Saturday, September 13, 2025
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लक्ष्य पर केंद्रित हो ध्यान

जीवन का लक्ष्य एक हो

अपने जीवन के लक्ष्य के प्रति मनुष्य को हर दशा में सजग रहना चाहिए। यदि आप का लक्ष्य स्थिर है, तो आप सैकड़ों बाधाओं से दूर रहेंगे। आप का मन अनिश्चित और अंतर्द्वन्द्व से मुक्त रहेगा।

  • लक्ष्य दूर ही होता है।
  • उससे होने वाला लाभ भी दूरस्थ होता है।
  • बीच में ऐसे अनेक काम आ सकते हैं, जिनसे तात्कालिक लाभ होने की संभावना रहती है।
  • ऐसे लाभ को देखकर मनुष्य का मन डगमगाने लगता है।
  • वह विचलित होकर पथभ्रष्ट हो जाता है।
  • ऐसे अवसरों पर मन को दृढ़ रखने की आवश्यकता है।
  • अपने जीवन के लक्ष्य के प्रति मनुष्य को हर दशा में सजग रहना चाहिए।
  • यदि आप का लक्ष्य स्थिर है, तो आप सैकड़ों बाधाओं से दूर रहेंगे।

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  • आप का मन अनिश्चित और अंतर्द्वन्द्व से मुक्त रहेगा।
  • द्विविधापूर्ण परिस्थितियों में आप निर्णय ले सकेंगे और आप की इच्छाशक्ति दृढ़ बनेगी।

  • आप समय का सदुपयोग करना सीख सकेंगे।
  • क्योंकि जब फालतू बातों की ओर आप का ध्यान ही न जाएगा, तो समय का अपव्यय अपने आप रुक जाएगा।
  • प्रायः आप अपनी शक्ति की संपदा का भारी अपव्यय करते रहते हैं।
  • परंतु लक्ष्य के निश्चय से आप की शक्ति का एक-एक कण उसी की पूर्ति में लगेगा।
  • आप को तभी अपनी शक्ति का अनुमान भी होगा।
  • सूर्य की किरणों में यों साधारण गर्मी होती है।
  •  परंतु जब बहुत-सी किरणें आतिशी शीशे द्वारा एक केंद्रबिंदु पर इकट्ठा कर ली जाती हैं,
  • तो उनमें भस्म कर देने की शक्ति आ जाती है।
  • आप निर्बलता का अनुभव इसलिए करते हैं कि आप की शक्तियाँ विखरी रहती हैं।
  • अतः आप के जीवन का लक्ष्य एक हो।
  • तभी आपकी शक्तिपूंज सक्रिय होगी।
  • और आप लक्ष्य संधान कर पाएँगे।

 

 

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