Friday, September 12, 2025
Homeविशेषत्योहारगुरु नानक जयंती

गुरु नानक जयंती

सिख धर्म की नींव रखी गुरु नानक देव जी ने

  • गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल, 1469 को राय बोइ के गांव में हुआ था।
  • उनके पिता का नाम मेटा बेदी था और माता का नाम त्रिपता था।
  • नानक जी का बचपन सामान्य परिवार में बीता, लेकिन उनका विचारशील मन और दयालु हृदय हमेशा से ही अलग था।
  • गुरु नानक जी ने अपने जीवन में संसार की मानवता, दरिद्रता, असमानता, और असहिष्णुता के खिलाफ लड़ा।
  • उन्होंने सभी लोगों को एक समान माना और सभी को सच्ची शिक्षा और मार्गदर्शन दिया।
  • नानक जी ने अपने जीवन के दौरान बहुत से स्थानों की यात्रा की और लोगों को धर्मिक सिखावट से बाहर निकालने का संदेश दिया।
  • उनके विचारों में न्याय, समानता, और धर्मान्तरित भावना की महत्ता थी।
  • गुरु नानक के उपदेशों के आधार पर, सिख धर्म की नींव रखी गई जो एक जीवन मार्ग के रूप में जानी जाती है।

Read this also – दीपक कौन से घी-तेल से जलाएँ

  • उन्होंने समाज को एकता, प्रेम, और सहिष्णुता के माध्यम से समृद्ध बनाने का संदेश दिया।
  • नानक देव जी ने अपने जीवन के दौरान सभी मानवता के लिए प्रेम और सेवा का संदेश दिया और उन्होंने अपने आदर्शों को अमर बनाया।
  • उनकी शिक्षाओं और विचारों का प्रभाव आज भी समुदायों को प्रेरित करता है और उन्हें एक सहायक राह मार्गदर्शित करता है।
  • गुरु नानक जयंती, भारतीय समुदाय के लिए एक महत्त्वपूर्ण पर्व है,
  • जो सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है।
  • यह उत्सव साझा धार्मिक मूल्यों, समर्पण के भाव और प्रेम की भावना को उत्साहित करता है।
  • गुरु नानक जी ने समाज को सिख धर्म के तत्वों के माध्यम से संगठित किया और सही मार्गदर्शन दिया।
  • उहोंने सारे समाज को एकता, सद्भावना, और सहिष्णुता की शिक्षा दी।
  • उनके विचारों में न्याय, समानता, और धर्मान्तरित भावना की महत्ता थी।
  • गुरु नानक जयंती के दिन सिख समाज के लोग अपने घरों में उत्सव का आयोजन करते हैं।
  • यह दिन सिख गुरुद्वारों में भजन-कीर्तन, प्रसाद वितरण, और समुदाय सेवा के साथ भरा होता है।
  • लोग एकत्र होकर गुरु नानक जी के उपदेशों को सुनते हैं और उनके जीवन और सिख धर्म की महानता को याद करते हैं।

Read this also – दुनिया का सबसे बड़ा स्वर्ण मंदिर/ The world’s largest golden temple

  • इस दिन को गुरु पूरब के रूप में मनाने से लोग गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं और मार्गदर्शन को समझते हैं
  • और उनकी दिशा में चलने का संकल्प करते हैं।
  • यह पर्व सिखों के लिए एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण अवसर है जो समर्पण और सेवा के भाव को मजबूत करता है।
  • इस तरह, गुरु नानक जयंती सिख समाज के लिए एक प्रेरणास्पद और महत्त्वपूर्ण उत्सव है
  • जो समर्थन, समझौता, और प्रेम की भावना को स्वीकार करता है।

Read this also – दिवाली पर इन अंधेरों में बिखेरें रोशनी

  • गुरु नानक जयंती, जिसे गुरपुरब भी कहा जाता है, सिखों द्वारा पूज्य एवं धार्मिक उत्सव है।
  • यह पर्व सिख धर्म के संस्थापक, पहले सिख गुरु गुरु नानक देव जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है।
  • इस दिन को सिख समुदाय बड़े ध्यान और उत्साह के साथ मनाता है।
  • सिख अमृत वेला के दौरान गुरुद्वारों (सिख मंदिर) में जाते हैं और वहां पूजा करते हैं।
  • इस अवसर पर शब्द की कीर्तन, गुरु ग्रंथ साहिब की पाठशाला, और समुदाय में सेवा का महत्त्व उजागर किया जाता है।
  • गुरु नानक जयंती को समर्थन, प्रेम और सद्गुणों का प्रतीक माना जाता है,
  • और इस दिन को भगवान की महानता और सिखों के आदर्शों को याद करने के लिए समर्पित किया जाता है।

Read this also – नवरात्र में जाग्रत करें कुंडलिनी शक्ति

यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। यदि पसंद आए तो ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। अपने विचार और सुझाव कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।

 

 

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments