प्रथम पूज्य विघ्नविनाशक भगवान श्रीगणेश की भक्ति में पूरा देश रंगा हुआ है। गणेश चतुर्थी के अलावा प्रति सप्ताह बुधवार का दिन भी श्री गणेश की उपासना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। पूरी श्रद्धा और भक्ति से गणेश जी की आरती करने से सभी कार्य सफल होते हैं।
- हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है।
- इनकी पूजा से आरंभ किए गए किसी कार्य में विघ्न बाधा नहीं आती है।
- तभी तो गणेश भगवान को विघ्नहर्ता कहा जाता है।
- कहते हैं, जहां भगवान गणेश जी का वास होता है वहां पर रिद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ भी विराजते हैं।
- बुधवार के दिन गणेश जी पूजा की जाती है।
- इस दिन गणेश जी की आरती और गुणगान करने से उनकी कृपा दृष्टि बनी रहती है।
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श्री गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti )
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा |
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ||
एकदंत दयावंत, चार भुजा धारी |
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी |
जय गणेश जय गणेश , जय गणेश देवा |
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ||
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा |
लड्डूअन का भोग लगे, संत करें सेवा ||
जय गणेश जय गणेश , जय गणेश देवा |
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ||
अंधन को आँख देत, कोढ़िन को काया |
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ||
जय गणेश जय गणेश , जय गणेश देवा |
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ||
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा |
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ||
जय गणेश जय गणेश , जय गणेश देवा |
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा ||
दीनन की लाज रखो, शंभु सूतकारी |
कामना को पूर्ण करो, जाऊँ बलिहारी ||
जय गणेश जय गणेश , जय गणेश देवा |
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ||
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