Sunday, September 14, 2025
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मां से बड़ा कोई नहीं!

मां से बड़ा कोई नहीं!
मां से बड़ा कोई नहीं!

माँ के बिना जीवन असंभव लगता है। मां एक ऐसी ममत्व की मल्लिका है जो अपने बच्चे को अपने पैरों पर खड़ा होकर चलना सिखाती है। आज का दिन मां को धन्यवाद देने का पुनीत अवसर है। मां से बड़ा कोई नहीं है। क्योंकि मां के बिना हम यहां वजूद में नहीं होते।

  • वास्तव में माँ त्याग और समर्पण की परतिमूार्ति होती है। मां-बच्चे का रिश्ता इस दुानिया में हम सभी के बीच सबसे खूबसूरत और आविभाज्य है। मां ने हमारा हाथ पकड़कर हमें अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाया। मां प्यार तो करती ही है, बदले में कुछ भी उम्मीद किए बिना निःस्वार्थ भाव से हमारी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहती है।
  • हर कोई अपनी माँ के लिए हर सुख-सुाविधा छोड़ सकता है, क्योंकि हर बच्चा अपनी माँ के साथ आधिक आराम और शांति महसूस करता है। हर किसी के जीवन में माँ सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति होती है, जब हम  घर पहुंचते है, तो ऐसा लगता है जैसे मां के बिना घर अधूरा है।
  • बचपन में, जब हम ठोकर लगने से गिरकर घायल हो जाते तो हमारे  मुँह से पहला शब्द ‘मां’ ही निकलता है, हर माँ ने नि:स्वार्थ भाव से बालिदान दिया और अभी भी दे रही है; वास्तव में मां हमेशा से सम्मान की पात्र हैं।
  • माँ के बिना हमारी सृष्टि असंभव है। किसी में भी माँ बनने की पर्याप्त क्षमता नहीं होती क्योंकि वह अपने बच्चे के लिए बहुत त्याग करती है। इतना कुछ करने की क्षमता किसी में नहीं है। सफलता पाने वाले हर बच्चे के पीछे एक माँ होती है, इसीलिए कहा जाता है कि हर सफल व्यात्ति के पीछे एक माहिला होती है, जिसका अर्थ है माँ।

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  • भारत में हम देवी-देवताओं की पूजा करने की परंपरा का पालन करते हैं । हम अपनी मां के प्रति आभार और प्यार जताते हैं। एक माँ बिना किसी अपेक्षा के अपना पूरा जीवन अपने बच्चों के लिए समार्पित कर देती है। वह केवल यही चाहती है कि उसके बच्चे उसे प्यार करें। उसके लिए, उसके बच्चों का आलिंगन इस दुनिया की किसी भी चीज़ से बड़ा है, और बच्चों के रूप में हमारे लिए भी ऐसा ही है।
  • कई रिश्तों के बावजूद, हम सभी का सबसे पारदर्शी और निस्वार्थ रिश्ता वह है जो हम अपनी माँ के साथ साझा करते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता ाकि पारिस्थिाति कितनी काठिन है; एक माँ अपनी आाखिरी सांस तक अपने बच्चों के लिए हमेशा मौजूद रहती है।
  • कुछ बच्चे अपनी माँ की कीमत नहीं समझते, लेाकिन जब उन्हें इसका एहसास होता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। वे अपनी मांओं को बेहद शर्मनाक ओल्ड होम में भेज देते हैं। बहुत से लोग माँ की तुलना भगवान से करते हैं, लेाकिन वह एक वास्ताविक देवी है जिसे हम अपनी आँखों से देख सकते हैं।
  • माँ एक ऐसी देवी है ाजिसने अनंत बालिदानों के माध्यम से हमें अपना जीवन ादिया है और कोई भी ाकिसी के लिए इतना कुछ नहीं कर सकता है। पूरे ब्रह्माण्ड में किसी भी चीज़ की तुलना हमारी माँ से नहीं की जा सकती। एक माँ हमारे जीवन में सबसे विश्वसनीय व्यक्ति होती है।

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  • वह एक ऐसी शख्सियत हैं जिन पर हम हर स्थिति में आंख मूंदकर भरोसा कर सकते हैं। माँ के बिना संसार की कल्पना करना आसान नहीं है क्योंकि इस पूरे संसार की रचना का कारण मां ही है। मां की अक्सर ही आदत होती है कि वे पूरे पारिवार की जरूरतों का तो ख्याल रखती हैं लेकिन खुद को भूल जाती हैं।
  • इसी तरह मेकअप या ज्वेलरी बॉक्स ऐसी ही एक चीज होती है जो मां खुद के लिए खरीदती कभी नजर नहीं आतीं। वे अक्सर टिन के डिब्बे या किसी आइसक्रीम के डिब्बे में अपना पर्सनल सामान रखने लगती हैं, ऐसे में मां को मदर्स डे पर खूबसूरत सा स्टोरेज बॉक्स दिया जा सकता है।
  • मां को देने के लिए पेडिक्योर किट, मेनीक्योर किट, फेाशियल किट, स्किन केयर किट, हेयर केयर किट या फिर मसाज किट दी जा सकती है। इसी तरह मां को रेाडियो, इयरप्लग्स, कोई गेम, कोई किचन टूल या किसी और तरह का डिवाइस दिया जा सकता है।
  • मदर्स डे इस साल 12 मई को पड़ रहा है। अगर आप इस मडर्स डे अपनी मां को एक शानदार गिफ्ट देने की सोच रहे हैं, जो उनके आने-जाने के लिए एक बेहतर ऑप्शन दे, साथ ही उनके सफर को आरामदायक बनाए, तो इस मदर्स डे पर आप अपनी मां को एक स्कूटी या कार उपहार के रूप में दे सकते हैं, बशर्ते मां वाहन चलाना जानती हो, या फिर उनके लिए धार्मिक टूर भी कराया जा सकता है।
  • ये दिन मां के प्रति अपना प्यार जताने का अवसर है। मां को ये एहसास दिलाने का कि वो आपके लिए कितनी खास है। अपनी भावनाएं व्यक्त करने का सबसे बेहतरीन तरीका उपहार के साथ-साथ मां के लिए लिखी कविताएं या शायरी भी हो सकती है।

एक शायर ने क्या खूब कहा है, ऐ अँधेरे! देख ले मुँह तेरा काला हो गया, माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया।

एक शायर ने क्या खूब कहा है,  ऐ अँधेरे! देख ले मुँह तेरा काला हो गया, माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया।

लेखक -गोपाल नारसन

 

 

 

 

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