कब-कब पहनें, कैसी साड़ी
जो साड़ी स्त्री की सुन्दरता में चार-चांद लगाती है, उसी का गलत चुनाव हंसी का पात्र भी बना सकता है। इसलिए साड़ी का चुनाव करते समय मौसम, उम्र, ओहदे, शारीरिक बनावट और रूपरंग का ध्यान रखें।
- स्रियों के साथ साड़ी का वैसा ही अटूट संबंध है जैसे फूल और सुगंध का। फूल का सौंदर्य सुगंध से पूर्णता पाता है और स्त्री का साड़ी से।
- साड़ी एक ऐसा परिधान है जिसे हर उम्र की और हर प्रकार की महिला आसानी से पहन सकती है।
- शारीरिक सुंदरता को बढ़ाने और कमियों को ढांक लेने में साड़ी की मुख्य भूमिका रही है।
- फैशन के इस बदलते दौर में भी साड़ी महिलाओं को सहज ही अपनी ओर आकार्षित कर लेती है।
- एक जमाना था जब साड़ियां बड़े प्रेम से और काफी मेहनत से करघे पर बुनी जाती थी।
- परन्तु आज के मशीनी युग में हजारों-लाखों तरह की साड़ियां बाजारों में उपलब्ध हैं।
- ऐसे में अपनी पसंद की किसी एक साड़ी का चुनाव करना कठिन है।
- क्योंकि जो साड़ी स्त्री की सुन्दरता में चार-चांद लगाती है, उसी का गलत चुनाव उन्हें हंसी का पात्र भी बना सकता है।
- अतः साड़ी की खरीदारी के समय मौसम, उम्र, ओहदे, शारीरिक बनावट और रूपरंग का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है।
Read this also – रसोई की सफाई है सबसे ज्यादा ज़रूरी
उत्सवों पर साड़ी
- शादी-विवाह और रिश्तेदारों के यहां किसी उत्सव पर महंगी, तड़क-भड़क वाली साड़ी सही होती है।
- बनारसी साड़ी, कामदार एवं जरी वाली साड़ियां इन अवसरों के लिए काफी उपयुत्त रहती हैं।
- रात के समय होने वाली पार्टियों में चमकीली और भारी साड़ी ज्यादा अच्छी लगती हैं।
- जन्मदिन की पार्टी या दिन में होने वाली अन्य पार्टियों में हल्के कामदार और कम जरी वाली साड़ियों का ही चुनाव करें।
- सामाजिक समारोहों में तथा अध्ययन कार्य करने वाली महिला को सूती, खादी और सिल्क की साड़ी ही पहननी चाहिए।
Read this also – ऐसे सम्हालें अपनी रसोई
- समाजसेवी महिलाओं पर सफेद खद्दर, सूती या तांत की साड़ियां ज्यादा जंचेंगी।
- ये तो थीं विभिन्न अवसरों पर पहनी जानेवाली साड़ियां।
- परन्तु अब आपको साड़ी के चुनाव से पहले मौसम का भी ध्यान रखना चाहिए।
मौसम के अनुकूल साड़ियाँ
- हमारे देश में मौसम हमेशा एक समान नहीं रहता।
- ऐसे में बदलते मौसम के अनुरूप वस्त्रों का चयन करना भी बेहद जरूरी है।
ग्रीष्म ऋतु में
- गर्मी का मौसम हमारे जीवन को अस्त-व्यस्त कर देता है।
- सूर्य की प्रखर किरणें और गर्म हवाएं शरीर को झुलसाती रहती हैं।
- शरीर धूल, गंदगी और पसीने में लथपथ हो जाता है।
- ऐसे मौसम में ऐसे प्रिंट और रंगों के वस्त्र पहनें जो शरीर के साथ-साथ आंखों को भी शीतलता प्रदान करें।
- शरीर को आराम देने के साथ-साथ पसीने को भी सोख लें।
- इस मौसम में भारी साड़ी का प्रयोग बंद कर देना ही बेहतर होता है।
Read this also – चिलचिलाती गर्मी से ना घबराएँ / Don’t be afraid of the scorching heat
- दिन के समय में हल्की नीली, हल्की पीली, बादामी, गुलाबी, हल्की हरी, सफेद और हल्की नारंगी साड़ी का प्रयोग ज्यादा करें।
- शाम के समय में आप गहरे रंग की साड़ी पहन सकती हैं।
- प्रिंटेड सूती चिनान, शिफान, जार्जेट, क्रेप और चंदेरी की साड़ियां भी गर्मी में पहनी जा सकती हैं।
Read this also – पाएँ सुंदर सुराहीदार गर्दन / Get beautiful neck
वर्षा ऋतु में
- बरसात का मौसम वैसे तो बहुत सुहावना होता है।
- कवियों की अधिकांश कविताएं इसी मौसम में जन्म लेती हैं।
- परन्तु इस मौसम में शरीर चिपचिपा हो जाता है।
- जब तब भीगने का खतरा रहता है और रास्ता कीचड़ से भरा रहता है।
- ऐसे में नायलोन की साड़ी बहुत ही उपयुक्त रहती हैं।
- ये साड़ियां जल्दी ही सूख जाती हैं तथा कीचड़ का दाग भी जल्द ही निकल जाता है।
- नायलोन के अतिरित्त हल्की सिंथेटिक साड़ियां भी सुविधाजनक होती हैं। इस मौसम में कुछ चटकदार रंगों, जैसे- चंपई, हरा, सतरंगी और लाल की साड़ियाँ अच्छी लगती हैं।
शीत ऋतु में
- जाड़े का मौसम सबसे अच्छा होता है।
- इस मौसम में हर प्रकार के वस्त्र शरीर पर जंचते हैं।
- फिर भी इस मौसम में गहरे रंग, प्रिंटेड, बॉर्डरयुत्त, सिल्क व जरी की साड़ियां अच्छी रहती हैं।
- साड़ियों से ही मैच खाते या विपरीत रंगों के गरम स्वेटर, शॉल का इस्तेमाल आपकी सुन्दरता में चार चांद लगा सकता है।
शारीरिक बनावट और रूपरंग के अनुसार चयन
- साड़ियों के चुनाव में शारीरिक बनावट और रूपरंग का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है।
छोटा कद
- यदि आपका कद छोटा है तो खड़ी धारियां, छोटे प्रिंट, छोटे चैक एवं छोटे किनारों की साड़ियां ही प्रयोग में लाएं।
लम्बा कद
- इसके विपरीत अगर आप लम्बे कद की दुबली-पतली महिला हैं तो आड़ी धारियों वाली साड़ी पहनें।
- बॉर्डर, फूल-पत्तेदार, बड़े चेक और चौड़े बॉर्डर की साड़ियों का इस्तेमाल करें।
दुबली काया
- दुबलापन छिपाने के लिए कलफयुत्त और मोटी तथा फूली-फूली साड़ी प्रयोग में लायें।
बड़ी उम्र
- बड़ी उम्र की महिलाएँ शालीन और सादे वस्त्रों का चुनाव करें।
गौर वर्ण
- गोरा रंग हमारे देश में सुन्दरता का प्रतीक समझा जाता है।
- इस वाली महिलाओं पर सभी रंग के कपड़े अच्छे लगते हैं।
- भड़कीला गुलाबी, चम्पई, गहरा लाल, हरा, काला, मैरून तथा बैंगनी जैसे गहरे रंग के साथ हल्के नीले, पीले रंग गोरी त्वचा पर खिल उठते हैं।
अन्य एक्सेसरीज का चुनाव
- साड़ी के सही चुनाव के बाद मैचिंग पेटीकोट और फैशन के अनुरूप ब्लाउज वा भी चयन करें।
- आजकल डिजाइनर ब्लाउज ज्यादा प्रचलन में हैं।
- इसके अतिरित्त मैचिंग चूड़ी, चप्पल, बिन्दिया आदि का इस्तेमाल करना भी बहुत जरूरी है।