Friday, September 12, 2025
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चमगादड़ की कहानी और शिक्षा/The story and lesson of bats

चमगादड़ की कहानी और शिक्षा/The story and lesson of bats
चमगादड़ की कहानी और शिक्षा/The story and lesson of bats

परिचय | Introduction

कहानी सुनाना केवल मनोरंजन नहीं बल्कि शिक्षा (Education) का भी माध्यम है। यह छोटी सी कहानी “न पशु न पक्षी” हमें जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण सबक देती है।

कहानी: न पशु न पक्षी | Story: Na Pashu Na Pakshi

एक बार पशुओं और पक्षियों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। दोनों ने अपनी-अपनी सेनाएं बनाई और युद्ध की तैयारी करने लगे।

एक चमगादड़ (Bat) पेड़ से लटका हुआ सब देख रहा था।

पक्षियों का निमंत्रण | Invitation from Birds

पक्षियों ने चमगादड़ से कहा:
“हमारी सेना में शामिल हो जाओ।”
लेकिन चमगादड़ ने कहा:
“मैं उड़ तो सकता हूँ, पर तकनीकी रूप से मैं पक्षी नहीं, बल्कि पशु हूँ।”
पक्षियों ने उसे छोड़ दिया और आगे बढ़ गए।

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पशुओं का निमंत्रण | Invitation from Animals

बाद में जब पशु वहां पहुंचे, उन्होंने चमगादड़ को अपने साथ आने के लिए कहा।
लेकिन उसने फिर कहा:
“मैं तो पक्षी हूँ, तुम्हारी सेना में कैसे शामिल हो सकता हूँ?”

इस तरह उसने दोनों पक्षों से किनारा कर लिया।

परिणाम | The Result

सौभाग्यवश विवाद खत्म होकर पशु और पक्षियों के बीच समझौता हो गया। जब चमगादड़ अपने ठिकाने से बाहर निकला और पक्षियों के पास गया, तो उन्होंने कहा —
“तुम तो पशु हो, यहां से भागो।”

जब वह पशुओं के पास पहुंचा तो उन्होंने कहा —
“तुम हमारी जासूसी करने आए हो, निकल जाओ।”

अंततः चमगादड़ को दोनों पक्षों ने ठुकरा दिया और वह अकेला पड़ गया।

कहानी की शिक्षा | Moral of the Story

जो व्यक्ति किसी एक पक्ष में खड़ा नहीं होता, उसका कोई मित्र नहीं होता।

यह कहानी हमें सिखाती है कि निर्णय लेने में हिचकिचाहट और दबाव में तटस्थ रहना अंततः नुकसान ही पहुँचाता है।

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