Thursday, September 19, 2024
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एकांत या ध्यान SOLITUDE OR MEDITATION

एकांत या ध्यान
एकांत या ध्यान SOLITUDE OR MEDITATION

जब हम एकांत में रहने लगते हैं तो अपना आत्म निरीक्षण करते है। विज्ञान ने हमें मनोरंजन के बहुत से साधन दिए हैं | एकांत मे हमारा मन शांत रहता है |

 

आत्मनिरिक्षण / INTROSPECTION: –

  • एकांत का आनंद ले इस संसार में मनुष्य को दुख, कष्ट, रोग जैसी कठिनाइयों और विपत्तियों का सामना करना पड़ता है।
  • जीवन की डगर पर नए-नए लोग जुड़ते हैं तो कुछ पुराने पीछे छूटते जाते हैं।
  • इन सबके बीच मनुष्य उहापोह में जीता रहता है |
  • इन सबसे छुटकारा पाने के लिए उसे एकांत में रहकर आत्म निरीक्षण करना चाहिए।
  • अपने आपको जानना चाहिए, खुद को पहचानना चाहिए, खुद को परखना और समझना चाहिए। एकांत में रहकर ही मनुष्य स्वयं पर काबू पा सकता है।

विज्ञान/ SCIENCE: –

  • वास्तव में विज्ञान ने हमें मनोरंजन के बहुत से साधन दिए हैं जिनके कारण हम उनके जाल में जकड़ गए हैं।
  • अपने एकांत की डोर हमने उन साधनों के हाथों सौंप दी है, लेकिन एक समय के पश्चात इन साधनो से ऊब होने लगती है|
  • इसके अतिरित्त इस संसार में या समाज में हमारा किसी के प्रति गहरा लगाव होता है तो किसी के प्रति घृणा भाव भी होता है।
  • जीवन मे थोड़ी सी विपदा आती है तो चिंतित हो जाते हैं, परेशान हो जाते हैं।
  • इन सब स्थितियो से ऊपर उठने का मात्र एक ही रास्ता है- एकांत या ध्यान।

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शांति/ PEACE: –

  • जब हम एकांत में रहने लगते हैं तो अपना आत्म निरीक्षण करते है।
  • एकांत मे हमारा मन शांत रहता है और शांत मन मे ऐसी शत्तियां विकसित होने लगती हैं जिनसे हम स्वयं पर काबू पा सकते हैं।
  • उस ऊर्जा से हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • मन में नये विचार उत्पन्न होते है एकांत मे स्वयं का आत्म मंथन करने लगते है तो अपनी अच्छाई व बुराई का पता चलता है।
  • एकांत अवस्था मे अपने गुण दोषो का विवेचन करने लगते है।
  • इसलिए इस संसार में रहना है तो एकांत में रहकर स्थिर रहना आवश्यक है।

समय की कीमत/VALUE OF TIME: –

  • इस भागदौड भरी जिन्दगी मे हम स्वयं पर काबू नहीं रख पाते हैं।
  • हमारा एकांत भंग हो जाता है |
  • जब हम स्वयं को समय देते है और अपने भीतर देखते है तो सबको समान रूप से देख सकते हैं।
  • कुछ देर के ध्यान से हमारी ऊर्जा बढ़ती है।
  • इस संसार में रहते हुए हमे एकांत में रहकर स्थिर रहना सीखना होगा।

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ऊर्जा और शक्ति/ ENERGY: –

  • जीवन मे हमारे मन मे किसी के प्रति घृणा भाव उत्पन्न होता है तो किसी के प्रति लगाव होता है|
  • इन परिस्धितियो के कारण हमारा मन भंग हो जाता है। हम स्वयं पर काबू नहीं रख पाते हैं।
  • सबसे पहले हमे यह जानना चाहिए कि ऐसी परिस्थितियां क्यों बन रही हैं|
  • एकांत में रहते हैं तो यह जान सकते हैं कि हमारा शत्रु कौन है और मित्र कौन है।
  • हम इस काबिल बन जाते हैं कि संसार में रहते हुए भी अपने आपको उससे अलग रख सकते हैं।
  • इसके लिए हमें खुद के साथ समय बिताना होगा। खुद को पहचानना होगा।
  • हमें अपने मन के साथ मनोरंजन करना होगा।
  • हमें एकांत का आनंद लेना होगा।

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