जल कई बीमारियों को करता है ठीक
भूमि पर जल का अकूत भण्डार है। हमारी नित्य प्रति की व्यवस्था और हमारा संपूर्ण जीवन ही जल पर आधारित है। कहा भी गया है `जल ही जीवन है।’ जल के औषधीय गुण भी चमत्कारिक हैं।
आइए इसके वैज्ञानिक एवं औषधीय गुणों के बारे में भी कुछ विचार करें –
जल ही जीवन
- भूमि पर जल का अकूत भण्डार है।
- हमारी नित्य प्रति की व्यवस्था और हमारा संपूर्ण जीवन ही जल पर आधारित है।
- शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में जल का अति महत्त्वपूर्ण स्थान है।
- इसीलिए तेज बुखार में कोई दवा न देकर रोगी को स्नान कराया जाता है।
- तेज बुखार की अवस्था में कभी भी दवा न दें।
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- पहले स्नान कराकर या सिर पर ठंडे जल की पट्टी रखें।
- इस तरल बुखार को कुछ हल्का कर लें, फिर उपचार करें।
- गर्म जल लेने से भी बुखार उतर जाता है।
- शरीर के कुल वज़न का 75 प्रतिशत भाग जल ही होता है।
- इसलिए यह आवश्यक है कि आप अपने शरीर के जल संतुलन को बनाये रखें।
- उचित यह होगा कि आप 5-6 लि. जल प्रतिदिन लेते रहें।
- शरीर के निर्जलीकरण की अवस्था में डॉक्टरों द्वारा नमक और ग्लूकोज मिश्रित जल ही शरीर में नसों द्वारा प्रविष्ट कराया जाता है।
- दस्त की शिकायत होने पर एक-दो गिलास ठंडा जल पीने से लाभ होता है।
- छोटे बच्चों को अधिक दस्त होने पर गुदा मार्ग से बर्फ के छोटे टुकड़े को प्रविष्ट करा देने पर लाभ होता है।
- अतः दस्त की अवस्था में कभी भी जल लेना बंद न करें।
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- जल निरंतर लेते रहें।
- भोजन का पाचन जल के अभाव में सुचारू रूप से नहीं हो पाता।
- लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि भोजन करने से एक घंटे पूर्व एक गिलास जल लें तथा भोजन करते वक्त जल बिल्कुल ही न लें।
- यदि बहुत ही ज़रूरी हो जाय तो एक दो घूंट जल से काम चला लें।
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- भोजन के एक घंटे पश्चात् एक लीटर जल पीएँ।
- इससे भोजन का पाचन सुव्यवस्थित ढंग से होगा तथा कब्ज़ की शिकायत नहीं होगी।
- किसी अंग में सूजन हो जाने पर नमकीन गर्म जल से धोने पर सूजन का शमन हो जाता है।
- सूखी खुजली की शिकायत होने पर गर्म जल में फिटकरी मिलाकर स्नान करने से खुजली दूर हो जाती है।
- गुलाब की दो-चार पंखुड़ियाँ डले गर्म जल से रोजाना चेहरा धोने से दाग-धब्बे-झांइयों से मुक्ति मिलती है।
- चेहरे पर गांठ या सफेद दाग होने पर गर्म जल की भाप से चेहरे की सिकाई करें।
- और उसके बाद रात को घर के छत के ऊपर रखी गई रूई और उसमें एकत्रित ओस के बूंद लगाने से इन शिकायतों से निजात पाई जा सकती है।
- बदन में या हाथ-पैरों में दर्द होने पर गर्म जल में मैग्निशियम सल्फेट मिलाकर अंगों को धोने से दर्द से राहत मिलती है।
- गैस्ट्रिक की बीमारी से केवल गर्म जल पीने मात्र से मुक्ति मिल जाती है, बशर्ते, व्यक्ति कभी भी ठंडा जल न ले। सदा ही गर्म जल पीये।
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- जल मानव के साथ-ही-साथ पूरी मानवता के लिए अमृत तुल्य है।
- पूरा धरातल जल से प्रभावित एवं पोषित है।
- अतः हम जल के महत्त्व को समझें और जल को नष्ट होने से बचाने में अपनी भूमिका का निर्वाह करें।