तुरन्त डॉक्टर से मिलें
विश्व स्वास्थ्य दिवस की शुभकामनाएँ। अपने स्वास्थ्य को लेकर हम सभी सतर्क रहते हैं। हमारे पास हर छोटी-मोटी शारीरिक समस्या का घरेलू उपचार मौजूद है, जिसे आजमाया जा सकता है। लेकिन यदि आपको ऐलोपैथी की दवा ही लेनी है तो स्वयं डॉक्टर न बनें, न किसी की बताई दवा लें। तुरन्त डॉक्टर से मिलें।
न बनें स्वयं डॉक्टर
थोड़ी सी सर्दी या जुकाम हो, लोग तुरंत कोई गोली गटक लेते हैं।
फार्मेसी में जाकर अपनी समस्या बता कर, जो वे दें वह गोली लेकर आ जाते हैं।
परिवार में कॉमन टेबलेट्स के बारे में सबको पता होता है कि सर्दी है तो ये गोली खालो।
जुकाम, बुखार, दस्त, गैस की समस्या, है तो ये सीरप ले लो।
दाँत में दर्द, सिर दर्द या मांस पेशी में दर्द होने पर लोग तुरंत अपनी मर्जी से कोई गोली खा लेते हैं।
लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से यह बिल्कुल भी सही नहीं है।
कई बार ऐसा करना बहुत ही ज्यादा नुकसान भी पहुँचा सकता है।
इसीलिए किसी भी ऐलोपैथी दवा के सेवन से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
इसके कई कारण हैं
एक तो यह कि ऐलोपैथी गोलियों के साइड इफेक्ट्स बहुत ज्यादा होते हैं।
ये जितना हमारी एक बीमारी को ठीक करते हैं, उससे ज्यादा दूसरी बीमारी को शुरू कर सकते हैं।
दूसरा यह कि कई बार ऐसा करने से, चूंकि हमें अपनी बीमारी की असली जड़ नहीं पता होता है। अंदर ही अंदर कोई भयंकर बीमारी बढ़ती चली जाती है।
जिसका पता हमें तब चलता है जब वह बीमारी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
छोटी-मोटी शारीरिक समस्या का घरेलू उपचार
- जहाँ तक छोटी-मोटी समस्याओं के लिए आयुर्वेदिक दवाओं और घरेलू जड़ी-बुटियाँ लेने की बात है, इनका कोई घातक साइड इफेक्ट नहीं होेता है।
- जैसे खांसी को अदरक के रस, पान और शहद सेवन से ठीक किया जा सकता है।
- या फिर गरम दूध-हल्दी के सेवन से ठीक किया जा सकता है।
- जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
- इसी प्रकार पेट में दर्द होने पर हींग, नींबू, खाने का सोडा, अजवाइन-काले नमक का सेवन किया जा सकता है।
- सिर में दर्द होने पर जलनेति या दूध-जलेबी का सेवन फायदा करता है।
- लहसुन या सरसों का गुनगुना तेल कान दर्द को ठीक करता है।
कहने का मतलब यह है कि हमारे पास हर छोटी-मोटी शारीरिक समस्या का घरेलू उपचार मौजूद है, जिसे आजमाया जा सकता है।
लेकिन यदि आपको ऐलोपैथी की दवा ही लेनी है तो स्वयं डॉक्टर न बनें, न किसी की बताई दवा लें।
तुरन्त डॉक्टर से मिलें।