
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिन के दौरे पर अमेरिका में हैं। मोदी इस दौरान ब्लेयर हाउस में रुकेंगे। यह वाशिंगटन डीसी में बेहद खास गेस्ट हाउस है जो व्हाइट हाउस के पास है। इसे अमेरिकी आतिथ्य के प्रतीक की तरह देखा जाचता है। इसमें कई विश्व नेता रुके हैं।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस का अपना दौरा पूरा करने के बाद पेरिस से दो दिन की यात्रा पर अमेरिका पहुंच गए हैं। पीएम मोदी ने खुद गुरुवार सुबह (भारतीय समयानासुर) एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए खुद के वॉशिंगटन डीसी पहुंचने की जानकारी दी है।
नरेंद्र मोदी अपने इस दौरे पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक करेंगे। गुरुवार को दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के बाद व्हाइट हाउस में मेहमान बनने वाले नरेंद्र मोदी तीसरे विदेशी नेता हैं। नरेंद्र मोदी का यह दौरा भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों के लिए खास अहमियत रखता है।
- नरेंद्र मोदी वॉशिंगटन के ब्लेयर हाउस में रुके हैं
- ब्लेयर हाउस में मोदी का जोरदार स्वागत हुआ है
- ब्लेयर हाउस का इतिहास 200 साल से भी पुराना
वॉशिंगटन प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समय के हिसाब से गुरुवार सुबह अमेरिकी दौरे पर पहुंचे हैं। नरेंद्र मोदी अमेरिका में करीब 36 घंटे रहेंगे। इस दौरान वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करते हुए कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे। नरेंद्र मोदी को अमेरिका सरकार ने वॉशिंगटन के ऐतिहासिक ब्लेयर हाउस में ठहराया है। यह वाइट हाउस के सामने स्थित है औ अमेरिकी राष्ट्रपति के मेहमानों का स्पेशल गेस्ट हाउस है। यह ऐतिहासिक इमारत 200 साल से भी ज्यादा पुरानी है और इसका अपना रोचक इतिहास है। ब्लेयर हाउस क्वीन एलिजाबेथ, विंस्टन चर्चिल और व्लादिमीर पुतिन जैसे दुनिया के कई कई बड़े नेताओं की मेजबानी कर चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से पहले ब्लेयर हाउस पर भारतीय झंडा फहराया गया और उनक गर्मजोशी से स्वागत किया। ब्लेयर हाउस कभी एक प्राइवेट प्रॉपर्टी थी। इसे एक मशहूर सर्जन ने बनवाया लेकिन बाद में इसे बेच दिया गया। इसके अमेरिकी राष्ट्रपति का गेस्ट हाउस बनने में चर्चिल के सिगार पीने का किस्सा भी एक अहम वजह बना था।
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ब्लेयर हाउस का इतिहास–
ब्लेयर हाउस पेंसिलवेनिया एवेन्यू पर व्हाइट हाउस के सामने स्थित है। आज के समय में ये राष्ट्रपति के गेस्ट हाउस के रूप में जाना जाता है लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था। खूबसूरत फेडरल-शैली के टाउनहाउस को साल 1824 में अमेरिका के डॉक्टर जोसेफ लवेल के लिए बनाया गया था। 1837 में फ्रैंकफोर्ट के फ्रांसिस प्रेस्टन ब्लेयर ने इसे 6,500 डॉलर (लगभग 5.64 लाख रुपए) में खरीद लिया। ब्लेयर के नाम पर ही व्हाइट हाउस के सामने बने इस घर का नाम पड़ा। ब्लेयर हाउस अगले 100 सालों तक उनके परिवार के पास रहा।
साल 1942 में अमेरिकी सरकार ने इसे राष्ट्रपति के आधिकारिक मेहमानों के लिए घर के रूप में इस्तेमाल करने के लिए खरीदा। ये द्वितीय विश्व युद्ध का समय था और ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल लगातार वॉशिंगटन की यात्रा कर रहे थे। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट को विदेशी मेहमानों के लिए एक खास जगह की जरूरत महसूस हुई। उससे पहले विदेशी मेहमान व्हाइट हाउस में ही ठहरते थे। दरअसल एक रात रूजवेल्ट ने चर्चिल को हाथ में सिगार लिए व्हाइट हाउस में घूमते हुए देखा था। इसके बाद रूजवेल्ट ने ब्लेयर हाउस को उसके पूरे सामान के साथ खरीदने का फैसला लिया ताकि इसे राष्ट्रपति के मेहमानों का गेस्ट हाउस बनाया जा सके।
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ब्लेयर हाउस 119 कमरे, 35 बाथरूम–
ब्लेयर हाउस 70,000 वर्ग फुट में फैला हैब्लेयर हाउस ये एक घर नहीं बल्कि चार आपस में जुड़े टाउनहाउस का परिसर है। इसमें 119 कमरे हैं, जिनमें 14 गेस्ट बेडरूम हैं। इसमें 35 बाथरूम, तीन औपचारिक डाइनिंग रूम और एक पूरी तरह से सुसज्जित ब्यूटी सैलून हैं। ब्लेयर हाउस किसी पांच सितारा होटल से भी आलीशान है। ब्लेयर हाउस की सजावट भी बेजोड़ है और अमेरिकी शिल्प कौशल को दर्शाती है। इसकी बनावट पुरानी शैली को आज भी बचाकर रखा गया है।
ब्लेयर हाउस ने दुनिया के ज्यादातर बड़े राजघरानों और विश्व नेताओं की मेजबानी की है। इस वजह से इसे दुनिया का सबसे विशिष्ट होटल भी कहा जाता है। ब्लेयर हाउस में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं। इसलिए इसे अमेरिकी इतिहास का एक अभिन्न अंग कहा जाता है।

स्वागत के लिए धन्यवाद: पीएम मोदी–
नरेंद्र मोदी का अमेरिका पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने भी जोरदार स्वागत किया। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा,
‘सर्दी के मौसम में गर्मजोशी से स्वागत!
ठंड के मौसम के बावजूद वाशिंगटन डीसी में भारतीय प्रवासियों ने मेरा बहुत ही खास स्वागत किया है। मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।
मैं प्रेसीडेंट ट्रंप से मिलने और भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हूं। हम लोगों के बेहतर भविष्य के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।
‘भारतीय विदेश मंत्रालय ने नरेंद्र मोदी के दिन के अमेरिकी दौरे पर कहा है कि ये दोनों देशों की व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में एक नया अध्याय है। मंत्रालय ने बताया है कि प्रधानमंत्री मोदी दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अलावा अमेरिकी कैबिनेट के सदस्यों और उद्योग जगत के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे।
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