
महिलाओं को कानूनी तौर पर पुरुषों के समान ही अधिकार मिले हैं, लेकिन समाज में उनकी स्थिति को लेकर असमानता है। लोगों के मन में पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए दोहरी मानसिकता होती है।समाज में आज भी महिलाओं को पुरुषों के बराबर के अधिक नहीं मिलते हैं। हालांकि दुनियाभर में महिलाओं को समान अधिकार और स्थान दिलाए जाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। देश में लैंगिक समानता लाने का प्रयास करते हुए हाल ही में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने चार महिला सदस्यों (50 फीसदी) को उपाध्यक्षों के पैनम में नामित किया।
मान्यता देने का संकल्प / resolution to recognize
राष्ट्रीय उत्सव के रूप में महिला समानता दिवस
जबकि, संयुक्त राज्य अमेरिका में महिलाओं ने संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिक के रूप में पूर्ण अधिकार और विशेषाधिकार – सार्वजनिक या निजी, कानूनी या संस्थागत – प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास किया है, और
जबकि, हर राज्य और हर सांस्कृतिक और धार्मिक समूह* में महिलाओं ने महिलाओं के मतदान के अधिकार को सुरक्षित करने के लिए काम किया, और
जबकि, कांग्रेस ने 26 अगस्त को, जिस दिन उन्नीसवां संशोधन प्रमाणित हुआ था, महिला समानता दिवस के रूप में नामित किया है, और
जबकि, महिला समानता दिवस को पूरे देश में उत्सव के दिन के रूप में मान्यता देना लोकतंत्र के लिए महिलाओं के कार्य के महत्व पर जोर देता है,
अब, इसलिए, यह संकल्प लिया जाता है कि (संस्था का नाम) महिला समानता दिवस, 26 अगस्त को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाएगा, जिसमें महिलाओं के मताधिकार आंदोलन के महत्व और आज समान अधिकारों को सुरक्षित करने और विस्तार करने के लिए किए गए कार्य का जश्न मनाया जाएगा।
किसी निर्वाचित अधिकारी या कमांडिंग ऑफिसर द्वारा हस्ताक्षरित होना चाहिए।
प्रतिनिधि बेला अब्ज़ुग (डेमोक्रेट-न्यूयॉर्क) के कहने पर, 1971 में और 1973 में पारित, अमेरिकी कांग्रेस ने 26 अगस्त को “महिला समानता दिवस” के रूप में नामित किया। यह तिथि 1920 में संविधान के 19वें संशोधन के प्रमाणीकरण के उपलक्ष्य में चुनी गई थी, जिसने महिलाओं को मतदान का अधिकार दिया।
यह महिलाओं द्वारा किए गए एक विशाल, शांतिपूर्ण नागरिक अधिकार आंदोलन का चरमोत्कर्ष था, जिसकी औपचारिक शुरुआत 1848 में न्यूयॉर्क के सेनेका फॉल्स में दुनिया के पहले महिला अधिकार सम्मेलन में हुई थी।
महिला समानता दिवस का पालन न केवल 19वें संशोधन के पारित होने का स्मरण कराता है, बल्कि पूर्ण समानता की दिशा में महिलाओं के निरंतर प्रयासों की ओर भी ध्यान आकर्षित करता है। कार्यस्थल, पुस्तकालय, संगठन और सार्वजनिक सुविधाएं अब महिला समानता दिवस के कार्यक्रमों, प्रदर्शनों, वीडियो प्रदर्शनों या अन्य गतिविधियों में भाग लेती हैं।
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कांग्रेस का संयुक्त प्रस्ताव, 1971 जिसके तहत प्रत्येक वर्ष 26 अगस्त को महिला समानता दिवस के रूप में घोषित किया गया
जबकि, संयुक्त राज्य अमेरिका की महिलाओं को द्वितीय श्रेणी के नागरिक के रूप में माना जाता है और उन्हें पूर्ण अधिकार और विशेषाधिकार, सार्वजनिक या निजी, कानूनी या संस्थागत, नहीं दिए गए हैं, जो संयुक्त राज्य अमेरिका के पुरुष नागरिकों को उपलब्ध हैं;
और जबकि, संयुक्त राज्य अमेरिका की महिलाएं यह सुनिश्चित करने के लिए एकजुट हुई हैं कि ये अधिकार और विशेषाधिकार सभी नागरिकों को लिंग की परवाह किए बिना समान रूप से उपलब्ध हों;
और जबकि, संयुक्त राज्य अमेरिका की महिलाओं ने 26 अगस्त को, उन्नीसवें संशोधन के प्रमाणीकरण की वर्षगांठ की तारीख को, समान अधिकारों के लिए निरंतर लड़ाई के प्रतीक के रूप में नामित किया है;
और चूँकि, संयुक्त राज्य अमेरिका की महिलाओं को उनके संगठनों और गतिविधियों में सराहना और समर्थन दिया जाना चाहिए, अब, इसलिए, संयुक्त राज्य अमेरिका की सीनेट और प्रतिनिधि सभा द्वारा यह संकल्प लिया जाता है कि प्रत्येक वर्ष 26 अगस्त को महिला समानता दिवस के रूप में नामित किया जाए, तथा राष्ट्रपति को अधिकृत किया जाता है और उनसे अनुरोध किया जाता है कि वे 1920 के उस दिन की स्मृति में प्रतिवर्ष एक घोषणा जारी करें, जिस दिन अमेरिका की महिलाओं को पहली बार मतदान का अधिकार दिया गया था, तथा 1970 के उस दिन की स्मृति में, जिस दिन महिलाओं के अधिकारों के लिए राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन हुआ था।
कब मनाते हैं महिला समानता दिवस/When is Women’s Equality Day celebrated?
महिला समानता दिवस हर साल 26 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1920 के बाद से हुई।
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महिला समानता दिवस का इतिहास/History of Women’s Equality Day

महिला समानता दिवस पहली बार अमेरिका में मनाया गया। महिला अधिकारों की लड़ाई अमेरिका में 1853 से शुरू हुई। 50 साल तक महिला समानता की मांग को लेकर हुए आंदोलन का अंत 1920 में हुआ, जब महिलाओं को अधिकार मिलने शुरू हुई। उसके बाद से इस दिन को महिला समानता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा।
महिला समानता दिवस मनाने की वजह/Reasons for celebrating Women’s Equality Day
अमेरिका में महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं था। इसके अलावा विवाहित महिलाओं ने संपत्ति के अधिकार की मांग भी शुरू कर दी थी। अधिकारों की मांग को लेकर चले आंदोलन का अंत 26 अगस्त 1920 के दिन वोटिंग का अधिकार मिलने से साथ हुआ।
भारत में महिलाओं को वोट करने का अधिकार ब्रिटिश शासन काल में ही मिल गया था। पहले अमेरिका और फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 26 अगस्त को महिला समानता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा।
महिला समानता दिवस की थीम/Theme of Women’s Equality Day
इस साल महिला समानता दिवस 2023 की थीम ‘Embrace Quality’ है यानी समानता को अपनाओ। यह थीम 2021-26 रणनीतिक योजना का हिस्सा बनी हुई है। यह विषय लैंगिक समानता हासिल करने की जरूरत पर प्रकाश डालता है, जो न केवल आर्थिक विकास के लिए बल्कि मौलिक मानवाधिकारों के लिए भी आवश्यक है।
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