Thursday, September 19, 2024
Google search engine
Homeहेल्थबीमारीगले में पीड़ा टांसिलाइटिस / Sore Throat - Tonsillitis

गले में पीड़ा टांसिलाइटिस / Sore Throat – Tonsillitis

जानें टांसिलाइटिस के बारे में

गले के रास्ते रोगाणुओं के प्रवेश के दौरान संक्रमण सें टांसिल्स (गिल्टियाँ) सूज जाते हैं। इससे गले को जबरदस्त पीड़ा होती है। इस समस्या को टांसिलाइटिस कहते हैं।

टांसिलाइटिस से कभी न कभी हर किसी को सामना करना पड़ता है। जब टांसिल्स सूज जाते हैं तो कुछ भी खाना-पीना भारी पड़ता है। थूक तक नहीं निगला जाता। यहां तक कि आवाज़ बदल जाती है और बोलने में काफी कष्ट होता है।

क्यों होता है टांसिलाइटिस

  • गले की दोनों दीवारों पर छोटी गिल्टियां (टांसिल्स) होती हैं।
  • टांसिल्स पहरेदार के रूप में काम करती हैं।
  • ये शरीर में अवांछित तत्वों का रास्ता रोकती हैं।
  • गले के रास्ते जब रोगाणु शरीर में प्रवेश करने का प्रयास करते हैं तो ये उन्हें रोकने की पूरी कोशिश करती हैं।
  • इस दौरान संक्रमण के कारण यह फूलकर बड़ी हो जाती हैं।
  • यह न सिर्फ गले को जबरदस्त पीड़ा देती हैं, बल्कि रास्ता भी अवरूद्ध कर देती हैं।
  • ऐसे में भयंकर पीड़ा सहनकर ही कुछ निगला जाता है।
  • इस स्थिति को टांसिलाइटिस रोग के रूप में सामान्यतया जाना जाता है।
Read this also – गर्मियों में लू से बचाव ज़रूरी/ Prevention from sunstroke is essential in summer

टांसिलाइटिस के दो प्रकार

  • इसकी भी दो श्रेणियां हैं।
  • इसके अपेक्षाकृत सामान्य रूप को `एक्यूट टांसिलाइटिस’ कहते हैं। दवाओं से इसका उपचार हो जाता है।
  • लेकिन इसके ज्यादा बिगड़े रूप को `क्रोनिक टांसिलाइटिस’ कहते हैं।
acute tonsillitis – chronic tonsillitis

एक्यूट टांसिलाइटिस

  • एक्यूट टांसिलाइटिस में एकाएक गिल्टियां सूज जाती हैं।
  • इसमें एंटीबायोटिक दवाएं लेने से यह रोग ठीक हो जाता है।

क्रोनिक टांसिलाइटिस

  • इस प्रकार के टांसिलाइटिस में थोड़े-थोड़े अंतराल पर यह गिल्टियां सूजती हैं या काफी दिनों तक लगातार सूजी रह सकती हैं।
  • यह स्थिति प्रायः भारी पड़ती है।
  • आमतौर पर इसका समाधान ऑपरेशन होता है।

एक्यूट टांसिलाइटिस के लक्षण

  • टांसिल सूज जाने पर गला लाल हो जाता है।
  • यह लाली चेहरे पर भी दृष्टिगोचर हो सकती है।
  • बार-बार प्यास लगती है, लेकिन पानी तो क्या, थूक लगाने में भी न सिर्फ जबरदस्त पीड़ा होती है।
  • निगलने के लिए ज़ोर लगाना पड़ता है।
  • गले का दर्द गले से चलकर कान तक आ जाता है।
  • बुखार हो जाता है, भूख मर जाती है।
  • किसी काम-काज में मन नहीं लगता।
  • बातचीत भी नहीं हो पाती, क्योंकि आवाज निकालने में भी कष्ट होता है।
  • इसके अतिरिक्त बाहर गले के ऊपरी भाग में (जबड़े के नीचे) गिल्टियां (गांठें) सी उभर आती हैं।
  • ये मुख्य लक्षण एक्यूट टांसिलाइटिस के हैं।
Read this also – क्यों होता है सिरदर्द / Why does headache happen

क्रोनिक टांसिलाइटिस के लक्षण

  • क्रोनिक टांसिलाइटिस में बार-बार गला अवरूद्ध होने की शिकायत होती है।
  • सूखी खांसी आती है।
  • शेष लक्षण एक्यूट टांसिलाइटिस वाले हो सकते हैं।

टॉन्सिल के घरेलू नुस्खे

  • नमक मिले गर्म पानी से गरारे किए जाएं।
  • बुखार एवं दर्द दूर करने के लिए पैरासीटामोल जैसी दवा ली जा सकती हैं।
  • अजवायन या लहसुन सरसों के तेल में जलाकर उस तेल से गले की मालिश करें।
  • एक भाग अदरक का रस और तीन भाग शहद मिलाकर गुनगुना कर चाटें।
  • तुलसी, अदरक, लौंग, अजवायन की चाय पीना भी लाभदायक होता है।
Read this also – लाभ ही लाभ हैं तुलसी के

सावधानी

  • इस तरह के उपायों से तुरंत राहत मिलती है।
  •  फिर भी कोई एलोपैथिक दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेनी चाहिए।
  • ऐसे मामलों के जानकार रोग की जांच कर अपने अनुभव के आधार पर दवा और दवा की मात्रा तय करते हैं।
  • यह रोग सर्दी के मौसम में ज्यादा होता है।
  • इसलिए दूषित, ठंडे, ठंडी प्रकृति के खान-पान से बचें और सफर में गले को भी ठंडी हवा लगने से बचाएं।
assanhain
assanhainhttps://assanhain.net.in
`assanhain' is your inspirational, entertainment, health and fashion website. We provide you with the latest and accurate details straight from the authentic sources.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments