प्रोटीन और फाइबर का भंडार है गेहूं / Wheat is a storehouse of protein and fiber
गेहूँ, अंकुरित गेहूं और गेहूं के चोकर में शरीर का शोधन करने और उसे स्वस्थ रखने की अद्भुत शक्ति है। गेहूँ में पाए जाने वाले पोषक तत्वों में फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम आदि प्रमुख हैं। अंकुरित गेहूं तो शरीर के लिए अमृत है। चोकर से ब्लडप्रेशर, कब्ज़ व वायु–रोग और शारीरिक कमजोरी दूर होती है।
स्वाद और सेहत का खजाना गेहूं
गेहूं हमारे दैनिक आहार के प्रयोग में आने वाला सबसे पहला और अत्यंत आवश्यक धान्य है।
इसमें शरीर का शोधन करने और उसे स्वस्थ रखने की अद्भुत शक्ति है।
गेहूं में मौजूद पोषक तत्वों में फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम आदि प्रमुख हैं।
इसका इस्तेमाल आमतौर पर आटे के रूप में किया जाता है।
गेहूं का आटा स्वाद से भरपूर होता है और सेहत के लिए भी फायदेमंद है।
लेकिन इसके साथ ही गेहूं का इस्तेमाल अन्य तरीकों से भी किया जाता है, जैसे इसका दलिया और इसे अंकुरित करके खाना।
बहुत से लोग शायद ये नहीं जानते होंगे कि अंकुरित गेहूं भी सेहत के लिए उतना ही फायदेमंद है जितना इससे बनी अन्य चीज़ें।
यहां तक कि अन्य अंकुरित अनाजों की तुलना में इसे अंकुरित करके खाना कहीं ज्यादा फायदेमंद है।
अंकुरित गेहूं हमारे शरीर के उपापचय का स्तर बढ़ाने के साथ-साथ विषैले पदार्थों को निष्प्रभावी भी करता है।
गेहूं के छोटे-छोटे पौधों (व्हीट ग्रास) में एक प्रकार का रस होता है, जो असाध्य और कैंसर जैसे भयंकर रोगों को भी दूर कर सकता है।
भगंदर, बवासीर, मधुमेह, गठियावात, पीलिया, ज्वर, दमा और खांसी जैसे रोग भी इस रस से दूर किए जा सकते हैं।
आइए, जानते हैं गेहूँ के फायदे –
प्रोटीन का स्त्रोत
- गेहूँ प्रोटीन का एक प्रमुख स्त्रोत है।
- विशेष रूप से अंकुरित गेहूँ तो प्रोटीन से भरा होता है।
- इसके नियमित सेवन से शरीर में प्रोटीन की कमी कभी नहीं होगी।
रक्त निर्माण
- गेहूँ शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद पहुँचाता है।
- गेहूँ का शर्बत
- गेहूँ का शर्बत शारीरिक स्फूर्ति और शक्ति देता है।
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ऐसे बनाएँ
- एक बर्तन में गेहूँ डालें और इससे दुगुना पानी डालकर बारह घण्टे तक भीगने दें।
- फिर इसे छानकर पानी में शहद मिलाकर पिएँ।
- इस प्रकार गेहूँ का पानी नित्य पीने से कोई रोग पास नहीं आएगा।
मूत्र की जलन
- रात को 12 ग्राम गेहूँ 250 ग्राम पानी में भिगो दें।
- प्रात: छान कर उस पानी में 25 ग्राम मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन दूर होती है।
पथरी
- गेहूं और चनों को पानी में उबाल कर उसका औटा हुआ पानी पिलाने से गुर्दों और मूत्राशय की पथरी गल जाती है।
हड्डी का टूटना
- हड्डी टूटने पर 12 ग्राम गेहूं की राख इतने ही शहद में मिलाकर चाटने से टूटी हड्डियां जुड़ जाती हैं।
- कमर और जोड़ों के दर्द में भी आराम होता है।
चर्मरोग
- चर्मरोगों विशेषत: खर्रा, दुष्ट अकौता तथा दाद जैसे कठिन, गुप्त एवं सूखे चर्म रोगों में यह बहुत फायदेमंद होता है।
- गेहूं को गर्म तवे पर खूब अच्छी तरह भून लें, जब तक कि वो राख की तरह न हो जाए।
- फिर उसे खरल में खूब अच्छी तरह पीस कर शुद्ध सरसों के तेल में मिलाकर संबंधित स्थान पर लगाएँ।
- कई वर्षों के असाध्य एवं पुराने चर्म रोग भी ठीक होते हैं।
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खांसी
- 20 ग्राम गेहूं और 9 ग्राम सेंधा नमक को पाव भर पानी में औटाएँ।
- एक-तिहाई पानी रहने पर छानकर पिलाने से सात दिन में खांसी मिट जाती है।
कुत्ते काटे की पहचान
- गेहूं की कच्ची रोटी कुत्ता के काटे हुए स्थान पर बांध दें।
- थोड़ी देर बाद उसे खोलकर किसी अन्य कुत्ते को खाने को दें।
- यदि उसे कुत्ता खा ले तो समझें कि काटने वाला कुत्ता पागल नहीं है।
दस्त, अमातिसार
- सौंफ को पीसकर पानी में मिलाएँ, फिर छान कर इससे गेहूँ का आटा ओसण कर रोटी बना कर खाने से लाभ होता है।
अंकुरित गेहूं
- गेहूं के अंकुर अमृत जैसे हैं।
- इनमें शरीर की रक्षा के लिए आवश्यक सभी विटामिन प्रचुर मात्रा में मिलते हैं।
- गेहूं के अंकुर खाने से सभी रोग दूर हो जाते हैं।
- अंकुरित गेहूं नपुंसकता दूर करते हैं
- शरीर की कई समस्याओं को कम करने से लेकर पेट संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने तक में अंकुरित गेहूं फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
- यही नहीं जब गेहूं को अंकुरित किया जाता है तब इसके पोषक तत्वों में कई गुना वृद्धि हो जाती है।
आइए जानें अंकुरित गेहूं को डाइट में शामिल करने के कुछ फायदों के बारे में।
- अंकुरित गेहूं को बिना पकाये ही खाएं। स्वाद के लिए गुड़ या किशमिश मिलाकर खा सकते हैं।
संतानोत्पत्ति के लिए
- इससे विटामिन-ई भरपूर मिलता है।
- यह स्वास्थ्य एवं शक्ति का भण्डार है।
- नपुंसकता एवं बांझपन में यह लाभकारी है।
- संतानोत्पत्ति के लिए 25 ग्राम अंकुरित गेहूं तीन दिन और फिर तीन दिन इतने ही अंकुरित उड़द पर्यायक्रम से खाने चाहिए।
- यह प्रयोग कुछ महीने करें।
मेटाबॉलिज्म बढ़ता है
- गेहूं को अंकुरित करके खाने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
- जब आप ब्रेकफास्ट में अंकुरित गेहूं को शामिल करते हैं तब काफी देर तक पेट भरा हुआ महसूस करता है।
- जिससे आप भोजन की अति से बच जाते हैं।
- जिससे शरीर का वजन नहीं बढ़ता है और शरीर स्वास्थ्य भी रहता है।
ब्लड की सफाई
- यह शरीर में बनने वाले कई टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर ब्लड को साफ़ करने में मदद करता है।
पाचन को सुचारु बनाए
- कमजोर पाचन वाले लोगों को अपनी डाइट में अंकुरित गेहूं जरूर शामिल करने चाहिए।
- फाइबर से भरपूर होने की वजह से अंकुरित गेहूं पाचन पतंत्र को सुचारु बनाए रखने में मदद करते हैं।
- और मल त्याग की प्रक्रिया को भी आसान बनाते हैं।
- यह पेट साफ़ करने में मदद करता है।
- जिन लोगों को हर वक्त पाचन संबंधी समस्या रहती है उनके लिये अंकुरित गेहूं बहुत अच्छा माना जाता है।
पोषक तत्व
- हर तरह के अंकुरित अनाजों में एंटीआक्सीडेंट, विटामिन -ए, बी और विटामिन- ई पाया जाता है।
- इसको खाने से कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन और जिंक की आपूर्ति होती है।
हड्डियों को मजबूत बनाए
- अंकुरित गेहूं में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में मदद करता है।
- इसे अपनी डाइट में शामिल करने से हड्डियों की कई समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
ऐसे तैयार करें अंकुरित गेहूं
- करीबन एक कप गेहूं के बीज में एक कप या डेढ़ कप ठंडा पानी डालें।
- गेहूं के बीजों को अच्छी तरह से मिलाएं ताकि वे समान रूप से पानी में मिल जाएं।
- बीज को 6 से 12 घंटे के लिए भीगने के लिए छोड़ दें।
- इसके बाद पानी निथार लें। बीजों को ठंडे पानी से सावधानी से धो लें और फिर से छान लें।
- गेहूँ के अंकुरण के लिए को कमरे के तापमान (लगभग 70 डिग्री) में सेट करें। इसे सीधे धूप से दूर रखना होगा।
- हालांकि, उन्हें छिपाएं नहीं क्योंकि अंकुर निकलने के लिए गेहूं को वायु परिसंचरण पसंद है।
- हर 8 से 12 घंटे में कई बार पानी से धोकर बाहर निकाल लें।
- इसमें अच्छी तरह अंकुर निकल आते हैं। इन्हें हल्का स्टीम करके अपनी डाइट में शामिल करें।
इस प्रकार अंकुरित गेहूं सेहत की लिए बेहद फायदेमंद हैं और इन्हें अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
चोकर के लाभ
- गेहूं के आटे को मैदे की छलनी से छान लें और जो चोकर यानी चापड़ या भूसी निकले उसे तवे पर सेंक लें।
- उसे इतना सेंकें कि वह लाल हो जाए, कच्ची न रहे और जले भी नहीं।
- फिर इस सिंकी हुई चोकर को दूध-शक्कर पानी में डालकर खूब उबालें व छानकर पिएं।
- इसका स्वाद कॉफ़ी के समान होगा और तुरन्त स्फूर्ति मालूम होगी, क्योंकि इसमें प्रोटीन अधिक होता है।
- इससे ब्लडप्रेशर, हार्टअटैक, कब्ज़ व वायु-रोग में फायदा होगा और शारीरिक कमजोरी दूर करने में तो इसका कोई जवाब ही नहीं है।
लेकिन गेहूं, अंकुरित गेहूं और गेहूं के चोकर के इस्तेमाल से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।