Saturday, September 13, 2025
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होली 2025 पर चंद्र ग्रहण

होली 2025 पर चंद्र ग्रहण
होली 2025 पर चंद्र ग्रहण
होली 2025 पर चंद्र ग्रहण: सूतक काल, होलिका दहन मुहूर्त और प्रभाव

होली 2025 पर चंद्र ग्रहण  होली का त्योहार भारत सहित पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाता है। यह रंगों, प्रेम और नई ऊर्जा का प्रतीक होता है। होली का यह पर्व और भी विशेष होने जा रहा है क्योंकि इसी दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है।  चंद्र ग्रहण का समय और सूतक काल कब लगेगा तथा इसका विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।


होली और होलिका दहन का महत्व / significance of holi and holika dahan

होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को उसके ही वरदान के कारण भस्म कर दिया था। तभी से होलिका दहन की परंपरा चली आ रही है, जिसमें बुराई का अंत कर अच्छाई की स्थापना की जाती है।

होलिका दहन के अगले दिन रंगों की होली मनाई जाती है। यह दिन खुशियों, मेल-मिलाप और नए संबंधों को मजबूत करने का होता है।

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होली 2025 पर चंद्र ग्रहण का संयोग / Association of lunar eclipse on holi

होली के दिन 14 मार्च 2025 को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है। यह चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 10:23 बजे से दोपहर 3:02 बजे तक रहेगा। हालांकि, यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका धार्मिक प्रभाव और सूतक काल मान्य नहीं होगा।

सूतक काल और उसके नियम / Sutak period and its rules

सूतक काल को धार्मिक दृष्टि से अशुभ समय माना जाता है जब शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए। चंद्र ग्रहण के दिन सूतक 9 घंटे पहले लगता है लेकिन चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए यहां सूतक मान्य नहीं होगा।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूतक काल में पूजा-पाठ, भोजन और अन्य शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और शुद्धिकरण किया जाता है।

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होलिका दहन का शुभ मुहूर्त/ Holika dahan auspicious time

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च 2025 को रात 11:26 बजे से 12:30 बजे तक रहेगा। इससे पहले दिन में भद्रा काल रहेगा| जिसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। भद्रा का समय 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे से रात 11:26 बजे तक रहेगा। अतः होलिका दहन भद्रा समाप्त होने के बाद ही किया जाएगा।


ग्रहण का ज्योतिषीय प्रभाव / eclipse and astrological effects

चंद्र ग्रहण और ग्रहों की चाल में परिवर्तन कई राशियों को प्रभावित कर सकता है। होली के दिन सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे, जिसे मीन संक्रांति भी कहा जाता है। इस गोचर का प्रभाव विभिन्न राशियों पर इस प्रकार पड़ेगा:

सकारात्मक प्रभाव (लाभ मिलने की संभावना)

मेष राशि: करियर में तरक्की, रुके हुए कार्य पूरे होंगे।
सिंह राशि: धन लाभ, परिवार में खुशहाली।
धनु राशि: नई योजनाओं में सफलता, यात्राओं से लाभ।

नकारात्मक प्रभाव (सावधानी की जरूरत)

⚠️ वृषभ राशि: स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
⚠️ मिथुन राशि: अनावश्यक खर्च बढ़ सकता है।
⚠️ मकर राशि: कार्यक्षेत्र में बाधाएं आ सकती हैं।

क्या करें, क्या न करें?

ग्रहण के दौरान करें:
✔ मंत्र जाप और ध्यान करें।
✔ भगवान शिव और विष्णु जी की पूजा करें।
✔ ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और शुद्धिकरण करें।

ग्रहण के दौरान न करें:
✘ भोजन न करें।
✘ मंदिरों में पूजा न करें।
✘ नकारात्मक विचारों से बचें।


2025 में होली और चंद्र ग्रहण का दुर्लभ संयोग बन रहा है। हालांकि, भारत में यह ग्रहण नहीं दिखेगा, इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा। फिर भी, ग्रहों की स्थिति में बदलाव का प्रभाव राशियों पर पड़ सकता है। इस अवसर पर ध्यान और शुभ कर्म करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होगी।

आप सभी को रंगों और खुशियों से भरी होली की हार्दिक शुभकामनाएं! 🎨🌸🔥

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