
करें वृक्षारोपण जरूर
अनुमान है कि भारत के प्रत्येक व्यक्ति पर लगभग 28 पेड़ हैं। उच्च जनसंख्या घनत्व और लंबे समय से हो रही वनों की कटाई के कारण यह संख्या इतनी ही रह गई है। करें वृक्षारोपण जरूर
वृक्षों की गणना
- पृथ्वी पर कितने पेड़ हैं, कुछ साल पहले इसका विस्तृत विश्लेषण किया गया था।
- वृक्षों की गणना के इस विश्व स्तरीय प्रयास में ज़मीनी वृक्षों की गणना प्रादर्श के आधार पर की गई थी।
- उपग्रहों से प्राप्त तस्वीरों के साथ रखकर उन आंकड़ों को देखा गया था।
- और फिर एक परिष्कृत एल्गोरिदम की मदद से आंकड़ों का विश्लेषण करके वृक्षों की कुल संख्या का अनुमान लगाया गया था।
- अध्ययन का अनुमान था कि हमारी पृथ्वी पर करीब तीस खरब पेड़ हैं।
- यह संख्या चौंकाने वाली है, क्योंकि यह पूर्व में वैज्ञानिकों द्वारा लगाए गए सभी अनुमानों से बहुत ज़्यादा है।करें वृक्षारोपण जरूर
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अध्ययन का निष्कर्ष
- विश्व में प्रति व्यक्ति औसतन 400 से थोड़े अधिक पेड़ हैं।
- उपग्रह चित्रों से यह भी पता चला कि ये पेड़ पृथ्वी पर किस तरह वितरित हैं।
दक्षिण अमेरिकी वर्षा वनों में
- पृथ्वी पर मौजूद कुल पेड़ों का 15-20 प्रतिशत हिस्सा दक्षिण अमेरिकी वर्षा वनों में है।
कनाडा और रूस में
- इसके बाद बारी आती है कनाडा और रूस में फैले बोरियल जंगलों या टैगा में शंकुधारी (कोनिफर) वनों की।
- शंकुधारी वृक्षों की इस प्रचुरता के परिणामस्वरूप, कनाडा का प्रत्येक बाशिंदा लगभग 9000 वृक्षों से ‘समृद्ध’ है।
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मध्य पूर्वी द्वीप राष्ट्र बाहरीन में
- इसके ठीक विपरीत, मध्य पूर्वी द्वीप राष्ट्र बाहरीन के 15 लाख वासियों को मात्र 3100 पेड़ों का सहारा है।
- यहां प्रति वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में मात्र पांच पेड़ हैं।
अन्य ऑक्सीजन स्रोत
- यह गौरतलब है कि पृथ्वी के विशाल क्षेत्र अपेक्षाकृत कम पेड़ों वाले घास के मैदान हैं। कुल मिलाकर, घास उतनी ही ऑक्सीजन बना सकती है जितना कि दुनिया भर के पेड़।
- फिर, हमारे पास समुद्री सायनोबैक्टीरिया और शैवाल हैं – इन सूक्ष्मजीवों के प्रकाश संश्लेषण से उतनी ही ऑक्सीजन बनती है जितनी कि सभी स्थलीय पेड़-पौधों से।
- पेड़ ऑक्सीजन बनाने के अलावा वातावरण से कार्बन हटाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
- लाखों साल पहले उगे पेड़ दलदल में डूबने और दबने के बाद धीरे-धीरे कोयले में बदल गए।
- इस तरह उन्होंने कार्बन को बहुत लंबे समय तक वायुमंडल में जाने से थामे रखा।
- बिजली पैदा करने के लिए थर्मल पावर प्लांट में कोयले को जलाया जाता है।
- इससे कार्बन को वायुमंडल में वापस जाने से रोकने की पेड़ों की सारी मेहनत पर फटाफट पानी फिर जाता है।
- साथ ही साथ वायुमंडल में कार्बन डाईऑक्साइड घुलने से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ जाती है।
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भारत का वन आवरण
- हमारे अपने देश के लिए अनुमान है कि
- भारत के प्रत्येक व्यक्ति पर लगभग 28 पेड़ हैं।
- उच्च जनसंख्या घनत्व और लंबे समय से हो रही वनों की कटाई के कारण यह संख्या इतनी ही रह गई है।
- बांग्लादेश, जिसका जनसंख्या घनत्व भारत से तीन गुना अधिक है, वहां प्रति नागरिक छह पेड़ हैं।
- नेपाल और श्रीलंका दोनों देशों में प्रति व्यक्ति सौ से थोड़े अधिक पेड़ हैं।
- भारत की भौगोलिक विविधता के चलते प्राकृतिक वन क्षेत्र में बड़ा फर्क है।
- पश्चिमी घाट और पूर्वी घाट में, पूर्वोत्तर भारत में और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में नम उष्णकटिबंधीय वनों का घना आच्छादन है। वहाँ उच्च वर्षा और समृद्ध जैव विविधता देखी जाती है।
- अरुणाचल प्रदेश का अस्सी प्रतिशत भूक्षेत्र वनों से आच्छादित है।
- वहीं राजस्थान में यह वन आच्छादन 10 प्रतिशत से भी कम है।
- भारत के एक-तिहाई हिस्से को वन आच्छादित बनाने की वन नीति के लक्ष्य को हासिल करने के लिए लंबा समय लगेगा।
- पुनर्वनीकरण के प्रयास इस लक्ष्य को हासिल करने में योगदान देते हैं।
- लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अधिक महत्वपूर्ण है वनों की कटाई को रोकना।
- इस मामले में दक्षिणी राज्यों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
- भारत राज्य वन रिपोर्ट (ISFR) 2021 की रिपोर्ट के अनुसार
- वन आवरण में सबसे अच्छा सुधार करने वाले तीन राज्य हैं कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु।
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