
वर्ष 2025 में पूर्ण चंद्र ग्रहण विशेष संयोग लेकर आ रहा है।
यह ग्रहण 7 सितंबर 2025, रविवार को भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पड़ेगा।
🔭 यह चंद्र ग्रहण भारत सहित कई देशों में दिखाई देगा, और ज्योतिष शास्त्र में इसका विशेष महत्व माना गया है।
⏰ भारतीय समय अनुसार ग्रहण का समय:
स्पर्श (ग्रहण की शुरुआत) : रात 9:57 बजे
मोक्ष (ग्रहण का अंत) : रात 1:27 बजे
कुल अवधि : लगभग 3 घंटे 30 मिनट
🕉️ सूतक काल प्रारंभ : दिन में 12:57 बजे से ही मान्य होगा।
सूतक काल में भोजन, पूजा-पाठ, व्रत आदि कर्म वर्जित होते हैं। केवल मंत्र जाप, ध्यान और ईश्वर आराधना करना शुभ रहता है।
🪔 ग्रहण काल में क्या करें?
✅ इस समय अपने गुरु मंत्र, इष्ट देवता, कुलदेवता के मंत्रों का जाप करें।
✅ ध्यान, साधना एवं मौन व्रत करना अत्यंत फलदायक होता है।
✅ गर्भवती स्त्रियों को विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
♈ चंद्र ग्रहण का राशियों पर प्रभाव
🔮 आइए जानते हैं किस राशि के लिए यह चंद्र ग्रहण शुभ, अशुभ या सामान्य फल देने वाला रहेगा:
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✅ शुभ प्रभाव वाली राशियाँ:
मेष
वृषभ
कन्या
धनु
⚠️ अशुभ प्रभाव वाली राशियाँ:
कर्क
वृश्चिक
मकर
मीन
⚖️ मध्यम प्रभाव वाली राशियाँ:
मिथुन
सिंह
तुला
🔵 विशेष सावधानी:
यह चंद्र ग्रहण पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र तथा कुंभ राशि मंडल पर घटित हो रहा है, अतः कुंभ राशि वालों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
🌪️ प्राकृतिक प्रभाव और सावधानियाँ
इस ग्रहण के प्रभाव से कुछ प्राकृतिक आपदाएँ जैसे कि:
तेज आंधी-तूफान
पवन वेग
चक्रवात
हिमपात या बर्फीली घटनाएँ
देखने को मिल सकती हैं।
विशेषतः गर्भवती महिलाओं को इस काल में अतिरिक्त सावधानी रखनी चाहिए।
🕉️ उपसंहार
यह चंद्र ग्रहण एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस समय “ॐ नमः शिवाय”, “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” जैसे मंत्रों का जाप करना विशेष फलदायी होता है।
📿 ध्यान रखें: ग्रहण केवल खगोलीय घटना नहीं, यह जीवन को प्रभावित करने वाला ऊर्जा परिवर्तन है। इसे गंभीरता से लें और सदाचरण अपनाएं।
🔖 लेखक: वेदमूर्ति आचार्य, पंडित विशेष ज्योतिर्विद

