
बदल रहा है महिलाओं का चेहरा महिलाओं के चेहरे एवं शरीर में लगातार बदलाव आ रहा है। समानता की मांग करने वाली महिलाओं को खुश होना चाहिए कि अब उनका चेहरा एवं शरीर कई मायनों में पुरूषों जैसा होता जा रहा है। कैरोलिना विनि के एंथ्रोपालाजी विभाग के एक शोध के अनुसार महिलाओं के चेहरे में पिछले चार सौ वर्ष अर्थात सोलहवीं शताब्दी से धीरे-धीरे लगातार बदलाव आ रहा है। अब महिलाओं का चेहरा पूर्व की अपेक्षा पुरूषों के समान बड़ा हो गया है। उनके शरीर की मृदुलता का स्थान कठोरता ने ले लिए है।
अंतर्राष्ट्रीय फोरेंसिक साइंस के हाल ही प्रकाशित जनरल के मुताबिक पहले अपराधिक केस की जांच में शव के ढांचे से पता चल जाता था कि वह पुरूष का है या महिला का किंतु अब आगे इसमें मुश्किल हो सकती है।
अमेरिकी शोध भी इसे स्वीकारते हैं। उन्होंने भी यह पाया है कि पहले की तुलना में अब महिलाओं के चेहरे की संरचना बदली है और वह बड़ा हुआ है। यह भोजन में सुधार एवं अन्य कारणों से हुआ है ऐसा वे मानते हैं।
प्लास्टिक का ज्यादा उपयोग खतरनाक आज के दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग बढ़ गया है।
इसके कंटेनर्स को अनेक प्रकार से उपयोग में लाया जा रहा है।
पानी से लेकर भोजन तक प्लास्टिक के बर्तनों व कंटेनर्स में रखा जाता है।
इसका अधिक उपयोग स्वास्थ्य के लिए खतरनाक सिद्ध हो रहा है। इसमें रखे पदार्थ स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो जाते हैं जिससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है।
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हवाई के कैंसर अस्पताल एवं मुम्बई के लीलावती अस्पताल की रिसर्च के मुताबिक प्लास्टिक अपने भीतर रखी गर्म चीजों के साथ जल्द रासायनिक प्रतिक्रिया कर उसे दूषित कर देना है।
गर्म चीजों के माध्यम से खतरनाक केमिकल हमारे शरीर के भीतर पहुंच जाते हैं।
धुएं से हृदया घात/ heart attack from smoke
- आधुनिकी करण एवं औद्योगिकी करण के कारण वातावरण में धुएं की मात्रा बढ़ गई है। बढ़ते वायु प्रदूषण से हृदय, फेफड़े एवं लिवर को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। यह हार्ट अटैक के खतरों को तेजी के साथ बढ़ा रहा है।
हरी भाजियों से मोटापे पर काबू/ Control obesity with green vegetables
- खानपान की संस्कृति वाले भारत देश में हरी साग-सब्जियों का भरपूर उपयोग किया जाता है।
- ये अनेक मामलों में यहां के लोगों के लिए मददगार सिद्ध हो रही हैं।
- इस शाकाहारी देश में अनगिनत ऐसी साग भाजियां उपयोग की जाती हैं जो हरी होती हैं और आम लोगों को दिल की बीमारी, कब्ज मोटापा, बवासीर से बचाती हैं।
- इसका अधिक उपयोग शुगर के मरीजों के लिए भी दवा है।
- इससे जिगर की चर्बी कम होती है। क्सलैंड के शोधकर्ता ओंनेहालही में अपने एक शोध में इसे कारगर पाया है।
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अधिक अभ्यास से खेल में नुकसान/ Disadvantages in sports due to excessive practice
- सभी खिलाड़ी खेल के पूर्व भरपूर अभ्यास करते हैं। खिलाड़ी यह अभ्यास खेल के दौरान अपने अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद से करता है किंतु कभी -कभी अधिक अभ्यास से खिलाड़ी को नुकसान भी होता है।
- इससे परिणाम उल्टा भी जा सकता है।
- अधिक अभ्यास से मांसपेशियों एवं कोशिकाओं में टूट फूट के कारण थकान का अनुभव होता है और खेल के दौरान प्रदर्शन कमजोर पड़ जाता है।
- अतएव खिलाड़ी अभ्यास करें किंतु सीमित मात्रा में। स्पेन का एक शोध यही कहता है।
चुम्बकीय विकिरण से कैंसर का खतरा/ Cancer risk from magnetic radiation
- रिमोट से काम करने वाले उपकरणों की संख्या दैनिक बढ़ती जा रही हैं। ये उपकरण विद्युत चुम्बकीय विकिरण फैलाते हैं क्योंकि ये इसी पर आधारित तकनीक पर काम करते हैं।
- ये हर पल विद्युत चुम्बकीय विकिरण फैलाते हैं जो मस्तिष्क की विकास गति को नुकसान पहुंचाते रहता है।
- यह विकिरण कैंसर भी पैदा कर सकता है।
- आज हमारे बीच चलने वाले अधिकतर उपकरण वायरलेस, रिमोट आधारित है जो सभी इलेक्ट्रोमॅग्नेटिक विकिरण फैलाते हैं।
- इन्हीं से मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है एवं कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
- यूरोपीय शोध में इसके विनाशकारी दुर्गुणों को देखकर इसके इस्तेमाल में कमी करने की अनुंशसा की गई है।
- उसमें मोबाइल, रिमोट व वायरलेस को सेहत का दुश्मन कहा गया है।
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