Saturday, December 6, 2025
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सावन माह के व्रत व त्योहार

 

सावन माह के व्रत व त्योहार
सावन माह के व्रत व त्योहार

भोलेनाथ का प्रिय माह सावन साल 2025 में 11 जुलाई से शुरू होने वाला है. साल 2025 में सावन माह में पड़ने वाले प्रमुख व्रत और त्योहार कौन-कौन से हैं

सावन का महीना भोलेनाथ की आराधना के लिए शुभ माना जाता है. इस माह को शिव जी का प्रिय महीना कहा जाता है. माना जाता है इस माह में भोलेनाथ की भक्ति और आरधना करने से शिव जी का आशीर्वाद मिलता है और भोलेनाथ अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं. सावन माह में पड़ने वाले हर व्रत और त्योहार का अपना अलग महत्व है. इस माह में विभिन्न व्रत और त्योहार पड़ते हैं

साल 2025 में सावन के महीने की शुरूआत 11 जुलाई, शुक्रवार के दिन से हो रही है. इस माह में भोलेनाथ की भक्ति से भोलेनाथ को प्रसन्न किया जा सकता है.. सावन महीने की शुरुआत होने वाली है। यह महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें हरियाली अमावस्या, सावन सोमावार, हरियाली तीज, सावन शिवरात्रि, सावन प्रदोष व्रत, नाग पंचमी और रक्षाबंधन प्रमुख हैं।

इसके अलावा, सावन महीने में पुत्रदा और कामिका एकादशी, प्रदोष व्रत, कालाष्टमी समेत कई प्रमुख व्रत त्योहार मनाए जाएंगे। आइए, सावन महीने में पड़ने वाले सभी व्रत और त्योहारों के बारे में जानते हैं-

 

  • सावन व्रत त्योहार 2025 लिस्ट (Sawan Vrat Tyohaar List 2025) 11 जुलाई को सावन महीने की शुरुआत होगी। यह महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है।
  • 14 जुलाई को सावन माह का पहला सोमवार और संकष्टी चतुर्थी है।
  • 15 जुलाई को मंगला गौरी व्रत है। इस शुभ अवसर पर देवी मां पार्वती की पूजा की जाती है।
  • 16 जुलाई को कर्क संक्रांति है। इस दिन सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे।
  • 17 जुलाई को कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी है।
  • 20 जुलाई को मासिक कार्तिगाई है।
  • 21 जुलाई को कामिका एकादशी और सावन माह का दूसरा सोमवार है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाएगी। साथ ही सावन सोमवार का व्रत रखा जाएगा।
  • 22 जुलाई को सावन माह का दूसरा मंगला गौरी व्रत और भौम प्रदोष व्रत है।
  • 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि है।
  • 24 जुलाई को हरियाली और सावन अमावस्या है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाएगी। साथ ही पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाएगा।
  • 27 जुलाई को हरियाली तीज है।
  • 28 जुलाई को सावन माह का सोमवार व्रत और विनायक चतुर्थी है।
  • 29 जुलाई को नाग पंचमी और मंगला गौरी व्रत है।
  • 01 अगस्त को मासिक दुर्गा अष्टमी है।
  • 04 अगस्त को सावन माह का अंतिम सोमवार है।
  • 05 अगस्त को सावन माह का अंतिम मंगला गौरी व्रत है।
  • 05 अगस्त को पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi date) है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है।
  • 06 अगस्त को सावन माह का अंतिम प्रदोष व्रत है।
  • 08 अगस्त को सावन माह का वरलक्ष्मी व्रत है।
  • 09 अगस्त को सावन पूर्णिमा है। इस दिन राखी का त्योहार मनाया जाएगा।

 

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सावन सोमवार व्रत

सावन माह के व्रत व त्योहार

सावन में सोमवार के व्रत बहुत अहम होते हैंI इस माह से जो लोग 16 सोमवार के व्रत करना चाहते हैं इसकी शुरूआत कर सकते हैंI सावन माह में भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए भक्त सोमवार के व्रत जरूर करते हैं,

मंगला गौरी व्रत

सावन माह में मंगलवार के दिन पड़ने वाले व्रत को मंगला गौरी व्रत के नाम से जाना जाता हैI यह व्रत मां गौरी को समर्पित होते हैंI इस व्रत को विवाहित महिलाएं करती हैं और अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना के लिए इस व्रत को किया जाता हैI

सावन शिवरात्रि

सावन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व है, साल 2025 में सावन माह की शिवरात्रि 23 जुलाई को पड़ रही है, इस दिन भोलेनाथ पर जल चढ़ाया जाता है इस दिन कांवड़ यात्रा का अंत होता हैI

हरियाली तीज

हरियाली तीज का पर्व श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती हैं साल 2025 में हरियाली तीज का पर्व 27 जुलाई के दिन पड़ रहा हैI

नाग पंचमी

नाग पंचमी का पर्व साल 2025 में 29 जुलाई को पड़ेगा, इस दिन नाग देवता या सर्प की आराधना की जाती हैI नाग पंचमी सावन माह की कृष्ण पक्ष के पंचमी तिथि को पड़ती हैI

पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi)

पुत्रदा एकादशी के दिन भद्रावास और रवि योग का संयोग है। रवि योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होगा। साथ ही करियर और कारोबार को नया आयाम मिलेगा। इस शुभ अवसर पर ज्येष्ठा और मूल नक्षत्र का संयोग है। साथ ही बव करण के संयोग बन रहे हैं। सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 04 अगस्त को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर होगी। वहीं, शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का समापन 05 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर होगा। इस प्रकार 05 अगस्त को पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। साधक सुविधानुसार समय पर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा कर सकते हैं।

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– सारिका असाटी
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