संसद में राहुल गांधी ने कहा, उनका इंसल्ट किया गया। जाति को लेकर मचा हंगामा
राहुल गांधी के जातीय जनगणना की मांग के बीच बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने तंज भरे अंदाज में कहा था, “जिसकी जाति का पता नहीं वो गणना की बात करता है!” राहुल की जाति पर बवाल
- संसद का मानसून सत्र पिछले 9 दिनों से चल रहा है.
- नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार बीजेपी पर हमले किए जा रहे हैं.
- और वो भी उन बिंदुओं को मुद्दा बनाकर बीजेपी को घेर रहे हैं जिनके लिए बीजेपी का रिकॉर्ड कांग्रेस से अच्छा रहा है.
- भाजपा को समझ में नहीं आ रहा है कि राहुल के उन नरेटिव का तोड़ क्या निकाला जाए.
- वह जो भी कर रही है उसमें खुद फंसती जा रही है.
- जैसे कि बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर मंगलवार को राहुल गांधी की जाति पूछ ली तो बवाल मच गया.
- जबकि राहुल गांधी खुद जाति-जाति की रट लगाए हुए हैं.
- दूसरे राहुल गांधी से अधिक नाराज तो अखिलेश यादव हो रहे हैं जैसे कि कभी उन्होंने किसी से जाति पूछी ही नहीं है.
- मंडल की जातिवादी राजनीति से मुकाबले के लिए ही सदन में अपनी जाति का नाम पूछने पर ऐतराज कर रहे हैं राहुल गांधी।
- वे वैसी ही बात कर रहे हैं जैसे गुड़ खाएंगे पर गुलगुले से परहेज करेंगे.
जाति की राजनीति….
- राज्यों में पहले भी जातीय सर्वे होते रहे हैं.
- लेकिन आंकडे़ भी जारी किये जायें, ऐसा कभी सरकारों को जरूरी नहीं लगा.
मोदी सरकार की चार जातियाँ
- आम बजट 2024 पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि
- अंतरिम बजट का फोकस गरीब, महिलाएं, युवा और किसान रहा है।
- असल में ये वही चार वर्ग जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने देश की चार प्रमुख जातियों के तौर पर पेश किया था.
क्या बोले थे अनुराग ठाकुर
- आज सोशल मीडिया पर जाति के नाम पर सवाल हो रहा है.
- हुआ तो ये था कि राहुल गांधी के जातीय जनगणना की मांग बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने तंज भरे अंदाज में कहा था,
- “जिसकी जाति का पता नहीं वो गणना की बात करता है!”
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राहुल गांधी ने कहा
- अनुराग ठाकुर के इस कटाक्ष पर राहुल गांधी ने बीजेपी सांसद पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाया,
- लेकिन लगे हाथ ये भी बोल दिया कि वो अनुराग ठाकुर से माफी मंगवाना नहीं चाहते –
- क्योंकि वो एक लड़ाई लड़ रहे हैं.
- अपनी तरफ से समझाया भी कि वो दबे-कुचले और वंचित तबके की लड़ाई लड़ रहे हैं.
- असल में राहुल गांधी कई बार केंद्र सरकार में तैनात अधिकारियों की जाति को मुद्दा बनाने की कोशिश करते रहे हैं.
- संसद में महिला बिल लाये जाने के दौरान कहा था कि केंद्र सरकार में 90 सचिवों में से सिर्फ 3 ही ओबीसी वर्ग के हैं।
- और ठीक वैसे ही बजट के हलवा की तस्वीर दिखाते हुए भी राहुल गांधी ने दावा किया था कि
- 20 अधिकारियों ने देश का बजट बनाया, लेकिन उनमें से सिर्फ एक अल्पसंख्यक एवं एक ओबीसी है,
- और उनमें एक भी दलित और आदिवासी नहीं है..
- मंडल की जातिवादी राजनीति से मुकाबले के लिए ही तो कमंडल का अस्तित्व समाने आया था.
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