Sunday, December 7, 2025
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एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य world yoga day

एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य
एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य

21 जून को जब सूरज आसमान में सबसे ऊंचा होता है, तब पूरी दुनिया योग की ऊर्जा से भर जाती है। यह दिन है एक ऐसा दिन जो न सिर्फ तन को मजबूत करता है, बल्कि मन को भी शांत करता है। योग कोई नया ट्रेंड नहीं है, बल्कि भारत की हज़ारों साल पुरानी वो देन है, जिसे आज दुनिया सिर झुकाकर स्वीकार कर रही है।

योग क्या है?

संस्कृत शब्द ‘योग’ का अर्थ है ‘जुड़ना’ – आत्मा का परमात्मा से मिलन। योग शरीर, मन और आत्मा को संतुलन में लाने की एक वैज्ञानिक पद्धति है। यह मानसिक तनाव को कम करता है, शरीर को स्वस्थ रखता है और आत्मा को शांति प्रदान करता है। नियमित योग अभ्यास से व्यक्ति ज्यादा अनुशासित, केंद्रित और सकारात्मक बनता जाता है।

सूर्योदय से पहले उठकर निपटे नित्य क्रिया
सदा निरोगी काया जिसकी, जीवन वही जिया

योग का इतिहास और परंपरा

भारत में योग की परंपरा हजारों वर्षों पुरानी है। प्राचीन ऋषि-मुनियों ने योग के माध्यम से ध्यान, समाधि और आत्मज्ञान प्राप्त किया। पतंजलि ने योगसूत्र लिखकर योग को एक व्यवस्थित रूप दिया। भगवद गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कई प्रकार के योग जैसे कर्मयोग, भक्तियोग और ज्ञानयोग का उपदेश दिया। यह भारत की वह देन है जिसने पूरे विश्व को स्वस्थ जीवन जीने का मार्ग दिखाया। योग दिवस केवल एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि एक संकल्प है — स्वस्थ शरीर, शांत मन और संतुलित जीवन की ओर बढ़ने का। आधुनिक जीवन की भागदौड़ में योग एक संजीवनी की तरह है जो न केवल रोगों से बचाता है, बल्कि मन को भी शांत रखता है। हमें चाहिए कि हम रोज योग करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें, ताकि हम एक स्वस्थ और सुखी समाज का निर्माण कर सकें।

‘योग करें, रोग भगाएं; स्वस्थ जीवन अपनाएं

21 जून 2025 को योग दिवस की 11वीं वर्षगाँठ समारोहबद्ध रूप से मनायी गई। इस वर्ष की थीम “Yoga for One Earth, One Health” है, जो विश्व स्वास्थ्य, पर्यावरणीय संतुलन और व्यक्तिगत कल्याण को एक सूत्र में पिरोती है। यह G20 के “One Earth, One Family, One Future” विजन से गहरे ज़रिये प्रेरित है इस थीम के अंतर्गत, पूरे विश्व में लोग प्रेरक संदेश, UGC, HD इमेज और सोशल-मीडिया कैप्शन साझा करते हुए योग और पर्यावरण के बीच के गहरे सम्वन्ध को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं ।

देशव्यापी सामूहिक आयोजन
  • योग संगम (Yoga Sangam): भारत में 100,000+ स्थानों पर समन्वित रूप से योगाभ्यास किया गया, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री मोदी ने विशाखापत्तनम से किया — यह एक विश्व रिकॉर्ड हेतु किया गया प्रयास
  • कुरुक्षेत्र का ऐतिहासिक रिकॉर्ड: स्वामी रामदेव की अगुवाई में एक लाख से अधिक लोगों ने एकसाथ योगाभ्यास किया
  • दिल्ली मेट्रो की विशेष व्यवस्था: लोगों की सहज भागीदारी हेतु दिल्ली में मेट्रो सेवाओं को सुबह 4 बजे तक प्रारंभ किया गया
  • 3. क्षेत्रीय पहलें एवं युवा सहभागिता
  • कर्नाटक: राज्य सरकार ने पहली बार 5 लाख से अधिक व्यक्तियों के लिए ‘योग संगम’ कार्यक्रमों की शुरुआत की ।
  • गोरखपुर: स्थानीय महिला किसानों हेतु ऑनलाइन व ऑफ़लाइन सत्र, जिसमें ताड़ासन, भुजंगासन, त्रिकोणासन जैसे सरल आसनों की जानकारी दी गई
  • लखनऊ: भाषा विद्यालयों, युवा समुदायों की भागीदारी को देखते हुए योग कैम्पों, वर्कशॉप, व वेबिनार का आयोजन हुआ ।
  • काचार (असम): प्रशासन द्वारा ग्रामीण-शहरी समुदायों और स्कूलों में इंटर-डिपार्टमेंटल प्रचार अभियान चलाया गया।

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स्वास्थ्य के लिए योग: प्रत्यारोपण और मन-शरीर संतुलन
  • रात की बेहतर नींद: Bedtime phone use को रोकने, और ध्यानयुक्त आसनों (जैसे सुप्ता बद्ध कोणासन, विपरित करनी, बालासन) के जरिए नींद की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर
  • मानसिक स्वास्थ्य लाभ: तनाव, चिंता, अवसाद से निजात पाने एवं शारीरिक लचीलापन प्राप्त करने में योग की भूमिका महत्वपूर्ण मानी गई ।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का प्रभाव
  • वैश्विक योग शिखर सम्मेलन: 14 जून, 2025 को दिल्ली में “Yoga for One Earth One Health” थीम पर हाइब्रिड सम्मेलन हुआ जिसमें अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और आध्यात्मिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया
  • Signature Events: भारत सरकार ने 10 प्रमुख कार्यक्रम तय किए — Yoga Bandhan, Yoga Samavesh, Yoga Connect आदि — जो सामुदायिक स्वास्थ्य जागरूकता, वैश्विक साझेदारी और समावेशी प्रदर्शन को बढ़ावा देते हैं
  • योग, प्रकृति और पारिस्थितिक संतुलन

यह थीम स्पष्ट करती है कि व्यक्ति का स्वास्थ्य पृथ्वी के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है ।
योग की सरल तकनीकें—प्राणायाम, ध्यान, यम-नियम—हमें पृथ्वी, अन्य जीवों एवं वातावरण के प्रति समझदारी और करुणा विकसित करने में मदद करती हैं ।

भागीदारी और आगे की राह
  • MDNIY की Count-down पहल: मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान ने मार्च 13 से 100‑दिन की गिनती शुरू की, जिसमें आयोजित मिलन, कार्यशालाओं के माध्यम से लोगों से जुड़ाव बढ़ाया गया
  • ऑनलाइन और मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म: IYA ऐप के जरिए लोग स्थानीय क्लासेस, शिक्षकों और कार्यक्रमों से जुड़ रहे हैं
  • स्थानीय क्रियाएँ: स्कूलों, कॉलेजों, स्वास्थ्य केंद्रों व सार्वजनिक स्थलों में नियमित योग क्लासेस, जागरूकता व पौधारोपण अभियान चलाए जा रहे हैं ।

“Yoga for One Earth, One Health” केवल एक थीम नहीं, बल्कि एक जागृति है—जो व्यक्तिगत स्वास्थ्य को धरती के स्वास्थ्य से जोड़ती है। यह हमें आत्म-देखभाल, मानसिक संतुलन और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के बीच सामंजस्य सिखाता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 इस सामूहिक संकल्प को मजबूत बनाता है:

“मैं योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर खुद को और हमारी धरती को स्वस्थ बनाऊँगा।”

योग के प्रत्येक आसन और प्रत्येक प्राणायाम के साथ हम प्रकृति से जुड़ते हैं—और यह जादू है जो हमें व्यक्तिगत से वैश्विक स्तर तक जोड़ता है।

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– सारिका असाटी

 

 

 

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