ऑस्ट्रेलियाई मार्सुपियल जीव एंटेकिनस कम नींद लेता है
यदि आपको पता चले कि आपकी ज़िंदगी के बस तीन हफ्ते बचे हैं तो आप अपने आखिरी समय में क्या करना चाहेंगे? ऑस्ट्रेलियाई मार्सुपियल जंतु एंटेकिनस के नर का अपने आखिरी समय में उद्देश्य स्पष्ट होता है- अधिक से अधिक संभोग।
- हालिया अध्ययन में पता चला है कि इस समय में वे अधिक से अधिक प्रणय करने के लिए अपनी नींद तक दांव पर लगा देते हैं।
- यह तो हम जानते हैं कि नींद लगभग हर जंतु के लिए ज़रूरी है।
- मनुष्यों में नींद की कमी से स्मृति ह्रास, पकड़ पर नियंत्रण में कमी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।
- लेकिन ऐसा देखा गया है कुछ परिस्थितियों में उत्तरजीविता के लिए कुछ प्रजातियाँ अपनी नींद से समझौता कर सकती हैं।
नींद से समझौता
- 2012 में ला ट्रोब युनिवर्सिटी के निद्रा विशेषज्ञ जॉन लेस्कु ने यह अध्ययन किया था।
- पेक्टोरल सैंडपाइपर नामक पक्षी के नर अपने तीन हफ्ते के प्रजनन काल में अधिकतर समय (95 प्रतिशत) जागते रहते हैं।
- नींद से समझौते का उन्हें फल भी मिलता है: जो पक्षी कम सोते हैं उनकी अधिक संतानें होती हैं।
- इन नतीजों ने लेस्कू को एंटेकिनस के बारे में यह जानने के लिए प्रेरित किया कि
- क्या वे भी प्रजनन सफलता को अधिकतम करने के लिए नींद से समझौता करते हैं?
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एंटेकिनस का जीवनकाल
- गौरतलब है कि चूहे जैसे दिखते हैं छोटे, झबरीले नर एंटेकिनस (Antechinus swainsonii)।
- इसका जीवनकाल मात्र एक साल का होता है।
- जिसमें उनके जीवन के आखिरी तीन हफ्ते उनका प्रजनन काल होता है।
- इसके बाद नर एंटेकिनस मर जाते हैं।
- मादा एंटेकिनस का जीवन नर से थोड़ा लंबा होता है।
- वे अपने शिशुओं की देखभाल के लिए करीब 2 महीने और जीवित रहती हैं।
- लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में कुछ मादाएं दो प्रजनन काल यानी दो साल तक जीवित रह सकती हैं।
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प्रजनन काल से पूर्व और पश्चात
- शोधकर्ताओं ने 15 एंटेकिनस का प्रजनन काल से पहले और प्रजनन काल के दौरान प्रयोगशाला में अध्ययन किया।
- उनकी गतिविधि समझने के लिए उन पर कॉलर आईडी लगाए। मस्तिष्क गतिविधियों (खासकर नींद) पर नज़र रखने के लिए उनमें सेंसर प्रत्यारोपित किए।
- टेस्टोस्टेरॉन में परिवर्तन को देखने के लिए उनके रक्त के नमूने लिए। नरों को अलग-अलग रखा गया था,इसलिए उनमें वास्तविक संभोग नहीं हुआ।
- टीम ने पाया कि नर एंटेकिनस ने प्रजनन काल में अपनी नींद में प्रति दिन औसतन 3 घंटे की कटौती की थी।
- यहां तक कि एक नर ने अपनी दैनिक नींद आधी कर दी थी।
- यह भी पाया गया कि नींद की कमी से उनका टेस्टोस्टेरॉन का स्तर बढ़ गया था, जिससे लगता है कि उनके अधिकाधिक प्रजनन की प्रवृत्ति में यह हारमोन मदद करता है।
- इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने एंटेकिनस एजिलिस नामक एक अन्य प्रजाति के प्राकृतवास में रह रहे जीवों का अध्ययन किया।
एंटेकिनस में नींद की कमी
- 38 नर और मादा के प्रजनन काल के दौरान रक्त के नमूने लिए। करंट बायोलॉजी में उन्होंने बताया है कि इन जीवों में ऑक्सेलिक अम्ल का स्तर कम पाया गया, जो नींद की कमी का द्योतक है।
- और तो और, प्रेम-आतुर नर, मादाओं को भी सोने नहीं दे रहे होंगे।
- हालांकि टीम ने यह नहीं देखा है कि क्या वास्तव में नींद गंवाकर अधिकाधिक संभोग करने से नर की अधिक संतान पैदा हुई या नहीं।
- लेकिन उनका ऐसा अनुमान है कि इस व्यवहार का संभवत: यही कारण होगा।
- फिर भी, नींद में कटौती करने के बावजूद एंटेकिनस दिन का लगभग आधा समय सोते हुए बिता रहे थे।
- जो इस बात का प्रमाण है कि नींद कितनी महत्वपूर्ण है।
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अनसुलझे सवाल
- बहरहाल, कुछ अनसुलझे सवालों के जवाब पाने के लिए अधिक अध्ययन की ज़रूरत है।
- जैसे क्या प्रकृति में रह रहे एंटेकिनस को भी उतनी ही नींद की ज़रूरत होती है जितनी प्रयोगशाला में पल रहे एंटेकिनस को,
- प्रजनन काल के दौरान, नींद की कमी से नर और मादा के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ते हैं,
- और वे इससे निपटने के लिए क्या करते हैं?
नींद मतलब सोना ही नहीं है
- इस संदर्भ में यह ध्यान में रखना ज़रूरी है कि नींद लेने का हमारा तरीका ही एकमात्र तरीका नहीं है।
- विभिन्न तरह के जंतुओं ने नींद लेने के अपने तरीके विकसित किए हैं। और हमें इस बारे में बहुत कुछ सीखने-समझने की ज़रूरत है।
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