
FOP (Fibrodysplasia Ossificans Progressiva) एक ऐसी दुर्लभ और पीड़ादायक बीमारी है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। दुनिया भर में आज भी इसके मात्र 8000 ज्ञात मामले हैं। यह बीमारी धीरे-धीरे व्यक्ति की मांसपेशियों और स्नायु ऊतकों को हड्डियों में बदल देती है, जिससे शरीर जड़ होता जाता है और अंततः यह रोग जानलेवा साबित होता है।
हड्डियाँ वहाँ, जहाँ नहीं होनी चाहिए / Bones where they shouldn’t be
FOP बीमारी में शरीर के कंकाल की मांसपेशियाँ, स्नायु और कंडराएँ हड्डियों में बदल जाती हैं। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे शरीर के जोड़ों को कठोर बना देती है और हरकत करना असंभव हो जाता है।
FOP से ग्रसित व्यक्ति में सामान्यतः जन्म से ही कुछ असामान्यताएँ पाई जाती हैं, जैसे बड़े पैर के पंजे। परंतु बाकी लक्षण समय के साथ उभरते हैं- जैसे गर्दन, कंधे, कोहनी, कूल्हे, घुटने, कलाइयाँ और जबड़ा धीरे-धीरे अकड़ने लगता है।
बीमारी का कारण: एक दोषपूर्ण जीन / Cause of disease: A faulty gene
यह बीमारी जेनेटिक होती है। इसका प्रमुख कारण है एक जीन ACVR1, जिसे ALK2 भी कहते हैं। यह जीन सामान्यतः भ्रूण में कंकाल निर्माण और बाद में उसकी मरम्मत में सहायक होता है। लेकिन जब इसमें म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) होता है, तो यह अत्यधिक सक्रिय हो जाता है।
इस अति-सक्रियता के कारण, मांसपेशियों की स्टेम कोशिकाएं गलती से हड्डियों में बदलने लगती हैं। यह रोग पहले इतना रहस्यमय था कि 2006 से पहले इसकी जेनेटिक प्रकृति का पता ही नहीं था।
अनुसंधान में रुचि क्यों?/ Why the interest in research?
ऐसी दुर्लभ बीमारी के इलाज में व्यावसायिक दिलचस्पी न होना स्वाभाविक है, क्योंकि रोगी ही बहुत कम हैं। फिर भी, इस क्रूर रोग की भयावहता और इससे जुड़े जैविक संकेतों की जटिलता के कारण दुनिया भर की 13 से अधिक फार्मा कंपनियाँ इसके इलाज पर काम कर रही हैं।
यह शोध इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हड्डी निर्माण से जुड़ी अन्य बीमारियों की समझ में भी मदद मिल सकती है।
पहली सफलता: पैलोवैरोटीन / First breakthrough: palovarotene
2023 में अमेरिका के FDA ने पहली बार FOP के इलाज के लिए एक दवा को मंजूरी दी- पैलोवैरोटीन (Palovarotene)।
इस दवा के परीक्षण में पाया गया कि यह नई हड्डी बनने की दर को लगभग 60% तक कम कर सकती है।
लेकिन समस्याएँ भी हैं: / But there are also problems:
- पैलोवैरोटीन बीमारी को रोकती नहीं, बस उसकी गति धीमी करती है।
- यह दवा बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती, क्योंकि यह उनके सामान्य हड्डी विकास को बाधित कर सकती है।
- सबसे बड़ी चुनौती है इसकी कीमत – सालाना लगभग $624,000 (करीब 5 करोड़ रुपये)।
सर्जरी और दीर्घकालिक योजना / Surgery and long term planning
एक संभावना यह भी है कि यदि दवा बीमारी को रोकने में सफल हो जाए, तो डॉक्टर सर्जरी के माध्यम से शरीर में गलत जगह उगी हड्डियों को निकाल सकें। हालांकि, FOP में सर्जरी एक जोखिमभरा कदम है क्योंकि इससे नए घाव और नई हड्डियाँ बन सकती हैं।
गैरेटोस्मैब: एक और आशा की किरण / Garetosumab: Another ray of hope
Regeneron नामक अमेरिकी कंपनी ने गैरेटोस्मैब (Garetosmab) नामक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी विकसित की है। इसका कार्य एक प्रोटीन एक्टिविन-ए (Activin-A) को निष्क्रिय करना है, जो ALK2 को अधिक सक्रिय बना देता है।
हालाँकि इसके परीक्षणों के परिणाम आशाजनक रहे, लेकिन एक गंभीर समस्या सामने आई- परीक्षण के दौरान 5 मरीज़ों की मृत्यु हो गई। इसके चलते यह दवा अभी विवाद और जांच के घेरे में है।
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जापानी अनुसंधान का दृष्टिकोण / Japanese research approach
जापान के एक शोध समूह ने यह पाया कि ALK2 जीन का दोषपूर्ण संस्करण Activin-A की मौजूदगी में अधिक सक्रिय हो जाता है। इस आधार पर कुछ अन्य शोध दल ऐसे अणुओं को लक्षित कर रहे हैं जो हड्डी बनने से पहले उपास्थि (cartilage) के बनने की प्रक्रिया को रोक सकें। यही रणनीति पैलोवैरोटीन में अपनाई गई थी।
भविष्य की दिशा: जीन थैरेपी और अन्य विकल्प / Future Direction: Gene Therapy and Other Options
कई शोध दल अब सीधे-सीधे ALK2 जीन को लक्षित कर रहे हैं। इस पर आधारित जीन थैरेपी, RNA आधारित उपचार, और छोटे अणुओं की मदद से जीन की क्रियाविधि को नियंत्रित करने पर काम चल रहा है।
लेकिन समस्याएं हैं: / But there are problems:
- हड्डी निर्माण का यह मार्ग शरीर की सामान्य प्रक्रिया में भी हस्तक्षेप कर सकता है।
- इन उपचारों के दीर्घकालिक प्रभाव अभी ज्ञात नहीं हैं।
- नैतिक और लागत संबंधित प्रश्न भी सामने आ रहे हैं।
एक लंबी और महंगी लड़ाई / A long and costly battle
FOP बीमारी का उपचार विज्ञान, चिकित्सा और मानव जिज्ञासा का अनोखा संगम है। यह रोग जितना दुर्लभ है, उतना ही क्रूर भी। इसकी उपचार प्रक्रिया अब प्रारंभ हो चुकी है, लेकिन यह राह महंगी, जटिल और दीर्घकालिक है।
शायद एक दिन वैज्ञानिक इस रोग का सम्पूर्ण इलाज खोज लेंगे। लेकिन तब तक, हमें इन प्रयासों की सराहना करनी चाहिए और यह समझना चाहिए कि कभी-कभी विज्ञान सबसे जटिल पहेलियों को हल करने में वर्षों लगा देता है — और हर प्रयास, चाहे छोटा हो या बड़ा, एक आशा की किरण जरूर लेकर आता है।
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