सौंफ के बीज के कई स्वास्थ्य संबंधी फायदे
भोजन में प्रयोग के साथ सौंफ के बीज के कई स्वास्थ्य संबंधी फायदे भी हैं। यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीबैक्टिरियल प्रभाव प्रदान करते है। सौंफ के सूखे बीज लो कैलोरी और माइक्रो तथा मैक्रोन्यूट्रिएंट्स सहित विभिन्न पोषक तत्वों के भंडार हैं। सौंफ के बीज मुख्य रूप से विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के, खनिज तत्वों – कैल्शीयम, मैग्नीशियम, ज़िंक, पोटैशियम, सेलेनियम एवं आयरन तथा पॉलिफेनॉल जैसे एंटीआक्सीडेंट, रेशों एवं एनेथॉल जैसे कार्बनिक यौगिकों से भरपूर होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार सौंफ त्रिदोषनाशक बुद्धिवर्द्धक, कफ नाशक, पाचक एवं नेत्र ज्योतिवर्द्धक आदि गुणों से युक्त है। यूनानी चिकित्सा में सौंफ का सत्व कफ और वात संबंधी रोगों में दिया जाता है। यह अग्निदीपक बलकारक के साथ-साथ वात रोग, उदरशूल दाह, अर्श, नेत्र रोग, कफ रोग, तृषा वमन और आम रोगों को दूर करती है। सौंफ में एक एसेंशियल सुगंधित तेल होता है जो एंटी बैक्टीरियल गुणों से युक्त होता है। यह सांसों को ताजगी से भरता है।
औषधीय उपयोग
- समान मात्रा में सौंफ और मिसरी का चूर्ण एक-एक चम्मच सुबह-शाम पानी के साथ दो माह तक लेने से आँखों की रोशनी बढ़ती है तथा आँखें मजबूत होती हैं। मोतियाबिंद रूक जाता है।
- बेल का गूदा 10 गरम और 5 गरम सौंफ सुबह-शाम चबाकर खाने से अजीर्ण मिटता है और अतिसार में लाभ होता है।
- सौंफ और जीरा 2-2 चम्मच हल्का भूनकर, 1 चम्मच काला नमक मिलाकर पीस कर चूर्ण तैयार कर लें। भोजन के बाद गुनगुने पानी से लें। यह उत्तम पाचक चूर्ण है।
- सौंफ 25 गरम, छोटी हरड़ 50 गरम, मिसरी या चीनी 50 गरम लेकर बारीक चूर्ण बना लें। रात्रि में सोते समय 5 गरम मात्र गुनगुन जल में लें। कब्ज दूर होगा। मंदाग्नि दूर होगी, गैस एवं आफरा में आराम मिलेगा।
- यदि आपको पेट दर्द होता है तो भुनी हुई सौंफ चबाएँ, शीघ्र आराम मिलेगा। सौंफ की ठंडाई बनाकर पीने से गर्मी शांत होती है और जी मिचलाना बंद हो जाता है।
- यह मस्षि्तक की कमजोरी के अतिरित्त दुर्बलता एवं चक्कर आने जैसी समस्या में लाभकारी है।
- पेट में वायु का प्रकोप हो तो दाल अथवा सब्जी में सौंफ का छौंका लगाएँ।
- सोते समय गुनगुने पानी के साथ सौंफ के चूर्ण खाने से कब्ज में फायदा होता है।
- थोड़ी-सी सौंफ पानी में उबालकर मिश्री मिलाकर पीने से दो-तीन में ही खट्टी डकारों की समस्या ठीक होती है।
- सौंफ रत्त शोधक एवं चर्मरोग नाशक है। रोजाना सुबह-शाम एक चम्मच सौंफ सुबह-शाम सेवन करने से त्वचा में चमक आती है।
- हाथ-पांव में जलन हो तो बराबर मात्रा में सौंफ-धनिया और मिश्री का चूर्ण आधा-आधा चम्मच रोजाना लेने से कुछ ही दिनों में आराम हो जाता है।
- संग्रहणी यानी आँत की कमजोरी हो तो भोजन के बाद नियमित रूप से आधी कच्ची, आधी भुनी हुई सौंफ का सुबह-शाम समय सेवन करें।
- पाचनक्रिया में गड़बड़ के कारण उत्पन्न हुई मुंह की दुर्गंध दूर करने के लिए सौंफ को ऐसे ही चबाकर चूसें।
- गर्भावस्था के दौरान प्रतिदिन भोजन के बाद सुबह-शाम सौंफ चबाते रहने से संतान रंग साफ होता है।
नोट – किसी भी नुस्खे को आजमाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।