Saturday, December 6, 2025
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कार्यात्मक खाद्य पदार्थ/ Functional foods

 

कार्यात्मक खाद्य पदार्थ/English Functional foods
कार्यात्मक खाद्य पदार्थ/English Functional foods

पारंपरिक आहार से आधुनिक विज्ञान तक (From Traditional Diets to Modern Nutrition Science)

भारत में पोषण और खाद्य संस्कृति का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। आयुर्वेद के जनक ऋषि चरक ने लगभग 100 ईसा पूर्व में ही यह बताया था कि बादाम, पिस्ता, काजू, अखरोट, खुबानी और अनार जैसे मेवे न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि शरीर को शक्ति, ऊर्जा और दीर्घायु प्रदान करते हैं।

डॉ. के. टी. अचया की किताब Indian Food और हालिया वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि इन खाद्य पदार्थों का सेवन न केवल पोषण देता है, बल्कि बीमारियों से भी सुरक्षा करता है।

मेवे: स्वास्थ्य के प्राकृतिक रक्षक (Nuts: The Natural Guardians of Health)

हाल के वैज्ञानिक शोधों ने बादाम को ‘मेवों की रानी’ कहा है। यह प्रोटीन, मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, फाइबर, विटामिन E, रिबोफ्लेविन और फाइटोस्टीरॉल का उत्कृष्ट स्रोत है।

स्वास्थ्यवर्धक अन्य मेवे:

  • काजू: ऊर्जा और आयरन का स्रोत
  • अखरोट: ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर
  • पिस्ता: हृदय रोगों में सहायक
  • खजूर और किशमिश: रक्तवर्धक और एनर्जी बूस्टर
  • खुबानी: त्वचा के लिए लाभदायक

चिकित्सीय लाभ:

  • रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण
  • मस्तिष्क सक्रियता में वृद्धि
  • हृदय और हड्डियों की सुरक्षा

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कार्यात्मक खाद्य पदार्थ क्या हैं? (What Are Functional Foods?)

कार्यात्मक या फंक्शनल खाद्य पदार्थ वे हैं जो सामान्य पोषण से आगे बढ़कर स्वास्थ्य सुधार, रोग प्रतिरोधक क्षमता और मानसिक संतुलन बनाए रखने में योगदान करते हैं।

इनका मुख्य उद्देश्य केवल पेट भरना नहीं, बल्कि शरीर के भीतर संतुलन और उपचार सुनिश्चित करना है।

उदाहरण:

  • जई (Oats)
  • बाजरा, रागी, ज्वार (Millets)
  • सोया प्रोटीन (Soy Protein)
  • दही और दूध (Yogurt and Milk)
  • हरी सब्जियाँ व फल (Green Vegetables and Fruits)

भारतीय पारंपरिक खाद्य पदार्थ और उनके लाभ (Traditional Indian Functional Foods and Their Benefits)

  1. मोटे अनाज (Millets) – फाइबर, कैल्शियम और आयरन से भरपूर, डायबिटीज़ नियंत्रण में सहायक।
  2. दही (Yogurt) – प्रोबायोटिक्स का स्रोत, पाचन को मज़बूत करता है।
  3. हल्दी (Turmeric) – एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से युक्त।
  4. अदरक और लहसुन (Ginger & Garlic) – शरीर में संक्रमण से रक्षा और रक्त शुद्धिकरण में सहायक।
  5. चाय और कॉफी (Tea & Coffee) – सीमित मात्रा में सेवन से एंटीऑक्सीडेंट की आपूर्ति।

कार्यात्मक खाद्य पदार्थ/English Functional foods

बच्चों और वयस्कों के लिए पोषण मार्गदर्शन (Nutritional Guidance for Children and Adults)

हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान (NIN) के अनुसार, स्वस्थ भोजन का आधार विविधता में है।

  • बच्चों को प्रतिदिन दूध, मेवे और फल खाने की सलाह दी जाती है।
  • वयस्क तीन कप दूध और सप्ताह में कुछ बार मेवों या अंडों का सेवन कर सकते हैं।
  • मांसाहारी व्यक्ति अंडा, मछली, चिकन या मटन खाकर प्रोटीन और खनिजों की पूर्ति कर सकते हैं।

संतुलित आहार की आदतें (Building a Balanced Diet Habit)

  • केवल गेहूं और चावल पर निर्भर न रहें, मोटे अनाज शामिल करें।
  • मक्खन व घी सीमित मात्रा में सेवन करें।
  • भोजन पकाते समय हल्दी, दालचीनी, अदरक और लहसुन का उपयोग करें।
  • सप्ताह में एक दिन फल और मेवों को प्राथमिकता दें।
  • पर्याप्त पानी और नियमित शारीरिक गतिविधि बनाए रखें।

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वैज्ञानिक दृष्टिकोण और आधुनिक सलाह (Scientific Perspective and Modern Recommendations)

हेल्थलाइन (Healthline) जैसी वैज्ञानिक वेबसाइटें सुझाव देती हैं कि कार्यात्मक खाद्य पदार्थों को दैनिक आहार में शामिल करने से मधुमेह, मोटापा और हृदय रोगों का जोखिम कम होता है।

इसके अतिरिक्त, ये खाद्य पदार्थ लंबे समय तक ऊर्जा देते हैं, मूड सुधारते हैं और उम्र बढ़ने के प्रभावों को भी धीमा करते हैं।

कार्यात्मक खाद्य पदार्थ/English Functional foods

बेहतर स्वास्थ्य के लिए भारतीय थाली (Building a Healthier Indian Plate)

भारत की पारंपरिक थाली स्वयं में एक “संतुलित आहार योजना” है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का उत्तम संयोजन होता है।

  • दाल: प्रोटीन का आधार
  • सब्जियाँ: विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट
  • अनाज: ऊर्जा
  • दही: प्रोबायोटिक तत्व
  • फल: प्राकृतिक शर्करा और फाइबर

निष्कर्ष (Conclusion)

स्वास्थ्यवर्धक भोजन केवल खाने का तरीका नहीं बल्कि जीवनशैली का हिस्सा है। कार्यात्मक खाद्य पदार्थ हमें शारीरिक, मानसिक और रोग प्रतिरोधक शक्ति देते हैं।

भारतीय पारंपरिक भोजन को आधुनिक पोषण विज्ञान से जोड़कर एक नया स्वास्थ्य मॉडल विकसित किया जा सकता है, जो देश की खाद्य परंपरा और चिकित्सा ज्ञान दोनों को सम्मान देता हो।

तो आइए, संतुलित और कार्यात्मक भोजन को अपनी थाली में जगह दें और लंबे, स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएँ।

 

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लेखक: डॉ. डी. बालसुब्रमण्यन

 

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