसान मरते हैं।
  • इसलिए विशेषज्ञों का सुझाव है कि जिने क्षेत्रों में सर्पदंश की घटनाएं ज्यादा हों वहां लोगों को सरल तरीकों से शिक्षित किया जाना चाहिए।
  • ग्रामीणों को रबर के जूते, दस्ताने, मच्छरदानी और रिचार्जेबल बैटरी या लैशलाइट मुहैय्या कराई जाएं।
  • इससे सर्पदंश का जोखिम कम हो सकता है।
  • इसके साथ ही लोगों को विषैले सांपों की प्रजातियों के बारे में भी बताना चाहिए।
  • `विश्व स्वास्थ्य संगठन’ का लक्ष्य है वर्ष 2030 तक सर्पदंश के कारण होने वाली मौतों की संख्या को आधा करना।
  • इस लक्ष्य को उपरोक्त तरीकों से हासिल किया जा सकता है।

सांप के काटने पर क्या न करें/ What not to do in case of snake bite

  • काटे हुए जगह पर टाइट कपड़ा न बांधें।
  • जहर को चूसकर निकालने की कोशिश हरगिज न करें।
  • जहर निकालने के लिए काटे हुए जगह पर कोई कट न लगाएं।
  • एल्कोहल, चाय या कॉफी न पीएं, इससे जहर तेजी से फैल सकता है।
  • किसी तरह की ठंडी, गर्म सिंकाई न करें। न ही कोई क्रीम लगाएं।
  • दर्द के लिए एस्पीरिन न लें। इससे ब्लीडिंग बढ़ सकती है।

सर्पदंश पर क्या करें?/ What to do in case of snake bite?

  • टाइट कपड़े या गहने तुरंत उतार दें।
  • जहां पर काटा हो, उस हिस्से को हार्ट के लेवल से नीचे रखें।
  • घायल को जितना हो सके स्थिर रखें, इससे जहर को बॉडी में फैलने से रोक सकते हैं।
  • घायल को शांत रखने की कोशिश करें, जिससे उसे शॉक लगने से बचाया जा सके।
  • सांप के काटने के 4 घंटे के अंदर ही एंटीवेनम का इंजेक्शन लगवा लें।
  • जहां काटा हो, उसे हल्के कपड़े से कवर कर लें।

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कैसे जानें जहरीले सांप ने काटा है?/ How to know if you have been bitten by a poisonous snake?

सांपों की अबूझ दुनिया

  • अगर जहरीला सांप काटता है तो कांटने वाली जगह पर सांप के दांतों के दो निशान होते हैं।
  • लेकिन अगर किसी गैर जहरीले सांप ने काटा होता है तो काटने वाली जगह में बहुत से या दो से ज्यादा दांतों के निशान होते हैं।
  • भारत में जहरीले सांपों में नाग और करैत सबसे ज्यादा खतरनाक हैं और हर जगह मौजूद होते हैं।
  • वायपर भी बहुत जहरीला है, इसके अलावा कई एक समुद्री सांप भी ज़हरीले होते हैं।

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नोट – यह लेख सामान्य जानकारियों पर आधारित है। पसंद आए तो कृपया अधिक से अधिक शेयर करें। अपने विचार और सुझाव कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। धन्यवाद।

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