
कैंसर को आज दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक माना जाता है, और इसका इलाज महंगा और जटिल होता है। आमतौर पर कैंसर के उपचार में कीमोथेरेपी, सर्जरी और रेडियोथेरेपी जैसी प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है, जो कई बार शरीर को कमजोर बना देती हैं। लेकिन क्या कैंसर वास्तव में एक बीमारी है, या यह केवल एक विटामिन की कमी के कारण उत्पन्न होने वाली समस्या है?
कई शोधकर्ताओं का मानना है कि कैंसर विटामिन बी-17 की कमी के कारण होता है और यदि इस विटामिन की पूर्ति की जाए तो कैंसर को रोका जा सकता है। यह अवधारणा पहली बार किताब ‘वर्ल्ड विदाउट कैंसर‘ में प्रस्तुत की गई थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि विटामिन बी-17 कैंसर से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि यह कितना सच है और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस पर क्या राय दी गई है।
विटामिन बी-17 क्या है?/ What is Vitamin B-17?
विटामिन बी-17, जिसे एमिग्डालिन या लैट्राइल भी कहा जाता है, एक प्राकृतिक यौगिक है जो विभिन्न फलों के बीजों, नट्स और अनाज में पाया जाता है। यह मुख्य रूप से खुबानी के बीज, सेब के बीज, नाशपाती, बादाम और अन्य प्राकृतिक स्रोतों में मौजूद होता है।
एमिग्डालिन में सायनाइड नामक तत्व मौजूद होता है, जिसे लेकर यह बहस चल रही है कि यह कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है या नहीं। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि यह यौगिक कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करता है और शरीर की सामान्य कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता।
क्या कैंसर वास्तव में एक बीमारी है?/ Is cancer really a disease?
कैंसर को आमतौर पर कोशिकाओं के अनियंत्रित विकास के रूप में जाना जाता है, जो शरीर के विभिन्न अंगों में ट्यूमर का निर्माण कर सकता है। लेकिन कुछ वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कैंसर वास्तव में एक बीमारी नहीं, बल्कि शरीर में किसी विशेष पोषक तत्व की कमी के कारण उत्पन्न होने वाली स्थिति है।
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इस सिद्धांत के अनुसार, विटामिन बी-17 की पर्याप्त मात्रा कैंसर की संभावना को कम कर सकती है। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे विटामिन सी की कमी से स्कर्वी नामक बीमारी होती थी, लेकिन जब विटामिन सी की पूर्ति की गई, तो इस समस्या का समाधान हो गया।
विटामिन बी-17 और कैंसर के बीच संबंध/ The Link Between Vitamin B-17 and Cancer
एमिग्डालिन कैसे काम करता है?
- एमिग्डालिन (विटामिन बी-17) में सायनोजेनिक ग्लूकोसाइड्स होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं में जाने के बाद सायनाइड छोड़ते हैं।
- यह सायनाइड कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करता है और उन्हें नष्ट करता है।
- स्वस्थ कोशिकाओं में मौजूद एंजाइम रॉडिनेज़ इस सायनाइड को निष्क्रिय कर देता है, जिससे सामान्य कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं होता।
हालांकि, इस पर चिकित्सा जगत में अभी भी बहस जारी है, क्योंकि कई वैज्ञानिकों का मानना है कि सायनाइड शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।
विटामिन बी-17 के प्राकृतिक स्रोत/ Natural Sources of Vitamin B-17
यदि आप अपने आहार में विटामिन बी-17 की मात्रा बढ़ाना चाहते हैं, तो निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं:
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फल और उनके बीज
- खुबानी के बीज
- सेब के बीज
- नाशपाती
- चेरी
- आड़ू
- नट्स और बीज
- कड़वा बादाम
- अलसी के बीज
- तिल के बीज
- सूरजमुखी के बीज
- अनाज और दालें
- बाजरा
- जई
- ब्राउन राइस
- अंकुरित गेहूं
- सब्जियाँ और जड़ी-बूटियाँ
- अलसी
- स्प्राउट्स
- गाजर
- पालक
विज्ञान और चिकित्सा जगत की राय/ Opinion of science and medicine
चिकित्सा जगत में इस बात को लेकर दो धारणाएँ प्रचलित हैं। कुछ शोधकर्ता मानते हैं कि विटामिन बी-17 कैंसर के उपचार में सहायक हो सकता है, जबकि कुछ इसे मिथक मानते हैं।
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- सकारात्मक पक्ष:
- कुछ प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि एमिग्डालिन कैंसर कोशिकाओं को लक्षित कर सकता है।
- यह सुझाव दिया गया है कि विटामिन बी-17 युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कैंसर की रोकथाम में सहायक हो सकता है।
- नकारात्मक पक्ष:
- अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने विटामिन बी-17 को कैंसर के प्रमाणित उपचार के रूप में मान्यता नहीं दी है।
- कुछ शोधों में यह भी पाया गया है कि अधिक मात्रा में एमिग्डालिन के सेवन से शरीर में सायनाइड की मात्रा बढ़ सकती है, जो विषाक्त हो सकता है।
क्या विटामिन बी-17 कैंसर का इलाज कर सकता है?/ Can Vitamin B-17 Cure Cancer?
अब तक वैज्ञानिक प्रमाण इस सिद्धांत को पूरी तरह से समर्थन नहीं देते हैं कि विटामिन बी-17 अकेले कैंसर का इलाज कर सकता है। हालांकि, कुछ प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ इसे कैंसर की रोकथाम और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए फायदेमंद मानते हैं।
यदि आप विटामिन बी-17 का सेवन करना चाहते हैं, तो इसे संतुलित मात्रा में लें और अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
विटामिन बी-17 और कैंसर के संबंध में कई दावे किए गए हैं, लेकिन इसे लेकर चिकित्सा जगत में अभी भी बहस जारी है। हालाँकि, यह सच है कि संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर कैंसर जैसी घातक बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है।
यदि आप कैंसर से बचाव के लिए प्राकृतिक उपाय अपनाना चाहते हैं, तो विटामिन बी-17 युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें, लेकिन अति सेवन से बचें। हमेशा ध्यान रखें कि किसी भी बीमारी का सही उपचार डॉक्टर की सलाह से ही किया जाना चाहिए।
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