Sunday, December 7, 2025
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पितृपक्ष में तर्पण विधि/Tarpan method in Pitru Paksha

 

पितृपक्ष में तर्पण विधि/Tarpan method in Pitru Paksha
पितृपक्ष में तर्पण विधि/Tarpan method in Pitru Paksha

पितृपक्ष में क्या करें (Do’s in Pitru Paksha)

  1. पितरों का तर्पण करें – जल, तिल और कुशा से तर्पण करना जरूरी है।
  2. पंडित/ब्राह्मण को भोजन कराएं – असमर्थ हों तो गाय को चारा डालें या गरीबों को अन्न दान दें।
  3. श्रद्धा का भाव रखें – सच्चे मन और भक्ति से किया गया श्राद्ध ही फलदायी है।
  4. सात्विक आहार लें – इस अवधि में मांस-मछली, शराब जैसी तामसिक वस्तुओं से बचें।
  5. दान-पुण्य करें – अन्न, वस्त्र, अनाज और दक्षिणा देना बहुत शुभ माना गया है।
  6. पूर्वजों का स्मरण करें – प्रतिदिन पूर्वजों को नमन करें और आशीर्वाद मांगे।
  7. सरल जीवन शैली अपनाएं – संयम और नियमों का पालन श्राद्ध कर्म को अधिक प्रभावी बनाता है।
  8. परिवारिक सामंजस्य बनाएं रखें – भाइयों/परिवारजनों के साथ मिलकर श्राद्ध करना उत्तम है।

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पितृपक्ष में क्या न करें (Don’ts in Pitru Paksha)

  1. शुभ कार्य न करें – विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य इस अवधि में वर्जित हैं।
  2. लालच या दिखावा न करें – श्राद्ध केवल श्रद्धा से करें, दिखावे से नहीं।
  3. मांसाहार और मदिरा का सेवन न करें – पूर्वजों की तृप्ति के विपरीत है।
  4. झगड़ा या कटु वचन न बोलें – श्राद्ध के समय वाणी और आचरण दोनों पवित्र होने चाहिए।
  5. ऋण या कर्ज लेने से बचें – इस समय पितृ ऋण मुक्ति का समय है, नया ऋण लेना अशुभ माना जाता है।

निष्कर्ष | Conclusion

पितृपक्ष का मूल सार यही है कि हम अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता, प्रेम और श्रद्धा व्यक्त करें। श्राद्ध कर्म का सबसे बड़ा फल श्रद्धा का भाव है। जब हम सच्चे मन से पितरों को याद करते हैं, तो उनका आशीर्वाद हमारे परिवार, कृषि, धन-धान्य और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।

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