
युवा पीढ़ी में सेक्स के बारे में जानने की इच्छा सदा बनी रहती है। यह कोई बुरी बात नहीं है लेकिन अक्सर युवा इधर-उधर से अधकचरा ज्ञान प्राप्त कर लेते हैं तथा शिक्षित होने के बावजूद कई अजीब गलतफहमियां व अंधविश्वास पाले रखते हैं। कई बार तो किसी बारे में ठीक से पता न होने पर आत्महत्या की बात भी मन में ले आते हैं। कई युवक-युवतियां आत्महत्या कर लेते हैं। सेक्स के बारे में यहां प्रस्तुत कुछ महत्त्वपूर्ण बातों को जानकर आप तनाव रहित व भयमुक्त रह सकेंगे तथा कोई गलत कदम भी नहीं उठायेंगे। युवा पीढ़ी और संभोग
• जननेन्द्रियों के आकार के बारे में सभी चिंतित रहते हैं लेकिन इनका सेक्स संतुष्टि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। स्तन छोटे हों या बड़े स्तनपान कराने में कोई रुकावट नहीं डालते।
• भारी या बड़े स्तन यह नहीं दर्शाते कि एक औरत को सेक्स के प्रति अधिक रुचि है। स्तनपान आप कराती हैं पर आप यह मत समझिए कि आप गर्भधारण नहीं कर सकती।
• स्तनपान कैसे भी कराएं, स्तनों के आकार पर कोई फर्क नहीं पड़ता बल्कि स्तन और भी पुष्ट व सुडौल होते हैं।
• स्तन के चारों ओर बाल होना सामान्य बात है। स्त्रीत्व पर इसका कोई घातक प्रभाव नहीं होता। बड़े स्तन होने पर यह जरुरी नहीं कि उसकी प्रजनन क्षमता अधिक हो। अधिकतर औरतें स्तनों को प्यार से सहला ने से खास उत्तेजित नहीं होती।
• संभोग (इंटरकोर्स) के बाद तुरंत टायलट जाकर जननांग धो लेने पर भी गर्भधारण हो सकता है। इससे बचा नहीं जा सकता।
• गर्भ निरोधक आपेरशन से औरतें डरती हैं कि वे मोटी हो जाएंगी पर यह सच नहीं है। गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करने से सेक्स के प्रति रुचि कम नहीं होती और न ही संभोग क्रिया पर कोई असर पड़ता है।
• नसबंदी कराने से न तो पुरुष कमजोर होते हैं और न ही उसके वीर्यस्खलन पर कोई प्रभाव पड़ता है।
• औरतें भी हस्तमैथुन करती हैं पर वे प्रेम-संबंध स्थापित करने में कमजोर नहीं पड़ती। एक विवाहित व कुंवारी लड़की का हस्तमैथुन करना नार्मल बात है। अधिक हस्तमैथुन करने से कमजोरी या शारीरिक बीमारी का डर नहीं बनता। गर्भधारण के काल में हस्तमैथुन एबॉर्शन का कारण नहीं होता। सेक्स संतुष्टि किसी भी रूप में हो या चाहे मैथुन कैसा भी हो पर हो प्यार व सहयोग से। संतुष्टि तभी संभव है।
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• सेक्स पुरुष के अलावा औरत के लिए भी बहुत आवश्यक है। एक विवाहित औरत अगर सेक्स संबंधों की पहल करे तो कोई आश्चर्य वाली या बुरी बात नहीं है। अगर वह अपने ढंग से संतुष्टि करना चाहे तो यह भी कोई बुरी बात नहीं है। युवा पीढ़ी और संभोग
• संभोग खड़े रहकर करने पर भी गर्भधारण हो सकता है।
• गर्भवती स्त्री को सेक्स के प्रति गर्भकाल के दौरान रूचि नहीं होती, पर कई स्त्रिायां रखती हैं। अगर कोई औरत जल्दी उत्तेजित नहीं होती तो इसका अर्थ यह नहीं है कि वह गर्भधारण नहीं कर सकती।
• स्त्रिायों का उत्तेजना काल पुरुषों से अधिक लंबा होता है। अगर उन्हें साथी की जिज्ञासानुसार तैयार किया जाए तो जल्दी ही उसे संतुष्टि भी हो जाती है। यह भी जरूरी नहीं कि पुरुष शीघ्र ही संतुष्ट हो जाते हैं। वे चाहें तो सेक्स की चरम सीमा को बढ़ा भी सकते हैं। शीघ्र संतुष्ट होना व देर से होना यह पुरुष के अपने ही हाथ में है। औरत की उम्र बढ़ने से सेक्स के प्रति अरुचि नहीं होती बशर्ते कि वह हमेशा खुश व चिंता मुक्त रहे। युवा पीढ़ी और संभोग
• एक खास बात, सुहागरात के दौरान योनिविच्छेद (शीलभंग), ब्लींडिग (रक्तआना) जरूरी नहीं। अधिकतर युवक ऐसा न होने पर अपनी पत्नी को चरित्राहीन समझ बैठते हैं व संबंध तक टूट जाते हैं। इस तरह की प्रतिक्रिया होना जरूरी नहीं, क्योंकि युवावस्था में खेल-कूद का बोझ उठाने पर (शीलभंग) हो जाता है।
• पढ़े-लिखे होने के बावजूद सेक्स के अधकचरे ज्ञान के कारण युवक-युवतियां कितनी गलत धारणाएं अपने मन में पाले रखते हैं।
• ये महत्त्वपूर्ण बातें डाक्टरों व अनुभवी लोगों से ही संकलित की हुई हैं। इन्हें आप पढें व पढ़ाएं। मस्त रहें व आत्महत्या का प्रयास कदापि न करें।
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