Saturday, September 13, 2025
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शारदीय नवरात्रि में माँ दुर्गा की सवारी

 

 

शारदीय नवरात्रि में माँ दुर्गा की सवारी
शारदीय नवरात्रि में माँ दुर्गा की सवारी

 

हिंदू धर्म में देवी-देवताओं और त्योहारों का विशेष महत्व है, और नवरात्रि इन्हीं खास त्योहारों में से एक है। नवरात्रि में नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है। साल में चार बार नवरात्रि मनाई जाती है। बहुत से लोग नहीं जानते कि चैत्र (वासंती नवरात्रि) और शारदीय नवरात्रि (अश्विन नवरात्रि) के अलावा, दो गुप्त नवरात्रि (माघ और आषाढ़) भी होती हैं। इनमें सबसे ज्यादा महत्व शारदीय नवरात्रि का है, जो अश्विन माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। इस दौरान भक्त नौ दिनों तक माँ दुर्गा की पूजा, उपवास और आखिरी दिन कन्या पूजन करते हैं। इन दिनों में माँ दुर्गा भक्तों की प्रार्थना सुनती हैं और उन्हें आशीर्वाद देती हैं।

शारदीय नवरात्रि पूजा/ SHAARDIYA NAVRATRI POOJA
  • सबसे पहले सुबह उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और साफ़ वस्त्र पहनें।
  • पूरे घर को शुद्ध करने के बाद मुख्य द्वार की चौखट पर आम के पत्तों का तोरण लगाएं।
  • पूजा के स्थान को साफ करें और गंगाजल से पवित्र कर लें।
  • अब वहां चौकी लगाएं और माता की प्रतिमा स्थापित करें।
  • कलश स्थापना के लिए पहले एक मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं। फिर एक तांबे के कलश में पानी और गंगाजल डालें।
  • कलश पर कलावा बांधें और आम के पत्तों के साथ उसे सजाएं। इसके बाद उसमें दूब, अक्षत और सुपारी डालें।
  • उसी कलश पर चुनरी और मौली बांध कर एक नारियल रख दें।
  • सामग्री का उपयोग करते हुए विधि- विधान से मां दुर्गा का पूजन करें।
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
  • अंत में मां दुर्गा की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
शारदीय नवरात्रि में माँ दुर्गा की सवारी / MOTHER DURGA’S RIDE ON SHAARDIYA NAVRATRI

देवी भागवत पुराण के अनुसार, नवरात्रि के दौरान माँ दुर्गा पृथ्वी पर विशेष रूप से अपने भक्तों की रक्षा और कल्याण के लिए विभिन्न वाहनों पर सवार होकर आती हैं। यह वाहन उस दिन के अनुसार बदलता है जिस दिन नवरात्रि का प्रारंभ होता है और इसका गहरा प्रतीकात्मक अर्थ होता है।

श्लोक “शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे, गुरौ शुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिताके अनुसार:

सोमवार या रविवार को नवरात्रि प्रारंभ होने पर माँ हाथी पर आती हैं  जो वर्ष में सुख-समृद्धि और शांति कप्रतीक

मंगलवार या शनिवार को नवरात्रि शुरू होने पर माँ घोड़े पर आती हैं जो युद्ध, उथल-पुथल और बदलाव का सूचक है।

गुरुवार या शुक्रवार को माँ डोली पर आती हैं जिसे सामान्यतः अशुभ माना जाता है क्योंकि यह अस्थिरता और चुनौतियों का संकेत है।

बुधवार को नवरात्रि की शुरुआत होने पर माँ नौका पर आती हैं जो आपदा से मुक्ति और जीवन में शांति का संकेत देती है।

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शारदीय नवरात्रि का महत्व/ MEANING OF SHAARDIYA NAVRATRI

शारदीय नवरात्रि को महानवरात्रि या अश्विन नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, जब भगवान राम, माता सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के लिए वनवास गए थे, तो वहां रावण ने धोखे से माता सीता का हरण कर लिया था। इसके बाद भगवान राम ने माता सीता की रक्षा के लिए रावण से युद्ध किया और उस पर विजय प्राप्त की। तभी से इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाने लगा।

इसके पीछे एक और पौराणिक कथा भी मौजूद है। जिसके अनुसार, मां दुर्गा ने नौ दिनों तक दुष्ट राक्षस महिसासुर से युद्ध किया था और दसवें दिन उसे पराजित किया था। इसलिए लगातार नौ दिनों तक भक्त माता की उपासना करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस समय पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो सकते हैं और आप एक समृद्ध जीवन की शुरुआत कर सकते हैं।

चैत्र और शारदीय नवरात्रि में क्या अंतर होता है?/WHAT IS THE DIFFERENCE BETWEEN CHAITRA AND SHAARDIYA NAVRATRI?

 

शारदीय नवरात्रि में माँ दुर्गा की सवारी

 चैत्र और शारदीय नवरात्रि दो प्रमुख हिन्दू त्योहार हैं, जो भारत में विशेष धार्मिक महत्व रखते हैं। हर साल चैत्र नवरात्रि (मार्च-अप्रैल) और शारदीय नवरात्रि (सितंबर-अक्टूबर) मास में मनाए जाते हैं। इस प्रकार चैत्र नवरात्रि वसंत ऋतु में मनाई जाती है, जबकि शारदीय नवरात्रि शरद ऋतु के आगमन को दर्शाती है।  हम नौ दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं। फिर, नौवें दिन, राम नवमी मनाते हैं। वहीं शारदीय नवरात्रि में नवरात्रों का समापन करते हैं।

नवरात्रि के दिन कोनसे रंग के कपडे पहने/WHAT COLOUR CLOTHES TO WEAR ON NAVRATRI

नवरात्रि के त्योहार में रंगों का भी विशेष महत्व होता है। इन नौ दिनों के लिए नौ अलग-अलग रंगों को चुना जाता है। अगर आप नौ दिनों तक इन रंगों को पहनते हैं और देवी मां की पूजा करते हैं तो यह आपको बेहद शुभ परिणाम देता है। आइए जानते हैं किस दिन कौन-सा रंग आपके लिए शुभ होगा?

  • पहले दिन साल 2024 में नवरात्रि के पहले दिन आपको नारंगी रंग के कपड़े पहनने चाहिए। नारंगी रंग को पहन कर पूजा करने से आपको बहुत सकारात्मक महसूस होगा।
  • दूसरे दिन– इस दिन सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करें। यह रंग आपको आत्मशांति और बेहतर महसूस करवाने में सहयोग करेगा।
  • तीसरे दिन नवरात्रि के तीसरे दिन लाल रंग को दिनचर्या में जरूर शामिल करें। आप इस रंग का प्रयोग माता की पूजा के लिए भी कर सकते हैं क्योंकि लाल रंग माता को अतिप्रिय होता है।
  • चौथे दिन– गहरा नीला रंग नवरात्रि के चौथे दिन सबसे शुभ रहेगा। नीला रंग समृद्धि और शान्ति लाता है। इस रंग के वस्त्र पहनें और माता का ध्यान करें।
  • पांचवे दिन– पीले रंग के कपड़े पहनने से आप खुश और सकारात्मक महसूस कर सकते हैं। पीला एक नर्म और मन को खुशी देने वाला रंग है। यह आपका दिन अच्छा बनाएगा।
  • छठवें दिन– नवरात्रि के छठवें दिन हरा रंग पहनें। हरा रंग प्रकृति से जुड़ा होता है, यह सभी चीज़ों के फलदायी, शांतिपूर्ण और स्थिर होने का संकेत देता है। देवी की प्रार्थना करते समय हरा रंग पहनना, आपको शांति महसूस करवा सकता है।
  • सातवें दिन– इस दिन स्लेटी रंग पहनें। यह आपकी सोच को संतुलित करने में मदद करेगा। इसकी ऊर्जा से आप अधिक व्यावहारिक हो सकते हैं।
  • आठवें दिन– नवदुर्गा पूजा के दौरान आठवें दिन बैंगनी रंग का उपयोग करें। इससे आपको समृद्धि और सफलता प्राप्त हो सकती है। इसलिए, अगर आप देवी मां का आशीर्वाद चाहते हैं, तो यह रंग अवश्य चुनें।
  • नौवें दिन– नवरात्रि के नौवें दिन आपको मोर वाला हरा रंग पहनना चाहिए। यह हरे और नीले रंग से मिलकर बनता है। यह रंग समृद्धि से जुड़ा होता है।

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इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्तूबर से हो रही है। इस दिन घटस्थापना के साथ नवरात्रि की शुरुआत होगी और 12 अक्तूबर को विजयादशमी पर इसका समापन होगा।माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान माता रानी पृथ्वी लोक पर आती हैं, ऐसे में माता रानी हर साल अलग-अलग सवारी में आती हैं। दरअसल, माता के प्रस्थान की सवारी वार अनुसार तय की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल मां दुर्गा किस पर सवार होकर आएंगी और उनके प्रस्थान का वाहन क्या होगा।

माता रानी के आगमन की सवारी?/MATA RANI’S ARRIVAL RIDE?
3 अक्तूबर 2024 को गुरुवार से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इस दिन माता का आगमन जब पृथ्वी पर होता है, तो मां दुर्गा पालकी पर सवार होकर आएंगी। माता का आगमन पालकी या डोली में होगा अशुभ माना जाता है। ऐसे में अर्थव्यवस्था में गिरावट, व्यापार में मंदी, देश-दुनिया में महामारी, हिंसा के बढ़ने और अप्राकृतिक घटना के संकेत मिलते हैं।
माता के प्रस्थान की सवारी / DEPARTURE RIDE OF MOTHER DURGA
नवरात्रि में माता रानी के प्रस्थान की सवारी चरणायुद्ध (मुर्गा) होगी, जिसे शुभ संकेत बिलकुल नहीं माना जाता है। माता के इस वाहन को अमंगलकारी माना गया है। ये शोक, कष्ट का संकेत है।

शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा,
शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला।
बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा
सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा॥

माना जा रहा है कि यह देश दुनिया पर बुरा असर डालने वाला है। ऐसे में लड़ाई-झगड़े बढ़ेंगे, आंशिक महामारी फैलेगी, साथ ही राजनीतिक उठा-पठा भी देखने को मिल सकती है।

शारदीय नवरात्रि के दौरान, अगर आप पूरी श्रद्धा के साथ ऊपर दिए हुए नियमों का पालन करेंगे तो आपको मां दुर्गा का आशीर्वाद जरूर प्राप्त होगा। मां दुर्गा इन नौ दिनों तक सभी भक्तों की प्रार्थना सुनती हैं और उनके कष्ट दूर करती हैं। तो आइए इन नौ दिनों के त्योहार को अपने परिवार के साथ मिलकर मनाएं और मां दुर्गा से सभी के सुखी जीवन की कामना करें।

 

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सारिका असाटी
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