कई रोगों को दूर करता है पुदीने का सेवन
आयुर्वेद में सदियों से पुदीने का इस्तेमाल औषधि के रुप में हो रहा है। पुदीना (Pudina) अपने स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, पुदीना (dried mint) कफ और वात दोष को कम करता है, भूख बढ़ाता है। तो आप पुदीना खाएँ, स्वस्थ रहें।
पुदीना (Pudina) अपने स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है। पुदीना न सिर्फ खाने का जायका बढ़ाता है बल्कि स्वास्थ्यवर्द्धक भी होता है। आयुर्वेद में सदियों से पुदीने का इस्तेमाल औषधि के रुप में हो रहा है। सामान्य तौर पर पुदीने का उपयोग दंत-मंजन, टूथपेस्ट, चुइंगगम्स, माउथ फ्रेशनर, कैंडीज, इन्हेलर आदि में किया जाता है। आइए, पुदीने के बारे में विस्तार से जानते हैं।
वनस्पति शास्त्र में पुदीना Mint in Botany
- पुदीना के पौधा की कई प्रजातियां होती हैं।
- औषधि और आहार के लिए पुदीने की मेंथा स्पीक्टा लिन्न( Mentha spicata Linn.) प्रजाति का ही प्रयोग किया जाता है।
- इस पुदीने को पहाड़ी पुदीना भी कहा जाता है; क्योंकि यह पहाड़ी इलाके में अधिक होता है।
- यह Lamiaceae (लेमिएसी) कुल का है।
आयुर्वेद में पुदीना
- आयुर्वेद के अनुसार, पुदीना (dried mint) कफ और वात दोष को कम करता है, भूख बढ़ाता है।
- यह मल-मूत्र संबंधित बीमारियां और शारीरिक कमजोरी भी दूर करता है।
- दस्त, पेचिश, बुखार, पेट के रोग, लीवर आदि विकारों के इलाज के लिए भी यह उपयोग में लाया जाता है।
- इसलिए कहते हैं कि पुदीना खाएँ और स्वस्थ रहें।
फायदेमंद है पुदीने का सेवन (Pudina Benefits and Uses)
आइए जानते हैं कि पुदीना किन-किन बीमारियों में और कैसे काम आता है-
बाल झड़ना (Hair Loss)
- पुदीना अपने वातशामक गुण के कारण बालों के रूखेपन को कम करने में सहयोग देता है।
- इससे बालों की रूसी एवं बेजान होकर झड़ना या टूटना कम होता है।
- बाल प्राकृतिक रूप से बढ़ने लगते हैं।
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कान में दर्द (Ear Pain)
- पुदीना के प्रयोग से कान दर्द में जल्दी आराम मिलता है।
- कभी-कभी ठंड लगने पर या कान में पानी चले जाने पर कान में दर्द होने लगता है।
- ऐसे में पुदीना का रस कान में डालने से आराम मिलता है।
- पुदीना के पत्ते का रस निकाल कर इसकी 1-2 बूंदें कान में डालें।
सिरदर्द (Headache)
- अक्सर पाचन शक्ति ख़राब होने के कारण सिर में दर्द होता है।
- पुदीने की चाय ऐसे में बहुत फायदेमंद सिद्ध हो सकती है।
- क्योंकि यह अपने दीपन-पाचन गुण के कारण खाने को अच्छी प्रकार से हजम करने में मदद करती है।
- इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसलिए पुदीना खाएँ और स्वस्थ रहें।
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मुंह के छाले (Mouth Ulcer)
- यह परेशानी है तो पुदीने के पत्ते का काढ़ा बना लें। इससे गरारा करने से मुंह के छाले की समस्या ठीक होती है।
दांतों में दर्द (Toothache)
- पुदीने के पत्ते का चूर्ण बनाकर दांत को मांजने से दांतों का दर्द कम होता है।
सांस की नली की सूजन (Respiratory Tract Inflammation)
- ठंड लगने पर सांस की नली अक्सर सूज जाती है।
- इससे गले में दर्द होने लगता है।
- पुदीने के पत्ते का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली सेवन करने से इससे आराम मिलता है।
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अपच की समस्या (Indigestion)
- अक्सर पेट में गड़बड़ी होने पर अपच की समस्या होती है।
- इसके लिए नींबू, पुदीना तथा अदरक के 100-100 मिली रस लें।
- इसमें दोगुना (200 ग्राम) खांड मिला कर पका लें।
- इस काढ़ा को 20 मिली मात्रा में सेवन करें।
- इससे अपच की समस्या ठीक होती है।
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भूख की कमी (Loss of Appetite)
- कभी-कभी दवा के कारण, या किसी बीमारी के कारण भूख कम लगने लगती है।
- इसके लिए पुदीने को अपने भोजन में नियमित रूप से शामिल करें। पुदीना खाएँ और स्वस्थ रहें।
उल्टियाँ (Vomiting)
- एसिडिटी या फिर अन्य कारणों से भी उल्टी होने लगती है।
- उल्टी को रोकने के लिए पुदीना का सेवन लाभ पहुंचाता है।
- 10-20 मिली मात्रा में पुदीना के पत्तों का काढ़ा पीने से उल्टी बन्द हो जाती है।
उबकाई (Nausea)
- ज्यादातर अग्निमांद्य या पाचन तंत्र बिगड़ने से उबकाई आती है।
- पुदीने के सेवन से उबकाई महसूस होने के कष्ट से आराम मिलता है।
- क्योंकि पुदीने में वात-कफ शामक और दीपन-पाचन गुण होते हैं।
- जो पाचन तंत्र स्वस्थ बनाये रखने में और अग्नि को दीप्त करने में सहयोग देते हैं ।
पेट की गड़बड़ी (Abdominal Disorder)
- सामान्य तौर पर पेट की गड़बड़ी खान-पान में बदलाव की वजह से होता है।
- 10-15 मिली पुदीना के काढ़े में नमक तथा मरिच मिला लें।
- इसे पीने से पेट का रोग ठीक होता है।
- कभी-कभी जंक फूड खाने या मसालेदार खाना खाने से बदहजमी हो जाती है।
- पुदीना का काढ़ा या पुदीना की चाय पीने से आराम मिल जाता है। पुदीने का सेवन करें, स्वस्थ रहें।
दस्त (Diarrhoea)
- पुदीना के पंचांग का काढ़ा बना लें।
- इसे 10-20 मिली मात्रा में सेवन करें।
- इससे अपच और दस्त की समस्या ठीक होती है।
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अस्थमा (Asthma)
- पुदीना अपने वात-कफ शामक गुण के कारण अस्थमा में भी लाभदायक होता है।
- इसकी तासीर गर्म होने के कारण फेफड़ों में जमे बलगम को पिघला कर उसे बाहर निकालने में सहायता करती है।
- इससे इस बीमारी के लक्षणों के कम होने में सहायता मिलती है ।
इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome)
- इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम एक ऐसी अवस्था है जो अग्निमांद्य से उत्पन्न होती है।
- जिसमें पाचन तंत्र की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है।
- इस स्थिति में शरीर में आंव की उत्पत्ति शुरू हो जाती है।
- जो कभी कभी मल के साथ निकलता हुआ भी दिखाई देता है।
- पुदीना अपने दीपन-पाचन गुण के कारण भोजन एवं आंव को पचाता है।
- और इसके लक्षणों को काम करने में सहायता करता है।
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मासिक धर्म में ऐंठन और दर्द (Menstural Cramp)
- मासिक धर्म में दर्द और ऐंठन यानि क्रैम्प का कारण बढ़ा हुआ वात दोष होता है ।
- पुदीना के सेवन से हम इस दर्द और ऐंठन को दूर कर सकते हैं।
- क्योंकि इसमें वातशामक और उष्ण गुण होते है जो दर्द और ऐंठन में राहत देते हैं।
मूत्र विकार (Urinary Disorder)
- पुदीने के सेवन से पेशाब करते वक्त होने वाले दर्द या जलन से राहत मिलती है।
- 500 मिग्रा पुदीना के पत्ते में 500 मिग्रा काली मिर्च को पीस लें।
- इसे छानकर मिश्री मिलाकर पुदीना की चाय की तरह पिएं।
- इससे मूत्र विकार ठीक होते हैं।
गठिया दर्द
- पुदीना के पत्तों का काढ़ा बना लें।
- इसे 10-20 मिली की मात्रा में पीने से गठिया का दर्द कम होता है।
हाथीपांव रोग (Filaria)
- श्लीपद या हाथीपांव होने पर पैर हाथी की तरह फूल जाता है।
- दर्द के कारण चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है।
- इससे राहत पाने के लिए पुदीना का काढ़ा बना लें। इसे 15-20 मिली की मात्रा में सेवन करें।
घाव सूखाने के लिए (Heals Ulcer)
- पुदीना के पत्ते को पीसकर लेप लगाने से घाव से आने वाला दुर्गंध कम होता है।
- इससे घाव जल्दी भरता है।
- पुदीना के पंचांग का काढ़े से घाव को धोने से भी घाव जल्दी भरता है।
त्वचा रोग (Skin Disease)
- रैशेज, मुंहासे या घाव होने पर त्वचा पर काले-धब्बे पड़ जाते हैं।
- पुदीना के पीसे पत्तों को दाग पर लगाने से काले धब्बे मिट जाते हैं।
- त्वचा संबंधी किसी भी समस्या में पुदीना के फायदे असरदार तरीके से काम करते हैं।
बुखार ( Fever)
- मौसम के बदलाव के कारण बुखार आने पर पुदीना के पत्तों का काढ़ा बनाकर पिएं।
- इससे बुखार ठीक हो जाता है।
- पुदीने की चटनी बनाकर खिलाने से भी बुखार ठीक होता है।
- इससे बुखार के कारण होने वाली भूख की कमी ठीक होती है।
शरीर की जलन (Burning Sensation)
पुदीने के पत्तों का 15 मिली काढ़ा पीने से जलन कम होता है।
सूजन (Inflammation)
- सूखे पुदीना के पत्तों को सिरके में पीस लें।
- इसका लेप करने से कफ दोष के कारण होने वाली सूजन ठीक होती है।
बिच्छू का डंक (Scorpion Bite)
- सूखे पुदीना के पत्तों को पीस लें।
- जिस अंग पर बिच्छु ने काटा है, वहां लगाने से दर्द और जलन कम होती है।
पंचांग है उपयोगी (Panchag of Pudina is Useful )
आयुर्वेद में पुदीना के पत्ते और पंचांग का प्रयोग सबसे ज्यादा होता है।
अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए पुदीना का उपयोग कर रहे हैं, तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।
पुदीना के सेवन के साइड इफेक्ट (Side Effects of Pudina)
पुदीना के अधिक सेवन से ये साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं –
- किडनी विकार
- आंत विकार
- सेक्स करने की इच्छा में कमी आदि।