Thursday, September 19, 2024
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चाय के फायदे और नुकसान Chai peene ke fayde aur nuksaan

आयुर्वेद में चाय का प्रयोग औषधि के रूप में होता है।

चाय के फायदों (tea ke fayde) के कारण आयुर्वेद में इसका प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है। लेकिन ज्यादा चाय पीने से नुकसान भी होता है। इसका हद से ज्यादा सेवन करना सेहत के लिये नुकसान का कारण बन सकता है। चाय को पीने से पहले क्या आपने पहले कभी सोचा है कि आपकी ये आदत आपके लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक (chai peene ke nuksaan)।

  • आज चाय हमारी जीवनशैली का अभिन्न अंग बन गई है।
  • दिन की शुरूआत बिना चाय नहीं होती है।
  • चाय के फायदों (tea ke fayde) के कारण आयुर्वेद में इसका प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है।
  • लेकिन ज्यादा चाय पीने से नुकसान भी होता है।
  • इसका हद से ज्यादा सेवन करना सेहत के लिये नुकसान का कारण बन सकता है।
  • चाय को पीने से पहले क्या आपने पहले कभी सोचा है कि आपकी ये आदत आपके लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक (chai peene ke nuksaan)।
  • आज इसके बारे में विस्तार से जानते हैं कि चाय कैसे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है और नुकसानदेह।

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चाय क्या है? (What is Tea in hindi?)

  • चाय  प्राकृतिक रूप में 9-15 मी ऊँचा, अल्परोमिल, सदाहरित क्षुप (shurb) होता है।
  • खेती की सरलता एवं उत्तम चाय के उत्पादन के कारण क्षुपों को ऊपर से समय-समय पर काट दिया जाता है।
  • जिससे यह पौधा लगभग 60-150 सेमी आकार का रहता है।
  • इसके आगे के भाग के दो पत्ते व एक कलिका का उपयोग (chai patti ke upyog) चाय की पत्ती के लिए किया जाता है।
  • इसके पत्ते (chai patti) नोकदार, सरल, एकांतर 5-15 सेमी लम्बे एवं 3.87-6.2 सेमी व्यास या डाइमीटर के होते हैं।
  • ये अति सूक्ष्म छिद्रों (इन छिद्रों में विशिष्ट गन्धयुक्त एक प्रकार का तैलीय द्रव होता है) से युक्त होते हैं।
  • इसके फूल सफेद रंग के, सुगन्धित, एकल अथवा 2-4 साथ में तथा फूल 3.2 सेमी व्यास के, बाह्यदल-5-6, गोलाकार होते हैं।
  • फल त्रिकोणीय होते हैं, जिसमें 1.8 सेमी व्यास के, लगभग गोल, चिकने, भूरे रंग के, कठोर बीज कवच जैसे, चमकीले दो बीज रहते हैं।
  • चाय दिसम्बर से मार्च महीने के दौरान सबसे ज्यादा फलता फूलता है।
  • इससे बने पेय में टैनिन और कैफीन होता है जो शरीर को स्फुर्ति प्रदान करने में सहायता करता है।
  • इसलिए अक्सर थक जाने पर चाय पीने से फिर से स्फुर्ति का एहसास होता है।
  • लेकिन हद से ज्यादा चाय पीने से अगर वह लत बन जाय तो शरीर के लिए नुकसानदायक (chai ke nuksan) हो सकती है।
  • चाय मूलतः कड़वी, गर्म तासीर की और ऊर्जादायक होती है।
  • कफपित्तनाशक होने के साथ-साथ थोड़ा वात के प्रकोप को बढ़ा भी सकती है।
  • शायद आपको पता नहीं कि चाय आपको उत्तेजित तो करती ही है, अधिक मूत्र होने की बीमारी को आमंत्रित भी कर सकती है।
  • चाय की पत्ती (chai patti), भूख बढ़ाने वाली, पाचक और शक्तिवर्द्धक होती है।
  • हृदय के दर्द, आंखों का दर्द, रक्तार्श या पाइल्स का दर्द और सूजन कम करने में मददगार होती है।

विभिन्न भाषाओं में चाय के नाम (Name of Tea in Different Languages in Hindi)

  • चाय का वानास्पतिक नाम Camellia sinensis (Linn.) Kuntze (कैमीलिया साईनेन्सिस) Syn-Camellia chinensis (Sims) Kuntze होता है।
  • ये  Theaceae (थीएसी) कुल होता है।
  • इसे भारत के अन्य प्रांतों में भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है। जैसे-

 Sanskrit-श्यामपर्णी, चाहम्, चविका;

  • Hindi-चाय;
  • Urdu-चाय (Chai);
  • Oriya-चाइ (Chai), चा (Cha);
  • Kannada-चा (Cha), चाय (Chay), चाहा (Chaha);
  • Gujrati-चहा (Chaha), चाय (Chay);
  • Tamil-करूप्पुट्टेयिलेई (Karupputteyilai), तायीलि (Thayili);
  • Telugu––थेयाकू (Theyaku);
  • Bengal-चाइ (Chai), चाय (Chai);
  • Nepali-चा (Chha), चिया (Chiya);
  • Panjabi-चाई (Chai), चाय (Chay);
  • Marathi-घेयाले (Gheyale), चहा (Chaha);
  • Malayalam-चाया (Chaya)।
  • English-आसाम टी (Assam tea), चाइना टी (China tea), इंडियन टी (Indian tea), टी प्लांट (Tea plant);
  • Arbi-चाह (Chha);
  • Persian-चाइका थाई (Chaika thai)।

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चाय के उपयोग और फायदे (Tea Benefits and Uses in Hindi)

  • चाय (tea ke fayde) सिर्फ ऊर्जा प्रदान करने का ही काम नहीं करती है।
  • इसके औषधिकारक गुण अनगिनत हैं जिसके कारण आयुर्वेद में चाय को कई बीमारियों के इलाज के रुप में प्रयोग किया जाता है।
  • आइए जानते हैं कि चाय को किन-किन बीमारियों में और कैसे इस्तेमाल किया जाता है?

सिरदर्द के लिए फायदेमंद चाय (tea benefits for Headache in Hindi)

  • तनाव के कारण होने वाले सिरदर्द से आराम दिलाने में चाय बहुत फायदेमंद होता है।
  • चाय के पत्तों (chai patti)का काढ़ा बनाकर 5-15 मिली मात्रा में पीने से सिरदर्द से आराम मिलता है।

आँख आने पर दर्द करे कम चाय (Benefits of  Tea for Conjunctivitis in Hindi)

  • आँख आने की बीमारी में आँख लाल होकर दर्द होने लगती है।
  • आँख आने पर चाय का इस्तेमाल  इस तरह से करने पर बहुत फायदा मिलता है।
  • चाय का काढ़ा बनाकर उसके 1-2 बूंदों को नेत्रों में डालने से 2-3 दिन में राहत (chai ke fayde) मिलती है।

गले में दर्द या सूजन से दिलाये राहत चाय (Tea Benefits in Throat Infection in Hindi)

  • आमाशय के कारण या गर्म खाद्द पदार्थों के ज्यादा सेवन से गले में घाव जैसा होकर दर्द होता है।
  • चाय के काढ़े से दिन में 2-3 बार गरारा करने से गले के घाव या सूजन से राहत (chai ke fayde) मिलती है।

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नजलाजुकाम को करे कम चाय (Tea Benefits to Get Relief from Coryza in Hindi)

  • बच्चों को नजला-जुकाम होने पर बनफ्सा, मुलेठी तथा चाय का काढ़ा (15-20 मिली) बनाकर पिलाने से लाभ मिलता है।
  • नजला-जुकाम में चाय के लाभ अनगिनत होते हैं।

पेट दर्द में लाभकारी चाय (Benefits of Chai for Stomachalgia in Hindi)

  • चाय के काढ़े में पुदीना तथा अकरकरा मिलाकर पकाएं। इसे 15-20 मिली मात्रा में पीने से पेट में गैस से होने वाले दर्द से राहत मिलती है।

मूत्र संबंधी बीमारियों में फायदेमंद चाय (Benefits of Black Tea to Get Relief from Urinary Diseases in Hindi)

  • चाय के पत्तों का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीने से बुखार तथा मांसपेशियों का ढीलापन तथा मूत्र संबंधी रोगों में लाभकारी होता है।

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काम शक्ति बढ़ाती है चाय (Tea Boost Sexual Stamina in Hindi)

  • चाय को सालम मिश्री, दालचीनी तथा दूध के साथ मिलाकर, पकाकर 15-20 मिली मात्रा में पीने से कामशक्ति बढ़ती है।
  • काम शक्ति बढ़ाने में चाय के फायदे अनगिनत हैं।

जलने के दर्द को करे कम चाय (tea benefits for Burn in Hindi)

  • चाय मिश्रित उबलते हुए पानी या काढ़ा को ठंडा करके उसमें कपड़े की पट्टी भिगोकर जले या झुलसे स्थान पर रखें।
  • बार-बार उस पर उसी काढ़ा को थोड़ा-थोड़ा डालते रहने से त्वचा में फफोले नहीं पड़ते तथा त्वचा में दाग नहीं हो पाता।

सूजन में फायदेमंद चाय (Benefits of Tea in Inflammation in Hindi)

  • चोट लगने से आई सूजन पर चाय को पीसकर गुनगुना करके लगाने से सूजन कम (black tea benefits in hindi) हो जाती है।

ग्रंथियों या ग्लैंड के सूजन को करे कम चाय (Tea Benefits in Grandular Swelling in Hindi)

  • चाय के पत्तों (chai patti in hindi) को पकाकर पीसकर लेप करने से ग्रन्थि या ग्लैंड का सूजन कम होने में मदद (tea ke fayde) मिलती है।

बालों को मजबूत और बेजान बालों में जान लाने में लाभकारी चाय (Tea Benefit for Strong and Shiny Hair in  Hindi)

  • बालों को चमकदार बनाने के लिए और मजबूती बनाये रखने के लिए टी या चाय का प्रयोग फायदेमंद हो सकता है।
  • रिसर्च के अनुसार टी एक हेयर टॉनिक की तरह काम करता है।

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सर्न बर्न से बचाने में लाभकारी चाय (Beneficial of Tea to Treat Sunburn in Hindi)

  • चाय का प्रयोग सनबर्न के हुई शोथ पर अच्छा कार्य करती है
  • एक रिसर्च के अनुसार टी सनबर्न में शोथ को दूर करके त्वचा को खराब होने से बचने में मदद करती है।

मुँहासों से राहत पाने में लाभकारी चाय (Benefit of Tea to Get Relief from Pimples in Hindi)

  • मुंहासों की समस्या को दूर करने में भी चाय का प्रयोग फायदेमंद होता है।
  • चाय में शोथ को कम करने का गुण होता है जिससे ये मुंहासों की समस्या को कम करने में मदद करती है।

हृदय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद चाय (Tea Beneficial for Healthy Heart in Hindi)

  • ह्रदय को स्वस्थ रखने में चाय आपकी मदद कर सकती है,
  • क्योंकि टी में पाये जाने वाले विशेष तत्व हृदय संबंधी समस्याओं को आने से रोकने में सहायता करते हैं।

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दिमाग को स्वस्थ रखने में लाभकारी चाय (Benefit of Tea to Boost Brain Health in Hindi)

  • टी का सेवन दिमाग के लिए फायदेमंद होता है।
  • एक रिसर्च के अनुसार इसमें एंटीऑक्सीडेंट का गुण पाया जाता है जो कि दिमाग के लिए फायदेमंद होता है।

पाचनशक्ति को बेहतर बनाने में फायदेमंद चाय (Tea Beneficial to Strength Digestive System in Hindi)

  • चाय के तौर पर ग्रीन टी का प्रयोग पाचन शक्ति को ठीक बनाये रखने में मदद करता है।
  • यदि पाचन शक्ति को बेहतर बनाने के लिए ग्रीन टी का प्रयोग कर सकते है।

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चाय का उपयोगी भाग (Useful Parts of Chai)

  • आयुर्वेद में चाय की पत्ती का औषधि के रुप में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।

चाय का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? (How to Use Tea in Hindi?)

  • बीमारी के लिए चाय के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है।
  • अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए चाय का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।
  • चाय के पत्तों को पीने से फायदा (black tea ke fayde) मिलता है।
  • चिकित्सक के परामर्श के अनुसार 10-15 मिली चाय के काढ़े का सेवन कर सकते हैं।

ज्यादा चाय पीने के साइड इफेक्ट (Side Effects of Tea in Hindi)

  • स्तनपान कराने वाली स्त्रियों को चाय का ज्यादा सेवन नहीं (side effect of tea in hindi) करना चाहिए।
  • अधिक मात्रा में चाय का प्रयोग करने से शिशु ज्यादा सोने लगते हैं।
  • इसके अत्यधिक सेवन से  दिल में जलन या एसिडिटी, अनिद्रा एवं अरुचि जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।

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चाय कहां पाई और उगायी जाती है (Where is Tea Found or Grown in Hindi)

  • चाय मूलत: विश्व में चीन, जापान, मलाया, श्रीलंका तथा दक्षिण-पूर्वी एशिया में होता है।
  • भारत में यह असम, कोचीन, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, पंजाब, सिक्किम, उत्तर-पश्चिमी हिमालय, दार्जिलिंग, नीलगिरी, तमिलनाडू एवं दक्षिण भारत में पाया जाता है।
  • भारत में चाय का प्रचार 17वीं शताब्दी में इंग्लैण्ड की ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा हुआ।
  • इस कम्पनी ने ही इसकी विभिन्न स्थानों में खेती करवाने तथा इसके उत्पादन से लाभ उठाना प्रारम्भ किया।
  • तब से इसके उत्पादन में धीरे-धीरे प्रगति एवं सुधार होता गया।
  • सन् 1907 में भारत की चाय अन्य देशों की चाय से अधिक श्रेष्ठ मानी गई तथा इसका प्रचार खूब प्रचुरता से बढ़ने लगा।
  • अब तो चाय एकमात्र सर्वश्रेष्ठ सर्वप्रिय पेय, सब पेय-पदार्थों की सार्वभौम साम्राज्ञी बन गई है। प्रचार द्वारा यह इतनी सर्व-सुलभ कर दी गई कि भारत में अब शायद ही ऐसा कोई स्थान हो, जहां इसका पान न किया जाता हो।

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