
इस बार हनुमान जयंती 12 अप्रैल को है। इस दिन भक्त उपवासी रहते हैं, हनुमान जी की पूजा करते हैं। और उन्हें प्रसन्न करने की पूरी कोशिश करते हैं। हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है और उनका जन्म वायु देव की कृपा से हुआ था।
संकटमोचन हनुमान जी शक्ति, भक्ति और सेवा के प्रतीक माने जाते हैं। उनकी पूजा से जीवन में हिम्मत, सफलता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हनुमान जन्मोत्सव हिंदू धर्म का एक अहम त्योहार है, जो हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
हनुमान जयंती उपाय/Hanuman jayanti remedies
हिन्दू धर्म मे हर तिथि हर वार का धार्मिक महत्व हैI हर साल चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमानजी महाराज का जन्मोत्सव मनाया जाता हैI इस दिन माता अंजनी और वानरराज केसरी के घर भगवान हनुमान का जन्म हुआ थाI इस दिन को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता हैI हनुमान जयंती के अवसर पर देशभर के हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती हैं जगह-जगह भंडारे भी आयोजित किए जाते हैंI इस दिन मारुति नंदन की आराधना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैंI
57 साल बाद शुभ योग्य में मनाई जाएगी हनुमान जन्मोत्सव/Hanuman Janmotsav will be celebrated in Shubh Yogya after 57 years
पंचांग के अनुसार 57 साल बाद पंचग्रही योग में हनुमान जी का प्राकट्य उत्सव मनाया जाएगाI इससे पहले 1968 में ऐसा योग बना थाI इस बार हस्त नक्षत्र में पंचग्रही योग मीन राशि में बन रहा हैI मीन राशि के स्वामी बृहस्पति हैं. बृहस्पति और शुक्र वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैंI शुक्र मीन राशि में हैI इस विशेष योग में सूर्य, शनि और राहु की त्रियुति के साथ शुक्र और बुध का संयोग भी है। यह स्थिति धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए बेहद शुभ मानी जा रही हैI
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जरूर करें यह उपाय हनुमान जी करेंगे बेडापार/ Do this remedy, Hanuman ji will save you from all your troubles
इस दिन कई जातक हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के जतन करता हैI लेकिन इस दिन अगर हनुमान चालीसा का पाठ, हनुमत स्तोत्र का पाठ, हनुमान वडवानल स्तोत्र, हनुमान साठिका, पंचमुखी हनुमान कवच का पाठ करता हैI तो हनुमान जी महाराज काफ़ी प्रसन्न होते है और जातक के जीवन मे पारिवारिक सुख, शांति, स्वास्थ्य, सुरक्षा व दीर्घायु की का शुभ आर्शीवाद प्रदान करते हैंI
हनुमान जंयती की पूजा विधि/ Hanuman Jayanti Puja Vidhi
हनुमान जंयती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना शुभ माना जाता हैI स्वच्छ वस्त्र धारण करें लाल या नारंगी रंग के अगर घर पर ही पूजा कर रहे हैंI तो घर के मंदिर या एक साफ स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें, फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें, साथ ही भगवान राम और माता सीता की तस्वीर भी रखें, सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल, माला, जनेऊ, कलश, धूप, दीप, कपूर, नारियल, गुड़, चना, बेसन के लड्डू या बूंदी के लड्डू, केला, सूखे मेवे, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण), गंगाजल, तुलसी के पत्ते आदि, हाथ में गंगाजल, अक्षत और फूल लेकर हनुमान जयंती की पूजा का संकल्प लें।
अपनी मनोकामनाएं मन में दोहराएंI फिर सबसे पहले भगवान राम और माता सीता की पूजा करें, उन्हें फूल और नैवेद्य अर्पित करें, हनुमान जी की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं। सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर हनुमान जी को चोला चढ़ाएंI सबसे पहले बाएं पैर पर चोला चढ़ाएं हनुमान जी को नए वस्त्र और जनेऊ पहनाएं लाल रंग के फूल और माला अर्पित करें`। गुड़-चना, बेसन के लड्डू या बूंदी के लड्डू, केला, सूखे मेवे और पंचामृत का भोग लगाएंI धूप और चमेली के तेल का दीपक जलाएं, हनुमान जी की आरती करें, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है, पूजा में हुई किसी भी भूल-चूक के लिए क्षमा प्रार्थना करें।
मां सीता से मिला था अमर होने का वरदान/ Mother Seeta gave him the boon of immortality
हनुमान जी की भक्ति और समर्पण भावना को देखकर मां सीता ने बजरंगबली को नरक चतुर्दशी तिथि को अमर होने का वरदान दिया थाI यह तिथि दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती हैI हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार माने जाते हैंI कलयुग में हनुमान जी की पूजा से सबसे जल्दी इच्छा पूरी होती है हनुमान जी की पूजा करने से ग्रह पीड़ा और शनि दोष से भी मुक्ति मिलती हैI
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हनुमान जयंती का महत्व/ Importance of Hanuman Jayanti
हनुमान जयंती का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत गहरा महत्व हैI यह दिन न केवल भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, बल्कि यह भी माना जाता हैI कि इस दिन उनके दर्शन और स्मरण मात्र से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैंI यह दिन भगवान हनुमान के जन्म का स्मरण कराता है। जिन्हें भगवान शिव का रुद्रावतार माना जाता हैI उनका जन्म बुराई पर अच्छाई की विजय और धर्म की स्थापना के लिए हुआ था। हनुमान जी भगवान राम के सबसे बड़े भक्त माने जाते हैं। उनकी अटूट भक्ति और स्वामी के प्रति समर्पण भाव भक्तों को प्रेरित करता हैI इसलिए हनुमान जयंती का दिन भक्तों को उनकी भक्ति और निष्ठा से प्रेरणा लेने का अवसर देता हैI
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