अच्छी नींद लें, स्वस्थ रहें
वैज्ञानिकों के अनुसार नींद के माध्यम से शरीर के उत्तकों की मरम्मत होती है। तन-मन में नई ऊर्जा का संचार होता है। शोधकर्ताओं के अनुसार अच्छे स्वास्थ्य के लिए औसतन 6 से 7 घंटे की अच्छी नींद लेना जरूरी है।
- दुनिया में हर प्राणी अपनी दिनचर्या में नींद अवश्य लेता है।
- दूसरे शब्दों में कहें तो नींद हर प्राणी की अनिवार्य आवश्यकता है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार नींद के माध्यम से शरीर के उत्तकों की मरम्मत होती है।
- इससे खर्च हुई शक्ति पुन मिलती है जिससे तन-मन में नई ऊर्जा का संचार होता है।
- शोधकर्ताओं के अनुसार एक स्वस्थ मनुष्य के लिए औसतन 6 से 7 घंटे की नींद पर्याप्त होती है।
- हालांकि नींद से मिलने वाला लाभ इस बात पर निर्भर नहीं करता कि कौन कितनी देर सोया बल्कि इस पर निर्भर है कि सोने वाला कितनी गहरी नींद सोया।
- इसी तरह रात में ही नींद ली जाए यह ज़रूरी नहीं बल्कि आवश्यकतानुसार किसी भी समय नींद लेकर नई ऊर्जा ली जा सकती है।
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किसको कितनी नींद
- उम्र के अनुसार नींद की ज़रूरत भी अलग-अलग होती है।
- बच्चों को वयस्कों से ज्यादा नींद चाहिए, क्योंकि बच्चों की अधिकांश ऊर्जा खेलने-कूदने में खर्च हो जाती है।
- साथ ही उनके विकास के लिए भी नींद ज़रूरी है।
- सामान्यत एक साल के बच्चे के लिए 12 घंटे, किशोरवय के लिए 10 घंटे, वयस्क के लिए 6-7 घंटे और बुज़ुर्ग के लिए 5-6 घंटे की नींद पर्याप्त होती है।
अनिद्रा- तन से ज्यादा मन की बीमारी
- इन दिनों नींद न आना यानी अनिद्रा बड़ी समस्या बनकर सामने आई है।
- चिकित्सा विज्ञान के अनुसार बहुत तीव्र दर्द, पुरानी खांसी, हड्डी-प्लास्टर आदि नींद न आने के कारण हो सकते हैं।
- इन बीमारियों से छुटकारा मिलते ही अनिद्रा रोग भी स्वत खत्म हो जाता है।
- दूसरा कारण मनोवैज्ञानिक विकृति है, जैसे रेस्टलेसनेस आफ मेनिया या डिप्रेशन।
- ऐसे में व्यक्ति को किसी अनुभवी मनोचिकित्सक की सलाह लेना चाहिए।
- वास्तव में मनोवैज्ञानिक कारण जैसे चिन्ता, तनाव, ईर्ष्या, द्वेष, भय, अत्यधिक उत्तेजना एवं क्रोध आदि नींद न आने के कारण हैं।
- चाय, काफी, शराब एवं धूम्रपान का अति सेवन भी नींद संबंधी अनियमितता उत्पन्न करता है।
- नींद न आने के पीछे चाहे जो भी छोटे-बड़े कारण हों, लेकिन ये स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत नुकसानदायक होते हैं।
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अनिद्रा है दूसरी बीमारियों का प्रवेश द्वार
- अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।
- पारिवारिक जिम्मदारियों का बोझ, रोजगार एवं कार्यक्षेत्र में बढ़ते तनाव का गहरा असर व्यक्ति की नींद पर पड़ता है।
- व्यक्ति का गलत आहार-विहार, व्यायाम की कमी, मोटापा आदि भी नींद खराब कर सकती है।
- अनिद्रा से दुःखी व्यक्ति धीरे-धीरे अन्य बीमारियों की चपेट में आना शुरू हो जाता है, जैसे- पेट संबंधी तकलीफें, चिड़चिड़ापन आदि।
- नींद सामान्य हो, इसके लिए अभी तक कोई ऐसी दवा विकसित नहीं हो पाई है, जिससे स्वाभाविक नींद बिना किसी कुप्रभाव के आ सके।
- चिकित्सकों के अनुसार जब तक अनिद्रा के मूल कारणों को समाप्त नहीं किया जाता।
- नींद की गोली से स्थायी निदान पूरी तरह असंभव है।
अच्छी व गहरी नींद के लिए
- व्यक्ति को बिस्तर पर तभी जाना चाहिए, जब उसे सहज नींद आने लगे।
- सोने के समय में फेरबदल नहीं करें।
- बिस्तर पर जाने से पहले स्वयं को चिंता व तनाव मुक्त कर लें।
- सोने का कमरा साफ-सुथरा, दुर्गंधरहित, शोरगुलरहित हो।
- सोने से करीब दो घंटे पहले भोजन कर लें।
- सोने से तुरंत पहले कम्प्यूटर, टी.वी., मोबाइल आदि से दूर रहें।
- इसकी बजाय अच्छी किताबों का अध्ययन करें।
- पूर्व दिशा की ओर सिर रखकर सोने से सुखमय, शांतिदायक नींद आती है।
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दिनचर्या नियमित रखें।
- सूर्योदय से पूर्व उठना, प्रात भ्रमण, नियमित व्यायाम करें।
- ध्यान, तनावपूर्ण वातावरण से बचना सुखद, आनंददायक, मीठी व गहरी नींद लाने में सहायक हैं।