कई बार ऐसा होता है कि हम किसी को देखते हैं और उसे देख कर हममें सकारात्मक तरंगें पैदा होने लगती है। वह हमें अच्छा लगने लगता है। उसके बारे में सोचना अच्छा लगने लगता है। हम उससे बातें करना चाहते हैं, उसके साथ रहना चाहते हैं, उसकी खुशी के लिए कुछ भी करना चाहते हैं। हम उससे प्यार करने लगते हैं। जानते हैं इसका कारण क्या है? इसका कारण है `साइकोलॉजी ऑफ़ लव’ चलिए, प्यार की साइकोलाॊजी को समझते हैं –
मोहब्बत के मनोविज्ञान के अनुसार प्यार में पड़ने के बाद इंसान का ध्यान अपने काम पर पूरी तरह से फोकस नहीं हो पाता जिससे उसके कार्य करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि प्यार एक मुकम्मल नशा होता है। इसका मस्तिष्क में कोकीन की तरह न्यूरोलोजिक्ल प्रभाव डालता है और परम सुख का अनुभव देता है।
वे कहते हैं कि लड़के आमतौर पर लड़की की तुलना में तेजी से प्यार में पड़ते हैं। जब आप किसी के प्यार में होते हैं तो उसके द्वारा भेजे गए मेसेज आपको उसी की आवाज़ में सुनाई देने लगते हैं।
कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि एक जैसे गुणों और स्वभाव वाले कपल्स ज्यादा समय तक एक रोमेंटिक रिलेशनशिप में टिक नहीं पाते। जो लोग प्यार में परफेक्शनिस्ट होते हैं। वे अक्सर तनाव और अवसाद से घिरे रहते हैं।
प्यार में होने वाले लोगों के मस्तिष्क में एक खास तरह का हार्मोन (ऑक्सीटोसिन) निकलता है। इसे लव हार्मोन भी कहते हैं।मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि किसी के प्यार में पड़ने में आपको पहले चार मिनट या उससे भी कम समय लगता है। इससे संबंधित कुछ दिलचस्प बातें भी हैं, जैसे-
– प्यार, वासना नहीं है। यह जुनून और वासना से बिल्कुल अलग है।
– साइकोलॉजी के अनुसार आमतौर पर एक व्यक्ति को अपने एक्स गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड से उबरने में 17 महीने 26 दिन लगते हैं।
– यह एक कमाल का लव फैक्ट है कि एक इंसान को शादी से पहले 7 बार प्यार होता है।
– यदि आप अपने इमोशन्स कंट्रोल नहीं कर पाते तो अपने बाएँ हाथ से ब्रश करें। यह आपके दिमाग को अलग तरह से काम करने के लिए मजबूर करेगा और आपके सेल्फ कंट्रोल में सुधार करेगा।
– साइकोलॉजी के अनुसार दुनिया में हर पांच लड़कियों में से 2 लड़कियाँ इस फोबिया की शिकार होती हैं कि उसे कभी अपने पसंद का प्यार नहीं मिलेगा।
– 85 प्रतिशत पुरुष एक महिला के दोस्ताना व्यवहार को छेड़खानी समझने की गलती करते हैं।
– साइकोलोजी कहती है कि 64 प्रतिशत लोग ब्रेकअप के बाद अपना लुक्स बदल लेते हैं।
– आमतौर पर आमने-सामने बैठ बात करने पर महिलाएँ प्यार महसूस करती है। जबकि आदमी महिला के कंधे से कंधे मिलाकर बात करने पर प्यार महसूस करता है।
– जब लड़का और लड़की की आँखें मिलाने की बात आती है तो ज्यादातर मामलो में लड़कियां 6-7 सेकंड बाद शरमा जाती हैं।
– प्यार छोटा-बड़ा उम्र नहीं देखता। आपको किसी भी समय किसी से प्रेम हो सकता है।
– 75 प्रतिशत लोग अपने पहले प्यार को कभी भुला नहीं पाते।