Saturday, September 13, 2025
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अतिलाभकारी है खजूर/ Dates are very beneficial

 

अतिलाभकारी है खजूर/ Dates are very beneficial
अतिलाभकारी है खजूर/ Dates are very beneficial

शीतकाल में खजूर सबसे अधिक लोकप्रिय मेवा माना जाता है। घर में प्रयोग किया जाने वाला यह खाद्य फल है। जिसे अमीर-गरीब सब बड़े चाव से खाते हैं। खजूर रेगिस्तानी सूखे प्रदेश का फल है। प्रकृति की यह अनुपम देखा ऐसे प्रदेशों देशों के लिए ही है, जहां जिन्दगी बड़ी कठिन होती है और जहां बरसात या पीने के पानी की कमी होती है। इसीलिए इसके खाने का प्रचलन ज्यादातर सूखे रेगिस्तानी इलाकों में ही होता है। सूखे खजूर को छुहारा या खारकी कहते हैं। पिंड खजूर भी इसका दूसरा नाम है।

खाने के अलावा अन्य मिष्ठान्न व बेकरी में भी इसका उपयोग किया जाता है।

  • इसका मुरब्बा, अचार व साग भी बनता है।
  • खजूर से बना द्रव्य शहद खूब लज्जतदार होता है और यह शहद दस्त, कफ मिटाकर कई शारीरिक पीड़ाओं को दूर करता है।
  • श्वास की बीमारी में इसका शहद अत्यन्त लाभप्रद होता है। इससे पाचन शक्ति बढ़ती है तथा यह ठंडे या शीत गुणधर्म वाला फल माना जाता है।
  • सौ ग्राम खजूर में 4 ग्राम चर्बी, 2 ग्राम प्रोटीन, 8 ग्राम का र्बोदित पदार्थ, 22 मिली ग्राम कैल्शियम, 38 मिली ग्राम फास्फो रस प्राप्त होती है। विटामिन ए, बी, सी, प्रोटीन, लौह तत्व, पोटेशियम और सोडियम जैसे तत्व मौजूद रहते हैं। बच्चों से लेकर बूढ़े, बीमार और स्वस्थ सभी इसे खा सकते हैं।

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  • खजूर खाने के पहले इसे अच्छी तरह से धो लेना चाहिए। क्योंकि पेड़ पर खुले में पकते हैं तथा बाजार में रेहड़ी वाले बिना ढके बेचते हैं, जिस पर मक्खी मच्छर बैठने का अंदेशा रहता है।
  • आजकल खजूर छोटी पैकिंगों में भी मिलते हैं। वे दुकानदार स्वयं पोली थी न में पैक कर अपनी दुकान का नाम लगा देते हैं।
  • वे इतने साफ नहीं होते। वैज्ञानिक ढंग से पैक किए खजूर ही खाने चाहिए।
  • विशेषज्ञों के अनुसार 100 ग्राम से अधिक खजूर नहीं खाने चाहिएं। इससे पाचन शक्ति खराब होने का भय रहता है।
  • अगर कोई बहुत ही दुबला पतला हो तो खजूर खाकर दूध पीने से उसका वजन भी बढ़ जाता है। यद्यपि खजूर हर प्रकार से गुण का रक है, परन्तु इसमें विरोधाभास भी पाया जाता है।
  • शीतकाल में जो इसे खाते हैं वे इसे गरम मानते हैं।
  • आयुर्वेद ग्रंथों में इसे शीतल गुण वाला माना है। इसलिए गरम तासीर वालों को यह खूब उपयोगी व माफिक आता है।
  • ठंडा आहार जिनके शरीर के अनुरूप नहीं होता। उन्हें खजूर नहीं खाना चाहिए।
  • जिन्हें खजूर न पचता हो, उन्हें नहीं खाना चाहिए। यह वायु प्रकोप को मिटाता है। पित्तनाशक है। पित्तवालों को घी के साथ खाने से असरदायक होता है।
  • यह मीठा स्निग्ध होने से थोड़े प्रमाण में पित्त करता है परन्तु गुड़, शक्कर, केले व अन्य मिठाइयों से कम पित्त करता है।
  • कफ के रोगी को चने के दलिये (भुने हुए चने) के साथ खाना चाहिए। धनिए के साथ खाने से कफ का नाश होता है।
  • यह औषधि का काम तो करता ही है। व्रण, लौह विकार, मूर्च्छा, नशा चढ़ना, क्षय-रोग, वार्धक्य, कमजोरी, गरमी वगैरह के साथ कमजोर मस्तिष्क वालों के लिए भी यह दवा का काम करता है।
  • खजूर मां संवर्द्धक होने के कारण शाकाहारी लोगों की अच्छी खुराक माना जाता है।
  • बच्चों को पूरा खजूर न देकर उसकी गुठली निकाल टुकड़े कर खिलाना चाहिए।
  • खजूर एक तरह से अमृत के समान है।
  • यह आंखों की ज्योति व याददाश्त भी बढ़ाता है।
  • दांतों से लहू निकले या मसूड़े खराब आंतों यह दवा का काम करता है।
  • इसके खाने से बाल कम झड़ते हैं। खजूर व उसका शहद एक तरह से कुदरत की अनुपम देन। इसलिए खूब खाएं व खूब खिलाएं।

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– सारिका असाटी
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