पीवी सिंधु जीतीं प्रीक्वार्टरफाइनल
- पीवी सिंधु ने ओलंपिक 2024 के आज के प्रीक्वार्टर मैच में जीत दर्ज की। अब वे क्वार्टर फाइनल खेलेंगी।
- भारत की पीवी सिंधु ने आज की जीत दर्ज। पेरिस ओलंपिक के प्रीक्वार्टर फाइनल में एस्टोनिया की शटलर क्रिस्टिन कुबा को हराया।
सिंधु का परिचय
- उनका पूरा नाम है पुसरला वेंकट सिंधु (Pusarla Venkata Sindhu), जिन्हें भारत में पीवी सिंधु (PV sindhu) के नाम से जाना जाता है।
- पीवी सिंधु का जन्म 5 जुलाई, 1995 को हैदराबाद में हुआ।
- सिंधु के माता-पिता आंध्रप्रदेश से राष्ट्रीय स्तर के वॉलीबॉल खिलाड़ी थे।
- इसलिए सिंधु के जिंदगी में खेल का अस्तित्व उनके जन्म से पहले से ही था।
- खेल के प्रति समर्पण और अथक मेहनत की निरंतरता पीवी सिंधु को कुछ हद तक उनके माता-पिता से विरासत में मिली।
- वे 21वीं सदी में एक खेल के प्रतीक के रूप में सामने आईं हैं।
- भारत में खिलाड़ियों के लिए एक पी.वी. सिंधु एक चमकता प्रकाशस्तंभ हैं।
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जीते हैं कई खिताब
- शटलर पी.वी. सिंधु पिछले एक दशक में दुनिया भर में दर्जनों खिताब जीतकर दुनिया के शीर्ष पर पहुंच चुकी हैं।
- ओलंपिक में रजत पदक और बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली वे पहली भारतीय महिला हैं।
- फिर पीवी सिंधु ने अपना दूसरा ओलंपिक पदक जीता। इस बार उन्होंने टोक्यो 2020 में कांस्य पदक हासिल किया।
- इसी के साथ वह दो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गईं।
- यद्यपि उनके माता-पिता वॉलीबॉल खिलाड़ी थे, लेकिन सिंधु ने पुलेला गोपीचंद के खेल से प्रेरणा लेकर बैडमिंटन को चुना।
- और आठ साल तक वह नियमित रूप से खेलती रहीं।
गोपीचंद की एकेडमी की ज्वाइन
- जल्द ही सिंधु की कहानी बदल गई, जब वे गोपीचंद के साथ उनकी एकेडमी में शामिल हो गईं।
- फिर वे स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय भी बनीं। पीवी सिंधु ओलंपिक 2024
- साल 2024 में वे पेरिस ओलंपिक गेम्स में अपने फार्म में हैं।
- फ्रांस की राजधानी पेरिस में 26 जुलाई से लेकर 11 अगस्त तक ओलंपिक गेम्स चलेंगे।
- सिंधु ओलंपिक खेलों के ध्वजवाहक के रूप में शामिल हुईं।
- दूसरे राउंड के मैच में आज उन्होंने जबर्दस्त परफार्मेंस दिया।
- आज के प्रीक्वार्टर फाइनल में एस्टोनिया की शटलर क्रिस्टिन कुबा को हराया।
- उन्होंने सीधे गेमों में क्रिस्टिन कुबा को 21-5. 21-10 से हरा कर नॉक आउट दौर में प्रवेश कर लिया।
- यह एकतरफा मुकाबला सिंधु ने 34 मिनटों में जीत लिया।
- इस मुकाम को हासिल करने के लिए पिछले कुछ महीनो में अलग-अलग तरीकों से कड़ा अभ्यास किया है।
- यदि वह पेरिस ओलंपिक में पोडियम पर पहुंचने में सफल रहती हैं,
- तो फिर वह पदकों की हैट्रिक पूरी करने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बन जाएंगी।
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