तुलसी औषधीय गुणों से भरपूर एव् विलक्षण पौधा है जिसमें अनेक रोगों को ठीक करने की चिकित्सीय अद्भ§त शक्ति है। तुलसी के अन्य नाम जैसे- सुरभि, श्याम, वृंदा, रामा, शुलभा, वैष्णवी, गौरी, इत्यादि इसके महात्म्य, धाार्मिक एवं सूक्ष्म प्रभावों को ही परिलक्षित करते हैं। वनस्पतियों में भी तुलसी बहुत उपयोगी, गुणों से भरपूर, सस्ती, सुलभ और सुंदर वनस्पति है, जिसमें भौतिक दैविक एवं दैहिक तापों से संघर्ष करने की क्षमता है।
तुलसी की मुख्यतया दो प्रजातियां हैं – 1. `श्री तुलसी’ जिसकी पत्तियां हरा रंग लिये होती हैं। 2. `कृष्ण तुलसी’ जिसकी पत्तियां कुछ नीले-बैंगनी रंग की होती हैं। तुलसी के पौधों की अधिकता वाले स्थान पर वायु शुद्ध, पवित्र एवं साफ रहती है। शास्त्रों में लिखा है- तुलसी काननं चेवगृहे यस्यावतिष्ठ्ते एवं तुलसी गंध मांदाम यम गच्छति मारूतः अर्थात् जिस घर में तुलसी का पौधा हो, वह स्थान पवित्र हो जाता है तथा तुलसी की सुगंध वाली वायु में यम नहीं आते। तुलसी का पौधा अक्सर एक से ढाई फुट तक ऊंचा होता है, जो विभिन्न शाखाओं में फैला रहता है। पत्ते गोलाई लिये हुए एवं दीर्घवृत्ताकार छाया में तीव्र सुगंधयुक्त लंबे होते हैं, जहां मंजरियों में तुलसी के बीज रहते हैं।यदि स्वच्छ साधारण जल में तुलसी की कुछ पत्तियां भिगो कर रख दी जाएँ अथवा उसको थोड़ा-सा गरम कर लिया जाए तो वह जल तुलसी के समान ही गुणकारी हो जाता है। इसके सेवन मात्र से ही अनेक रोगों में लाभ प्राप्त होता है तथा स्मरणशक्ति तीव्र हो जाती है। बल, बुद्धि एवं स्फूार्ति में वृद्धि होने लग जाती है। इसी कारण ही प्राचीनकाल से ही तुलसी जल के सेवन की पद्धति धाार्मिकता से जुड़ी हुई है जो आज भी यथावत है।
तुलसी के सूखे डंठल पाचन शक्ति को बढ़ाते हैं, वहीं तुलसी के बीज कई रोगों में रामबाण औषधि का कार्य करते हैं। सौंदर्यवर्द्धक गुणों से भरपूर तुलसी शरीर के रक्त को शुद्ध कर चर्म, मांस एवं हड्डियों में प्रविष्ट हुए रोगों को दूर कर सुंदरता में निखार लाती है। तुलसी की सूखी पत्तियों को पीस कर चेहरे और शरीर पर लेप करने से शरीर स्वस्थ सुंदर बना रहता है।
तुलसीयुक्त चाय पीने से लाभ प्राप्त होता है। तुलसी को हिचकी, श्वांस-खांसी, दुर्गंध, रक्तदोष, कोढ़, पित्त, आलस्य, सुस्ती, ज्वर निवारक एवं त्रिदोष नाशक के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह कहना सर्वथा उचित ही होगा कि तुलसी का संपूर्ण पौधा ही फूल-पत्तियों से लेकर जड़ तक औषधीय गुणों से भरपूर है।