बचें जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों से
जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए दिनचर्या, खान-पान और रहन-सहन अनुशासित होना जरूरी है। इसके लिए सबसे ज्यादा ध्यान अपने संतुलित आहार व और शारीरिक गतिविधियों पर देना चाहिए।

युवा हों या बुजुर्ग, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से बचने के उपाय सभी को करने चाहिए।
उन्हें दिनचर्या नियंत्रित करने के साथ-साथ सेहतमंद भी रहना जरूरी होता है।
तो इसके लिए क्या किया जाए।
इसके लिए दिनचर्या, खान-पान और रहन-सहन अनुशासित होना जरूरी है।
इसके लिए सबसे ज्यादा ध्यान अपने आहार और शारीरिक गतिविधियों पर देना चाहिए।
ज्यादा जीआई (ग्लाइसेमिक इंडेक्स) वाले खाने की बजाय कम जीआई वाला खाना खाएँ, जैसे कि सफेद पॉलिश चावल की बजाय ब्राउन राइस खाएँ।
ब्राउन राइस
- ब्राउन राइस में 8.6 जीआई होता है।
- जो क्रॉनिक बीमारियों के खतरे को कम करता है।
- विशेषज्ञों की मानें तो वजन कम करने के लिए कम जीआई वाला ब्राउन राइस सबसे बेहतरीन विकल्प है।
- अक्सर लोग मानते हैं कि चावल खाना सेहत के लिए तंदुरुस्त नहीं है, लेकिन यह आधा सत्य है।
ब्राउन राइस में फाइबर
- ज्यादा फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से युक्त ब्राउन राइस ने इस भ्रांति को खत्म कर दिया है।
- नेशनल कैंसर इंस्टीटयूट ने दिन में 25 ग्राम फाइबर के सेवन का परामर्श दिया है।
- एक कप ब्राउन राइस तकरीबन 3.5 ग्राम डाइटरी फाइबर देता है।
फाइबर के फायदे
- फाइबर मोटे लोगों का वजन कम करने और उनके शौच को संतुलित रखता है।
- यह पेट संबंधी विकारों को कम करने में मदद करता है।
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ब्राउन राइस में प्रोटीन
- ब्राउन राइस में लाइस नाम का अमीनो एसिड होता है इसलिए इसे प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत माना जाता है।
डाइट में शामिल करें
- इसके अलावा जौ, साबुत अनाज, दही, दूध, बिना स्टार्च के फल व सब्जियाँ, फलियां व दालें भी अपनी डाइट में शामिल करें।
बुजुर्ग रखें ध्यान
- जैसा कि ऊपर कहा है, केवल युवाओं को ही फिट रहने की ज़रूरत है, ऐसा नहीं है, बल्कि बुजुर्गों को भी इसकी सख्त जरूरत होती है।
- उन्हें संतुलित आहार के साथ एक्सरसाइज की भी ज़रूरत होती है।
- भले ही एक्सरसाइज की तीव्रता थोड़ी कम हो।
- बुजुर्गों की शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए यह उतना ही ज़रूरी है जितना कि युवाओं और बच्चों के लिए।
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बुजुर्गों की समस्या
- उम्र के साथ-साथ हृदय रोगों, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक का खतरा बुजुर्गों में अधिक रहता है।
- उम्र के इस पड़ाव पर सेहत संबंधी परेशानियों से सुरक्षित रहने और मानसिक सेहत को बनाए रखने के लिए पर्याप्त एक्सरसाइज की ज़रूरत होती है।
कैसा व्यायाम है ज़रूरी
- बुज़ुर्गों को अपनी फिटनेस बनाए रखने के लिए 150 मिनट की तीव्र से लेकर सामान्य प्रकार की एक्सरसाइज हर हफ़्ते करने की ज़रूरत होती है।
- लगातार एक्सरसाइज करने की बजाय 10-10 मिनट के अंतराल पर एक्सरसाइज करें।
- अधिक लाभ के लिए मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूती प्रदान करने वाली एक्सरसाइज हफ्ते में कम से कम दो बार करें।
- इससे संतुलन बनता है और पॉस्चर में भी सुधार होता है। इससे गिरने का खतरा कम हो जाता है।
- यदि किसी को सेहत संबंधी कोई परेशानी है तो उन्हें अपने डॉक्टर की सलाह पर एक्सरसाइज का चुनाव करना चाहिए।
कैसे करें शुरूआत
- किसी भी प्रकार की फिजिकल एक्टिविटी करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
- जो एक्टिविटी आपको सबसे अधिक पसंद हो, उसकी प्रैक्टिस ज्यादा करें। इससे वह आपके रूटीन में शामिल हो जाएगा।
- धीरे-धीरे शुरूआत करें। किसी भी एक्टिविटी का समय बढ़ाना है, तो उसमें केवल 10 मिनट ही जोड़ें।
इनका रखें ध्यान
- यदि तबीयत ठीक नहीं लग रही, तो कुछ दिनों के लिए एक्सरसाइज न करें, ठीक होने के बाद शुरू कर सकते हैं।
- कोई भी व्यायाम करने से पहले वॉर्मअप करना ज़रूरी है।
- जॉगिंग या वॉकिंग के लिए फिटिंग के जूते पहनें।
- जब कोई एक्टिविटी कर रहे हों, तो अधिक मात्रा में पानी पिएं, लेकिन अपने डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।