Thursday, September 19, 2024
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पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस

पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस
पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस

पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश की राजधानी इस्लामाबाद स्थित पार्टियामेंट हाउस और प्रेसिडेंसी में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। साथ ही राजधानी में 31 तोपों की सलामी दी जाती है। भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए थे। लेकिन पाकिस्तान भारत से एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को ये खास दिन सेलिब्रेट करता है.

कब आज़ाद हुआ था पाकिस्तान : 14 अगस्त 1947 को या फिर 15 अगस्त 1947 को….

  • पाकिस्तान को स्वतंत्र हुए 76 साल गुज़र चुके हैं।
  • यह देश स्वतंत्रता दिवस का आयोजन हर साल 14 अगस्त को मनाता है।
  • हर साल ये सवाल उठता है कि दो देश (भारत और पाकिस्तान) जो एक साथ आज़ाद हुए हों,
  • उनके स्वतंत्रता दिवस में एक दिन का अंतर कैसे आ गया?

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डाक टिकटों पर 15 अगस्त दर्ज

  • पाकिस्तान के डाक टिकट उसकी स्वतंत्रता के 11 महीने बाद 9 जुलाई 1948 को जारी हुए थे.
  • इन टिकटों पर साफ़तौर पर पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 छपा हुआ है.
  • इसका मतलब यही है कि पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस भी 14 नहीं बल्कि 15 अगस्त 1947 है।
  • तो फिर स्वतंत्रता दिवस की पहली सालगिरह 14 अगस्त 1948 को क्यों मनाई गई?
  • 15 अगस्त 1947 को पाकिस्तानी सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने लंदन के लैंकेस्टर हाउस में ब्रिटिश अधिकारियों को पाकिस्तानी झंडा भेंट किया।
  • 14 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुए तो स्वतंत्रता के 11 महीने बाद प्रकाशित होने वाले डाक टिकटों पर स्वतंत्रता दिवस की तारीख़ 15 अगस्त क्यों लिखी हुई है
  • और अगर पाकिस्तान 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ तो उसने स्वतंत्रता की पहली सालगिरह 15 अगस्त की बजाय 14 अगस्त 1948 क्यों मनाई?
  • सबसे बढ़कर तो ये कि आज तक सालगिरह 15 के बजाय 14 अगस्त को क्यों मनाते चले आ रहे हैं?

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माउंटबेटन का ऐलान/ MOUNTBATTEN ANNOUNCES

पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस

  • ब्रिटिश सरकार ने ये एलान तो कर दिया कि पाकिस्तान और भारत दोनों एक ही समय यानी 15 अगस्त 1947 को ज़ीरो आवर पर स्वतंत्र होंगे
  • लेकिन मुश्किल ये हुई कि लॉर्ड माउंटबेटन को 14 और 15 अगस्त 1947 की दरम्यानी आधी रात को नई दिल्ली में भारत की स्वतंत्रता का ऐलान करना था.
  • चुनी हुई सरकार को सत्ता सौंपनी थी और ख़ुद स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल का पद संभालना था.
  • तो इस मुश्किल का हल ये निकाला गया कि लॉर्ड माउंटबेटन 13 अगस्त 1947 को कराची जाएँ।
  • और 14 अगस्त 1947 की सुबह पाकिस्तान की संविधान सभा को संबोधित करते हुए सत्ता हस्तांतरण की कार्रवाई पूरी करें।
  • ये एलान करें कि इस रात यानी 14 और 15 अगस्त 1947 की आधी रात को पाकिस्तान एक स्वतंत्र देश बन जाएगा.

14 अगस्त – पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस

  • ऐसा ही हुआ. 13 अगस्त 1947 को लार्ड माउंट बेटन कराची आ गए।
  • उसी रात कराची के गवर्नर जनरल हाउस में उनके सम्मान में रात्रि भोज रखा गया.
  • जिसे संबोधित करते हुए मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा:
  • “मैं महामहिम के स्वास्थ्य का जाम पेश करते हुए बहुत ख़ुशी महसूस कर रहा हूँ.
  • बहुत ही महत्वपूर्ण और एक अलग अवसर है. आज भारत के लोगों को पूरी तरह से सत्ता हस्तांतरित होने वाली है
  • और 15 अगस्त 1947 के तय किए गए दिन पर दो स्वतंत्र और संप्रभु देश पाकिस्तान और भारत अस्तित्व में आ जाएंगे.
  • महामहिम की सरकार का यह निर्णय उस बुलंद लक्ष्य को प्राप्त करेगा जिसे राष्ट्रमंडल का एकमात्र उद्देश्य घोषित किया गया था.

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वायसराय का संदेश /VICEROY’S MESSAGE

  • वह गुरुवार 14 अगस्त 1947, 26 रमज़ान 1366 हिजरी की सुबह थी, 9 बजे थे।
  • कराची की वर्तमान सिंध असेंबली बिल्डिंग में पाकिस्तान की संविधान सभा का विशेष सत्र शुरू हुआ.
  • सुबह से ही बिल्डिंग के सामने उत्साहित जनता एकत्रित थी.
  • पाकिस्तान के नामित गवर्नर जनरल मोहम्मद अली जिन्ना और लार्ड माउंट बेटन एक विशेष बग्गी में  असेंबली हॉल पहुंचे।
  • तो जनता ने उत्साहित नारों और तालियों से उनका स्वागत किया.
  • असेंबली की सभी कुर्सियां भरी हुई थी.
  • 14 अगस्त के भाषण के बाद लॉर्ड माउंटबेटन और उनकी पत्नी एडविना एक भीड़ के बीच रथ में सवार हुए
  • गैलरी में नामचीन लोग, राजनेताओं और देश विदेश के अख़बारों के संवाददाताओं की भारी संख्या मौजूद थी.
  • अध्यक्ष की कुर्सी पर संविधान सभा के अध्यक्ष मोहम्मद अली जिन्ना बैठे थे और उनके बराबर में लॉर्ड माउंटबेटन की कुर्सी थी.
  • दोनों ने जब अपनी अपनी कुर्सी संभाली तो औपचारिक तौर पर कार्रवाई की शुरुआत की गई.
  • सबसे पहले लॉर्ड माउंट बेटन ने ब्रिटेन के राजा का संदेश पढ़ कर सुनाया जिसमे जिन्ना को संबोधित करते हुए कहा गया था
  • “ब्रिटिश राष्ट्रमंडल के देशों की पंक्ति में शामिल होने वाले नए राष्ट्र की स्थापना के महान अवसर पर मैं आपको हार्दिक बधाई देता हूं.
  • आपने जिस तरह से स्वतंत्रता प्राप्त की है, वह पूरी दुनिया में स्वतंत्रता-प्रेमी लोगों के लिए एक उदाहरण है.
  • मैं उम्मीद रखता हूँ कि ब्रिटिश राष्ट्रमंडल के सभी सदस्य लोकतंत्र के सिद्धांतों को बनाए रखने में आपका साथ देंगे.
  • इस संदेश के बाद, लॉर्ड माउंटबेटन ने विदाई भाषण दिया और पाकिस्तान और लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की.
  • अपने इस भाषण में लार्ड माउंट बेटन ने साफ़ शब्दों में कहा था:
  • “आज मैं आप लोगों को आपके वायसराय की हैसियत से संबोधित कर रहा हूं.
  • कल नई डोमिनियन पाकिस्तान सरकार की बागडोर आपके हाथों में होगी।
  • मैं आपके पड़ोसी देश डोमिनियन ऑफ़ इंडिया का संवैधानिक प्रमुख बनूंगा.
  • दोनों सरकारों के नेताओं ने मुझे संयुक्त रक्षा परिषद का तटस्थ अध्यक्ष बनने के लिए आमंत्रित किया है,
  • ये मेरे लिए एक सम्मान है जिस पर मैं पूरा उतरने की कोशिश करूंगा.
  • 15 अगस्त को दिल्ली में विधान सभा के सामने भारत की स्वतंत्रता की घोषणा की विधानसभा की कार्यवाही और स्वतंत्रता के एलान के बाद,
  • मोहम्मद अली जिन्ना, लॉर्ड माउंटबेटन के साथ, शाही बग्ग में गवर्नर जनरल हाउस वापिस हुए.
  • दोपहर दो बजे लॉर्ड माउंटबेटन नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए, जहां उसी रात 12 बजे भारत की स्वतंत्रता के
  • एलान के साथ उन्हें इस देश के गवर्नर-जनरल का पद भी संभालना था.
  • लॉर्ड माउंटबेटन के स्वतंत्रता के ऐलान के अनुसार, 14 और 15 अगस्त 1947 की आधी रात को 12 बजे,
  • दुनिया के नक़्शे पर एक स्वतंत्र और संप्रभु और इस्लामी दुनिया के सबसे बड़े देश की वृद्धि हुई.
  • जिसका नाम पाकिस्तान था.
  • ठीक उसी समय लाहौर और ढाका से पाकिस्तान प्रसारण सेवा से पाकिस्तान की स्वतंत्रता का एलान हुआ.
  • इससे पहले, 14 और 15 अगस्त, 1947 की आधी रात को
  • लाहौर, पेशावर और ढाका स्टेशनों से रात 11 बजे ऑल इंडिया रेडियो ने अपना आख़िरी ऐलान प्रसारित किया था.
  • बारह बजे से कुछ क्षण पहले, रेडियो पाकिस्तान की सिग्नेचर ट्यून बजाई गई और ज़हूर आज़र की आवाज़ में,
  • अंग्रेजी में एक ऐलान किया गया कि आधी रात के समय पाकिस्तान एक स्वतंत्र और संप्रभु देश अस्तित्व में आएगा.
  • रात के ठीक 12 बजे, हजारों श्रोताओं के कानों में पहले अंग्रेजी में और फिर उर्दू में ये शब्द गूंजे,”यह पाकिस्तान ब्रॉडकास्टिंग सर्विस है.”
  • आधी रात के समय ही, रेडियो पाकिस्तान जिसके बोल थे, “पाकिस्तान बनाने वाले, पाकिस्तान मुबारक हो.”
  • पाकिस्तान रमज़ान की 27वीं रात को स्वतंत्र हुआ.
  • जिस दिन स्वतंत्र हुआ उस दिन अलविदा जुमा (रमज़ान के महीने का आख़िरी शुक्रवार) का दिन था.
  • उस दिन 14 अगस्त 1947 की तारीख़ थी और हम अपने साथ आज़ाद होने वाले देश से ‘एक दिन बड़े’ हैं.
  • लेकिन जब हम 1947 का कैलेंडर देखते हैं तो पता चलता है कि उस दिन तो गुरुवार था और हिजरी तारीख़ भी 27 नहीं बल्कि 26 रमज़ान थी

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आज़ादी का ऐलान/ANNOUNCEMENT OF FREEDOM

  • “बहुत ही ख़ुशी और भावनाओं के साथ मैं आपको बधाई देता हूँ.
  • 15 अगस्त स्वतंत्र और संप्रभु पाकिस्तान के जन्म का दिन है.
  • ये मुसलमानों की मंज़िल की निशानी है
  • जिन्होंने पिछले कुछ सालों में अपने वतन को हासिल करने के लिए बहुत बड़ी बड़ी क़ुर्बानियां दी हैं.”
  • अपने इस संबोधन में, जिन्ना ने पाकिस्तान के सभी नागरिकों को पाकिस्तान की संप्रभु देश स्थाप”आज मैं
  • आप लोगों को आपके वायसराय की हैसियत से संबोधित कर रहा हूं.
  • कल नई डोमिनियन पाकिस्तान सरकार की बागडोर आपके हाथों में होगी
  • और मैं आपके पड़ोसी देश डोमिनियन ऑफ़ इंडिया का संवैधानिक प्रमुख बनूंगा.
  • दोनों सरकारों के नेताओं ने मुझे संयुक्त रक्षा परिषद का तटस्थ अध्यक्ष बनने के लिए आमंत्रित किया है,
  • ये मेरे लिए एक सम्मान है जिस पर मैं पूरा उतरने की कोशिश करूंगा.
  • कल, दो नए संप्रभु राष्ट्र राष्ट्रमंडल में शामिल होंगे. ये नए राष्ट्र नहीं होंगे, बल्कि ये एक प्राचीन गौरवपूर्ण सभ्यता के उत्तराधिकारी राष्ट्र हैं.
  • इन पूरी तरह से स्वतंत्र देशों के नेता बड़े मशहूर हैं, दुनिया की नजरों में बहुत सम्मान से देखे जाते हैं.
  • उनके कवियों, दार्शनिकों, वैज्ञानिकों और फौजों ने इंसानियत के लिए न भुलाई जाने वाली सेवाएं की हैं.
  • इन देशों की सरकारें अनुभवहीन और कमजोर नहीं हैं, बल्कि दुनिया भर में शांति और विकास में अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की क्षमता रखती हैं.”
  • लॉर्ड माउंटबेटन के बाद, जिन्ना ने अपना भाषण शुरू किया.
  • उन्होंने सबसे पहले इंग्लैंड के राजा और वायसराय का धन्यवाद किया और उन्हें आश्वासन दिया कि:
  • “हमारी पड़ोसियों से बेहतर और दोस्ताना संबंधों की भावना कभी कम नहीं होगी और हम पूरी दुनिया के दोस्त रहेंगे.”
लेखिका – सारिका असाटी

 

 

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