Saturday, September 13, 2025
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भारत सेमीकंडक्टर मिशन/India Semiconductor Mission

भारत सेमीकंडक्टर मिशन/India Semiconductor Mission
भारत सेमीकंडक्टर मिशन/India Semiconductor Mission
सेमीकंडक्टर क्या होते हैं और इनका महत्व/ What are Semiconductors and Why Are They Important?

सेमीकंडक्टर या अर्धचालक वे पदार्थ होते हैं जिनकी विद्युत चालकता, चालकों (जैसे ताँबा) से कम और अचालकों (जैसे कांच) से अधिक होती है। जैसे – सिलिकॉन, जर्मेनियम, गैलियम आर्सेनाइड आदि।

इन्हीं की मदद से ट्रांजिस्टर, डायोड जैसी युक्तियाँ बनीं और इलेक्ट्रॉनिक युग की शुरुआत हुई। आज के डिजिटल युग – कंप्यूटर, मोबाइल, इंटरनेट, मिसाइल, ड्रोन, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सेमीकंडक्टर की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।

सेमीकंडक्टर का उपयोग कहाँ-कहाँ होता है/Uses of Semiconductors in Modern Technology
  • मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर
  • मिसाइल गाइडेंस सिस्टम
  • एविएशन और नेवीगेशन सिस्टम
  • स्मार्ट टीवी, फिटनेस बैंड
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डिवाइसेस
  • डेटा सेंटर और सुपरकंप्यूटिंग

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भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा की शुरुआत/India’s Initial Steps in Semiconductor Manufacturing

भारत पहले सेमीकंडक्टर उत्पादन के लिए विदेशों पर निर्भर था। लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत “सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता” की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। गुजरात के गांधीनगर में हाल ही में “India Semiconductor Conference” का आयोजन हुआ, जहाँ 50% वित्तीय सहायता की घोषणा की गई।

सेमीकंडक्टर मार्केट का वैश्विक परिदृश्य/Global Semiconductor Market Overview
  • वैश्विक बाजार आकार: लगभग $500 बिलियन
  • एशिया में 80% उत्पादन, जिसमें ताइवान अकेले 92% उन्नत सेमीकंडक्टर बनाता है
  • 2019 में कुल ग्लोबल ट्रेड वैल्यू $1.7 ट्रिलियन
  • सेमीकंडक्टर विश्व में चौथा सबसे अधिक ट्रेड होने वाला उत्पाद है
भारत की महत्वाकांक्षी योजनाएँ/India’s Strategic Moves in the Semiconductor Sector

भारत सरकार ने 2021 में 10 बिलियन डॉलर की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम घोषित की थी। इस योजना के तहत विदेशी निवेशकों को निमंत्रण दिया गया है।

भारत सेमीकंडक्टर मिशन/India Semiconductor Mission

तीन बड़े समझौते भी हुए हैं:

  1. Micron Technology: भारत में मेमोरी चिप्स प्लांट
  2. Applied Materials: सेमीकंडक्टर उपकरण निर्माण
  3. Lam Research: 60,000 इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने की योजना
चीन की प्रतिक्रिया और वैश्विक प्रतिस्पर्धा/China’s Reaction and India’s Global Competitiveness

भारत की तेज़ी से बढ़ती सेमीकंडक्टर क्षमताओं से चीन असहज है। चीन की मीडिया ने भारत को “विदेशी निवेश की कब्रगाह” तक कह दिया। हालांकि भारत अब केवल एशिया ही नहीं, विश्व में सेमीकंडक्टर उत्पादन का नया केंद्र बनने को तैयार है।

डेटा युग में सेमीकंडक्टर की अहमियत/Importance of Semiconductors in the Age of Data

आज का युग डेटा और डिजिटल डिवाइसेस का है। डेटा प्रोसेसिंग, स्टोरेज, और ट्रांसमिशन – सभी में सेमीकंडक्टर का उपयोग होता है। कोविड काल में जब चिप्स की सप्लाई घटी, तो वैश्विक उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।

भारत का भविष्य आत्मनिर्भर सेमीकंडक्टर राष्ट्र/India’s Future: A Self-Reliant Semiconductor Power

प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार:

“2026 तक भारत में 80 अरब डॉलर के सेमीकंडक्टर की खपत होगी और 2030 तक यह आंकड़ा 110 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।”

भारत अब अमेरिका, चीन, ताइवान, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों को टक्कर देने की पूरी तैयारी में है।

निष्कर्ष: तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर/Conclusion: Towards Technological Self-Reliance

भारत का सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में आगे बढ़ना केवल एक आर्थिक निर्णय नहीं बल्कि रणनीतिक, तकनीकी और आत्मनिर्भर भारत  की दिशा में क्रांतिकारी कदम है। आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र भारत को एक टेक्नोलॉजी सुपरपावर बना सकता है।

 

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