Tuesday, October 7, 2025
Homeविशेषलाइफ स्टाइलप्रसन्न रहने के उपाय/ways to be happy

प्रसन्न रहने के उपाय/ways to be happy

 

प्रसन्न रहने के उपाय/ways to be happy
प्रसन्न रहने के उपाय/ways to be happy
  • जब व्यक्ति प्रसन्न होता है तो वह नाचता है, गाता है, गुनगुनाता है, हंसता है, मुस्कुराता है, हाथ मिलाता है, चूमता है, दूसरों को स्पर्श करता है, दूसरों को आलिंगनबद्ध करता है तथा इसी प्रकार की अन्य चेष्टाएँ या क्रियाएँ करता है। प्रसन्नता की अवस्था में व्यक्ति अपने प्रियजनों के लिए उपहार खरीदता है अथवा किसी ज़रूरतमंद व्यक्ति की सहायता के लिए आगे आता है। जब व्यक्ति किसी भी वजह से प्रसन्न होता है तो वह अपनी प्रसन्नता दूसरों पर प्रकट करना चाहता है, दूसरों से बाँटना चाहता है तथा दूसरों के लिए कुछ करना चाहता है ताकि वे भी प्रसन्नता का अनुभव कर सकें और इस प्रकार अपनी प्रसन्नता को चिरस्थायी बनाना चाहता है।
  • कहने का तात्पर्य यह है कि प्रसन्नता की अवस्था में व्यक्ति की मनोदशा में सकारात्मक परिवर्तन आता है। अब यदि व्यक्ति सामान्य अवस्था में अथवा विषम प्रतिकूल परिस्थितियों में भी उन क्रियाओं को दोहराता है जिन्हें वह प्रसन्नता की अवस्था में दोहराता है तो भी उसकी मनोदशा पर सकारात्मक प्रभाव ही पड़ेगा।
  • उपरोक्त किसी भी क्रिया के करने या दोहराने से व्यक्ति को स्वाभाविक रूप से प्रसन्नता होगी ही और प्रसन्नता का अर्थ है दबाव से मुक्त तनावरहित तथा चिंतारहित मनोदशा। ऐसी अवस्था में शरीर में स्थित अंतःस्रावी ग्रंथियाँ उपयोगी हार्मोंस उत्सर्जित कर हमें रोगमुक्त तथा स्वस्थ बनाती हैं तथा स्वस्थ व्यक्ति की जीवनीशक्ति के स्तर में वृद्धि कर उसे निरंतर आरोग्य प्रदान करती हैं।
  • अतः उपरोक्त क्रियाओं को अपनी आदत में शामिल कर लें, इनकी कंडीशनिंग कर लें। जब भी अवसर मिले। नाचें-गाएँ, गुनगुनाएँ, हँसें और मुस्कुराएँ। इन क्रियाओं को दोहराने के लिए अवसर तलाश करें और यदि अवसर न भी मिले तो यूँ ही जब जी चाहे, एकांत एवं फुर्सत के क्षणों में इन क्रियाओं को दोहराएँ।

Read this also – थकान की बढ़ती समस्या/increasing problem of fatigue

  • हँसना तो अपने आप में एक चिकित्सा पद्धति है। कई लोगों का अनुमान है कि बनावटी हँसी का कोई लाभ नहीं लेकिन ऐसा नहीं है। रोगों या व्याधियों का स्वरूप भी प्रायः मनोदैहिक होता है जो बनावटी जैसा ही होता है। हमारे मन ने मान लिया तो रोगी और नहीं माना तो निरोग। हंसने में भी यही नियम लागू होता है। हंसने का प्रयास कीजिए। यदि प्रयास करके भी हंसी आ जाती है तो वो भी वास्तविक हंसी से कम नहीं।
  • हंसने के दौरान जो सबसे महत्त्वपूर्ण घटना होती है वो यह कि उस समय आपका सारा चिंतन समाप्त हो जाता है। मन में किसी भी प्रकार के विचार नहीं आते। मन निर्मल हो जाता है। यही हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य का आधार है। हंसने या उपरोक्त अन्य क्रियाओं का मनःस्थिति पर सकारात्मक प्रभाव अवश्य पड़ेगा। ये क्रियाएं जितना सचेष्ट और सचेत होकर की जाएंगी, उतनी ही लाभदायक होंगी। उसी उत्साह से की जाएँ जिस उत्साह से प्रसन्नता की स्थिति में की गई हैं तो अवश्य प्रसन्नता प्रदान करेंगी।
  • प्रसन्नता की अवस्था में हम कोई न कोई रचनात्मक या सृजनात्मक कार्य करते हैं तो रचनात्मक कार्य से भी हमें स्वाभाविक रूप से प्रसन्नता की प्राप्ति होती है। समाज सेवा या कोई हॉबी अपनाने से भी जीवन में प्रसन्नता के अवसर आते हैं। इन कार्यों से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है जिससे हमारी स्वाभाविक उपचारक शक्ति का विकास होता है जो हमारी प्रसन्नता का मूल है।
  • इसके अतिरिक्त अन्य मनोरंजक क्रियाएँ खेल-कूद तथा शिल्प कलाओं का अभ्यास भी व्यक्ति की प्रसन्नता के स्तर में वृद्धि करता है। कई बार जब हम प्रसन्न होते हैं तो फिल्म देखने या कहीं बाहर घूमने चले जाते हैं अथवा मनोरंजन का अन्य कोई विकल्प तलाशते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि प्रसन्नता और मनोरंजन भी एक दूसरे के पर्याय हैं, पूरक हैं।
  • इसके विपरीत स्थिति देखिए। काम का बोझ है अतः मानसिक तनाव भी स्वाभाविक है। ऐसी दशा में प्रसन्नता कहाँ? लेकिन इस स्थिति में परिवर्तन ला दिया जाए तो प्रसन्नता दूर नहीं। कार्य करने के स्थान को छोड़कर कहीं अन्यत्रा चले जाएँ, कहीं घूमने, पिकनिक पर अथवा फिल्म देखने। आप लौटेंगे तो प्रसन्नचित्त और उत्साहित होकर और इस मानसिक दशा में शेष कार्य को शीघ्र समाप्त कर लेंगे। इस प्रकार का स्थान परिवर्तन मन में भाव परिवर्तन के लिए आवश्यक है, अतः थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद बाहर घूमने जाएं। साल में एक दो बार पूरे परिवार के साथ लंबी छुट्टियां लेकर भी बाहर घूमने जाएं।

प्रसन्नता – जीवन का सबसे बड़ा वरदान/Happiness – the greatest blessing in life

जब व्यक्ति प्रसन्न होता है तो वह नाचता है, गाता है, हंसता है, मुस्कुराता है, दूसरों को गले लगाता है, मदद करता है। प्रसन्नता केवल एक भावना नहीं बल्कि पूरे शरीर और मन के लिए औषधि है। यह तन और मन दोनों को स्वस्थ बनाती है।

प्रसन्न रहने के उपाय/ways to be happy

प्रसन्नता बाँटना – खुशियों का गुणा करना/Spreading Happiness – Multiplying Happiness

प्रसन्न व्यक्ति अपनी खुशी दूसरों से साझा करना चाहता है। वह उपहार देता है, मदद करता है, मुस्कुराकर स्वागत करता है। इससे उसके भीतर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। जब हम खुशी बाँटते हैं तो वह और भी बढ़ जाती है।

सामान्य जीवन में प्रसन्नता लाने के उपाय/Ways to bring happiness into everyday life

सिर्फ विशेष अवसर पर ही नहीं, सामान्य जीवन में भी प्रसन्नता लायी जा सकती है। जब मन उदास हो, तब भी नाचें, गुनगुनाएँ, मुस्कुराएँ। मन चाहे न करे, फिर भी इन क्रियाओं को दोहराने से मन धीरे-धीरे प्रसन्न होने लगता है।

Read this also – वास्तु और भाग्य/Vaastu and destiny

शरीर में हार्मोन का संतुलन/hormonal balance in the body

प्रसन्नता की अवस्था में शरीर की अंतःस्रावी ग्रंथियाँ उपयोगी हार्मोन का उत्सर्जन करती हैं। ये हार्मोन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। स्वस्थ शरीर में रोग कम होते हैं और ऊर्जा अधिक रहती है।

रचनात्मक कार्य खुशी का स्रोत/Creative work – a source of happiness

प्रसन्न मन रचनात्मक कार्यों की ओर प्रेरित होता है। चित्रकला, लेखन, संगीत, बागवानी, सिलाई आदि हॉबी अपनाकर भी जीवन में आनंद लाया जा सकता है। ये कार्य मन को संतुलित करते हैं और मानसिक तनाव कम करते हैं।

समाज सेवा खुशी का साझा अनुभव/Social Service – A Shared Experience of Happiness

ज़रूरतमंदों की मदद करने से आत्मसंतोष मिलता है। समाज सेवा, रक्तदान, अनाथालय में मदद जैसे कार्य मानसिक शांति देते हैं। इससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

मनोरंजन – प्रसन्नता का विस्तार/Entertainment – ​​the extension of happiness

फिल्म देखना, खेल खेलना, दोस्तों के साथ घूमना, शिल्पकला का अभ्यास करना – ये सब मन को हल्का बनाते हैं। नियमित मनोरंजन से मानसिक संतुलन बना रहता है और जीवन में उत्साह बना रहता है।

यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है लेख पसंद आये तो इसे ज़्यादा से ज्यादा शेयर कर्रे| अपने विचार और सुझाव कमेंटबॉक्स में ज़रूर लिखे|

– सारिका असाटी

 

 

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments