
आज के इस आधुनिक युग में मनुष् सुबह से शाम तक धन कमाने में तल्लीन है। इस दौड़धूप में वह अपने आहार पर बिलकुल ध्यान नहीं देता । देर रात तक जागना , सुबह देर से उठना , जंकफूड खाना और काम पर चले जाना ,ऐसी अनियमित दिनचर्या के कारण मनुष्य मधुमेह, उच्च रक्तचाप व गैस इत्यादि से पीड़ित रहता है कहने को गरीबी है, खाने की कमी है परंतु रोज शहर में मोटापा कम करने के क्लीनिक खुलते जा रहे हैं जिसकी खास वजह है अत्यधिक असमय भोजन खाने की आदतें।
लंबे और स्वस्थ जीवन के लिये लिखित सूत्रों का पालन करें तो आपको डॉक्टर का दरवाजा खटखटाना नहीं पड़ेगा।
- जब तक कड़ी भूख न लगे, भोजन न करें।
- भोजन सदैव आधा पेट करें।
- कहावत है ‘आधा भोजन, दुगुना पानी , तिगुना श्रम, चौगुनी मुस्कान।
- ‘हमेशा प्रसन्न चित्त होकर भोजन करें।
- खाते समय बिलकुल बात न करें।
- तनाव, चिंता , क्रोध, ईर्ष्या , द्वेष, घृणा, भय आदि मानसिक स्थिति के समय भोजन न करें क्योंकि ऐसे समय पर किया गया भोजन पचता नहीं है, उल्टा रोग उत्पन्न करता है।
Read this also – गले का कैंसर : बचाव
- भोजन हमेशा सादा करें।
- भोजन को भाप में पका कर कम मसालों का प्रयोग करें।
- गरिष्ठ भोजन, घी , तेल आदि पचने में भारी होता है, अतः दूध , दही ,अंकुरित अनाज आदि से इनकी पूर्ति कर लेनी चाहिए।
- नित्य प्रातः 50 ग्राम अंकुरित अन्न खूब चबा कर सेवन करना चाहिये।
- सप्ताह में एक दिन व्रत रखें।
- उस दिन जल में नींबू डालकर दिन में तीन चार बार पियें।
- व्रत के समय फल का सेवन करें।
- सुबह उठकर पाखाना जाने के बाद एनिमा लें जिससे पेट संपूर्ण साफ हो जाये।
- उपवास से पाचन शक्ति बढ़ती है तथा शरीर शोधन में बड़ा सहयोग मिलता है।
- शराब, धूम्रपान अथवा किसी प्रकार का नशा न करें।
- क्षणिक उत्तेजना के लिये शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य चौपट करने, अकाल मृत्यु तथा सर्वत्र निंदित होने एवं परिवार को अस्त-व्यस्त करने वाली इस बुराई हर किसी को बचना चाहिये।
- हमेशा शाकाहारी रहें।
- मांसाहारी भोजन शरीर में विष की तरह काम करता है।
- जब किसी जानवर को मारा जाता है तब उसके शरीर में भय, गुस्सा जैसे जहरीले हार्मोन बनते हैं जो खून में जानवर के काटने पर वहीं जम कर रह जाते हैं।
Read this also – योग जीवन और प्रकृति का विज्ञान है पादहस्ता
- ऐसी स्थिति के जानवर का मांस खाने से हमारे शरीर में भी क्रूरता , उत्तेजना और जहर जागृत होता है। याद रहे अमेरिका जैसे देश में लोग मांसाहार छोड़कर शाकाहार अपना रहे हैं
- मौसंबी, संतरा , अनार का रस एक गिलास नियमित सेवन करें।
- दिन में एक बार पांच प्रकार के फल खायें। मनुष्य को दिन में 400 ग्राम फल खाने चाहिये।
भोजन करते वक्त निनलिखित बातों पर चबाने के विषय पर ध्यान देः –
- मोटापा नियंत्रित करने के लिये चबा कर धीरे भोजन करना चाहिये।
- सेरिटोनिन नामक हार्मोन की मात्र बढ़ जाती है जिससे अनिद्रा , तनाव, मानसिक अवसाद, सिरदर्द आदि रोग दूर होते हैं। शिकायत दूर हो जाती है।
- भोजन के दौरान पानी कभी न पियें। भोजन करने के एक घंटे पूर्व से पानी न पियें तथा भोजन करने के डेढ़ घंटे बाद दो गिलास पानी पियें।
- भोजन में ऊपर से नींबू न निचोड़ें। यह मानना कि यह पाचक में सहायक होता है, गलत धारणा है। यह पाचन क्रिया में बाधक है।
- सुबह उठकर एक गिलास कुनकुने पानी में आधा नींबू व सेंधा नमक डालकर नित्य पियें। यह मल को संपूर्ण तरीके से बाहर निकालने में सहायक है। आंतों की शुद्धि के लिये सबेरे तीन गिलास पानी पियें। नित्य दस से बारह गिलास पानी पियें।
- एक साथ बहुत सारा पानी पीने के बजाय प्रत्येक घंटे पर पानी पियें।
- शीतल पेय, जंकफूड, फास्ट फूड, ब्रेड, बिस्किट, केक, समोसा , टॉफी , आइसक्रीम, पिज़ा आदि आंतों से चिपक कर कब्ज पैदा करते हैं जो स्वास्थ्य के लिये अहितकर है।
- डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों की चीजों का सेवन न करें क्योंकि इसमें कृत्रिम रसायन मिलाये जाते हैं जो कैंसर जैसे रोग को जन्म देते हैं।
- स्वस्थ शरीर में खून का अनुपात 80 प्रतिशत क्षारीय एवं 20 प्रतिशत लीय होना चाहिये अतः क्षारीय खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिये।
- क्षारीय खाद्य पदार्थों व अम्लीय खाद्य पदार्थों की संक्षिक्प्त सूची दी जा रही है–
- खाद्य पदार्थ (हानि कारक) चीनी , कृत्रिम नमक, मैदा, पालिश चावल, बेसन, अचार, ब्रेड, बिस्किट, केक, पिज्जा , मांस,मिठाइयां , तेल , घी , कृत्रिम शीतल पेय आदि।
- क्षारीय खाद्य पदार्थ (स्वास्थ्यप्रद शहद, ताजा दूध दही , ताजे फल हरी सब्जियां , चोकरयुक्युत आटा , छिलका सहित दाल, अंकुरित अन्न, मक्खन, कच्चा नारियल, सूखे मेवे, सलाद (टमाटर, खीरा , चुकंदर इत्यादि नींबू,संतरा , मौसंबी, अनन्नास आदि ।
Read this also – फेस्टिवल पर सिंपल मेकअप
- सदैव अचार और पापड़ से परहेज करें क्योंकि इसमें अत्यधिक नमक और मसाले मिले होते हैं परंतु नींबू का अचार जो नमक डालकर बनाया जाये, हितकारक है। खाने के साथ पुदीना -धनिये की चटनी , टमाटर की चटनी , नारियल की चटनी फायदा करती है।
- परंतु टमाटर केचअप जो बोतलों में मिलता है नुकसान करता है।
- स्वस्थ रहने के लिए कृतज्ञता आभार सबसे बेहतर उपकरणों में से एक हो सकता है। यह शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य में सुधार करता है सहानुभूति को बढ़ाता है आक्रामकता को कम करता है मानसिक शक्ति और आत्म-सम्मान में सुधार करता है। यह नए रिश्तों के लिए दरवाज़े भी खोलता है।
- उपरोक्त मामूली बातों को अगर आप ध्यान पूर्वक र्जीवन में अमल करेंगे तो आपको डाक्टरों के पास जाने की जरुरत महसूस नहीं होगी।
यह लेख एक सामान्य जानकारी पर आधारित है लेख पसंद आए तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।अपने विचार और सुझाव कमेंटबॉक्स में जरूर लिखें।
