Friday, September 12, 2025
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पसीना बहाकर डिटॉक्स भ्रममात्र है

a lady drinking juice
पसीना बहाकर डिटॉक्स भ्रममात्र है

पसीना हमारे शरीर को ठंडा रखने के लिए निकलता है। इसमें मुख्य रूप से शरीर का पानी बाहर निकलता है। अपशिष्ट या विषाक्त पदार्थ न के बराबर निकलते हैं। पसीना बहाकर डिटॉक्स करना भ्रममात्र है।

 

पसीना बहाने का है चलन

  • हम पसीने से नाक-भौं सिकोड़ते हैं और इससे निजात पाने के लिए तरह-तरह के डिओ और अन्य उपाय अपनाते हैं।
  • लेकिन आजकल पसीना चलन और स्टाइल में है, खासकर जिम में।
  • इसके अलावा पसीना बहाने के लिए तरह-तरह के विकल्प चलन में हैं, जैसे हॉट योगा, इन्फ्रारेड सौना वगैरह।
  • लोग समझते हैं कि इस तरह पसीना बहाकर वे अपने शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल देंगे।
  • अन्य शब्दों में कहें तो शरीर को डिटॉक्स कर देंगे। लेकिन वास्तविकता थोड़ी अलग है।
  • पसीना बहाऊ गतिविधियां शरीर से अधिकतर पानी ही बाहर निकालती हैं और अन्य पदार्थ न के बराबर।
  • यह मुख्यत: हमारे शरीर को ठंडा रखने के लिए निकलता है।
  • शरीर से अपशिष्ट या विषाक्त पदार्थ बाहर निकालने के लिए नहीं।
  • इस काम के लिए हमारे शरीर में किडनी और लीवर हैं।

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मिथक है पसीने से शरीर को डिटॉक्स करना

  • मैकगिल युनिवर्सिटी में विज्ञान और समाज विभाग के निदेशक व रसायनशास्त्री जो श्वार्क्ज़ बताते हैं कि
  • पसीने से शरीर को डिटॉक्स करने की बात एक मिथक है।
  • इसमें ज़्यादातर पानी होता है।
  • साथ ही इसमें अत्यल्प मात्रा में अन्य सैकड़ों पदार्थ हो सकते हैं जिनमें से कुछ विषैले पदार्थ भी हो सकते हैं।
  • इसलिए जब भी इस तरह डिटॉक्स करने की बात हो तो ये सवाल ज़रूरी है कि पसीना बहाकर कितना डिटॉक्स होगा?
  • और क्या पसीने के साथ कीटनाशक शरीर से बाहर निकल जाएंगे?
  • धातुएं या कुछ और बाहर निकल जाएगा?

कैसे जमा होते हैं विषाक्त पदार्थ

  • हमारे शरीर में विषाक्त पदार्थ कैसे जमा होते हैं? उनके गुण क्या हैं?
  • उनसे छुटकारा पाने के क्या तरीके शरीर अपनाता है
  • इस बात पर गौर करेंगे तो आप पाएंगे कि अधिकांश डिटॉक्स योजनाएं बकवास हैं।
  • हमारा शरीर गर्म होता है या हम व्यायाम करते हैं तो हमारे पूरे शरीर में फैली एंक्राइन ग्रंथियां पसीना स्रावित करती हैं।
  • इनकी संख्या हमारे शरीर में करीब तीस लाख है।

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पसीना क्यों बहता है

  • चूंकि हमारा शरीर अपने को ठंडा रखने के लिए पसीना बहाता हैं इसलिए इसमें 99 प्रतिशत से अधिक पानी होता है।
  • इस पानी में बहुत थोड़ी मात्रा में सोडियम और कैल्शियम जैसे खनिज, विभिन्न प्रोटीन, लैक्टिक एसिड और थोड़ा यूरिया होता है।
  • यूरिया भोजन में प्रोटीन के टूटने से लीवर में बनता है।
  • यह हमारे शरीर में बनने वाला एक अपशिष्ट उत्पाद है।
  •  पसीने के साथ शरीर से थोड़ा यूरिया भी निकल जाता है। यह सही है।
  •  लेकिन सच्चाई यह है कि इसका अधिकांश हिस्सा पेशाब के ज़रिए शरीर से बाहर निकलता है और यह काम किडनी करती है।

नहीं निकलते प्रदूषक पदार्थ पसीने से

  • अब बात करते हैं मानव निर्मित प्रदूषकों की। कीटनाशक, अग्निरोधी और पॉलीक्लोरिनेटेड बाइफिनाइल (पीसीबी)आदि कार्बनिक प्रदूषक हैं।
  • ये शरीर में प्रवेश करके शरीर की वसा में जाकर जमा हो जाते हैं, क्योंकि ये पदार्थ वसा-प्रेमी (या वसा में घुलनशील) होते हैं।
  • पसीने में मुख्यत: पानी होता है, वसा नहीं।
  • नतीजतन, ये वसा-प्रेमी पदार्थ पानी में नहीं घुलते।
  • और पसीने के साथ इतनी कम मात्रा में निकलते हैं कि इसे डिटॉक्स कहना व्यर्थ है।

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क्या कहते हैं वैज्ञानिक

  • ओटावा विश्वविद्यालय के एक्सरसाइज़ फिज़ियोलॉजिस्ट हैं पास्कल इम्बॉल्ट।
  • इन्होंने 2018 में अपने अध्ययन में पसीने में इन्हीं विषाक्त पदार्थों की मात्रा की गणना की थी।
  • नतीजा पाया कि 45 मिनट का कठोर व्यायाम करके कोई सामान्य व्यक्ति पूरे दिन में कुल दो लीटर पसीना बहा सकता है।
  • और इस पसीने में इन प्रदूषकों की मात्रा एक नैनोग्राम के दसवें हिस्से से भी कम होती है।
  • इसे इस तरह समझते हैं कि आप दिन भर में जितनी भी मात्रा में विषाक्त पदार्थ का सेवन करते हैं
  • पसीने के साथ उसका महज 0.02 प्रतिशत हिस्सा ही बहाते हैं।
  • कुछ भी करके पूरे दिन में दैनिक सेवन का अधिकतम 0.04 प्रतिशत तक ही प्रदूषक पसीने में बहा सकते हैं।
  • अधिकांश लोगों के शरीर में कीटनाशकों और अन्य प्रदूषकों का स्तर बेहद कम होता है।
  • सिर्फ इसलिए कि वे हमारे शरीर में मौजूद हैं इसका मतलब यह नहीं है कि
  • उनकी इतनी मात्रा हमें कोई नुकसान पहुंचा रही है, या शरीर से इन्हें हटाने से स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव पड़ेगा।

मिथक में है कितनी सच्चाई

  • चलिए अब इस मिथक की लेशमात्र सच्चाई को देखते हैं।
  • प्लास्टिक में मौजूद सीसा जैसी भारी धातुएं और बीपीए वसा की जगह पानी में आसानी से घुलते हैं।
  • इसलिए ये बहुत थोड़ी मात्रा में पसीने के साथ बाहर निकल जाते हैं।
  • लेकिन तथ्य यह है कि बीपीए का अधिकांश हिस्सा पेशाब के ज़रिए शरीर से निकलता है।
  • इसका मतलब यह नहीं कि आप पानी पी-पीकर पेशाब करते रहें। ताकि शरीर विषमुक्त रहे।
  • बल्कि विशेषज्ञों की सलाह है कि प्लास्टिक की चीज़ों में खाने-पीने से बचें।
  • ताकि बीपीए का सेवन कम से कम हो।

किडनी को रखें स्वस्थ

  • कोशिश करें कि कीटनाशक या अन्य प्रदूषण रहित खाद्य का सेवन करें और इनके संपर्क में आने से बचें।
  • इसके अलावा शरीर के सफाईकर्मी अंग यानी किडनी को स्वस्थ रखें।
  • धूम्रपान से, उच्च रक्तचाप और इबुप्रोफेन जैसी दर्दनिवारक दवाइयों के अत्यधिक उपयोग से बचें।
  • पर्याप्त पानी पिएं। शरीर में पानी की कमी से किडनी पर दबाव पड़ता है।
  • इसलिए पर्याप्त पानी पिए बिना खूब पसीना बहाने से शरीर की सफाई प्रणाली गड़बड़ा सकती है।

ना आएँ बाजार के झांसे में

  • बाज़ार के चलन के झांसे में न आएं।
  •  हर मनुष्य स्वस्थ रहना चाहता है, यह बाज़ार जानता है कि और इसका फायदा उठाता है।
  • कहता है कि उपवास करने से, डाइट प्लान लेने से हम स्वस्थ रह सकते हैं।
  • बहुत अधिक पसीना बहाने के उनके विकल्प अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

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घातक है स्वेट थेरेपी

  • दरअसल, कई मामलों में स्वेट थेरेपी की अति से लोगों की जान तक गई है।
  • अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के अनुसार
  • एक बार में 10 मिनट से अधिक समय तक सौना रूम में नहीं रहना चाहिए।
  • 2011 में, एरिज़ोना में एक स्व-सहायता गुरु द्वारा आयोजित दो घंटे लंबे पसीना समारोह के बाद तीन लोगों की मौत हो गई थी।
  • इसी वर्ष, क्यूबेक में एक 35 वर्षीय महिला की मृत्यु हो गई थी।
  • महिला के शरीर पर डिटॉक्स स्पा उपचार के तहत मिट्टी का लेप किया गया था,
  • फिर उसे प्लास्टिक में लपेटकर सिर पर एक कार्डबोर्ड का बक्सा रख दिया गया।
  • और ऊपर से कंबल ओढ़ाकर उसे नौ घंटे तक रखा गया। इस तरह वह पसीना तो बहाती रही
  • लेकिन उपचार के कुछ घंटों बाद ही अत्यधिक गर्मी के कारण उसकी मृत्यु हो गई।
  • स्वस्थ रहने और अन्य हसरतों को बाज़ार जानता है।
  • वह दावे करता है कि कोई उत्पाद अपनाकर आप तुरंत वैसे हो सकते हैं जैसे आप होना चाहते हैं।
  • बाज़ार को रोकना मुश्किल है, लेकिन आप बाज़ार के झांसे में न आएं और समझदारी से काम लें।

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यह लेख सामान्य जानकारियों पर आधारित है। पसंद आए तो अधिक से अधिक शेयर करें। अपने विचार और सुझाव कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। धन्यवाद।

 

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