जब हम एकांत में रहने लगते हैं तो अपना आत्म निरीक्षण करते है। विज्ञान ने हमें मनोरंजन के बहुत से साधन दिए हैं | एकांत मे हमारा मन शांत रहता है |
आत्मनिरिक्षण / INTROSPECTION: –
- एकांत का आनंद ले इस संसार में मनुष्य को दुख, कष्ट, रोग जैसी कठिनाइयों और विपत्तियों का सामना करना पड़ता है।
- जीवन की डगर पर नए-नए लोग जुड़ते हैं तो कुछ पुराने पीछे छूटते जाते हैं।
- इन सबके बीच मनुष्य उहापोह में जीता रहता है |
- इन सबसे छुटकारा पाने के लिए उसे एकांत में रहकर आत्म निरीक्षण करना चाहिए।
- अपने आपको जानना चाहिए, खुद को पहचानना चाहिए, खुद को परखना और समझना चाहिए। एकांत में रहकर ही मनुष्य स्वयं पर काबू पा सकता है।
विज्ञान/ SCIENCE: –
- वास्तव में विज्ञान ने हमें मनोरंजन के बहुत से साधन दिए हैं जिनके कारण हम उनके जाल में जकड़ गए हैं।
- अपने एकांत की डोर हमने उन साधनों के हाथों सौंप दी है, लेकिन एक समय के पश्चात इन साधनो से ऊब होने लगती है|
- इसके अतिरित्त इस संसार में या समाज में हमारा किसी के प्रति गहरा लगाव होता है तो किसी के प्रति घृणा भाव भी होता है।
- जीवन मे थोड़ी सी विपदा आती है तो चिंतित हो जाते हैं, परेशान हो जाते हैं।
- इन सब स्थितियो से ऊपर उठने का मात्र एक ही रास्ता है- एकांत या ध्यान।
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शांति/ PEACE: –
- जब हम एकांत में रहने लगते हैं तो अपना आत्म निरीक्षण करते है।
- एकांत मे हमारा मन शांत रहता है और शांत मन मे ऐसी शत्तियां विकसित होने लगती हैं जिनसे हम स्वयं पर काबू पा सकते हैं।
- उस ऊर्जा से हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है।
- मन में नये विचार उत्पन्न होते है एकांत मे स्वयं का आत्म मंथन करने लगते है तो अपनी अच्छाई व बुराई का पता चलता है।
- एकांत अवस्था मे अपने गुण दोषो का विवेचन करने लगते है।
- इसलिए इस संसार में रहना है तो एकांत में रहकर स्थिर रहना आवश्यक है।
समय की कीमत/VALUE OF TIME: –
- इस भागदौड भरी जिन्दगी मे हम स्वयं पर काबू नहीं रख पाते हैं।
- हमारा एकांत भंग हो जाता है |
- जब हम स्वयं को समय देते है और अपने भीतर देखते है तो सबको समान रूप से देख सकते हैं।
- कुछ देर के ध्यान से हमारी ऊर्जा बढ़ती है।
- इस संसार में रहते हुए हमे एकांत में रहकर स्थिर रहना सीखना होगा।
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ऊर्जा और शक्ति/ ENERGY: –
- जीवन मे हमारे मन मे किसी के प्रति घृणा भाव उत्पन्न होता है तो किसी के प्रति लगाव होता है|
- इन परिस्धितियो के कारण हमारा मन भंग हो जाता है। हम स्वयं पर काबू नहीं रख पाते हैं।
- सबसे पहले हमे यह जानना चाहिए कि ऐसी परिस्थितियां क्यों बन रही हैं|
- एकांत में रहते हैं तो यह जान सकते हैं कि हमारा शत्रु कौन है और मित्र कौन है।
- हम इस काबिल बन जाते हैं कि संसार में रहते हुए भी अपने आपको उससे अलग रख सकते हैं।
- इसके लिए हमें खुद के साथ समय बिताना होगा। खुद को पहचानना होगा।
- हमें अपने मन के साथ मनोरंजन करना होगा।
- हमें एकांत का आनंद लेना होगा।
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