Thursday, September 19, 2024
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अगस्त क्रांति/ August Kranti ( Quit India day)

अगस्त क्रांति/ August Kranti ( Quit India day)
अगस्त क्रांति/ August Kranti ( Quit India day)
  • देश की हर चीज उन तमाम गुमनाम अमर शहीदों के नाम जिनकी शहादत ने आजादी दिलाई है!
  • भारत का निर्माण ही शहीदों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि हो सकेगी! जिन्होनें आजाद भारत का सपना देखा!

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प्रमुख व्यक्ति /key person:-

  • डॉ. भरत मिश्र प्राची देश को आजाद कराने में अनेक वीर सपूतों की शहादत शामिल है जिनके नाम भी गुमनाम है।
  • हर चीज उन तमाम गुमनाम अमर शहीदों के नाम उनकी शहादत ने आजादी दिलाई।
  • देश के हर कोने में इन गुमनाम शहीदों के नाम अमर ज्योति प्रज्वलित कर हम इन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते है।
  • यदि देश में संचालित निजी, सरकारी विद्यालयों, महाविद्यालयों, चिकित्सा केन्द्र, संस्थायें, कार्यालय, बस पड़ाव, रेलवे स्टेशन आदि इनके नाम कर दिये जाय तो इससे बेहतर और कोई श्रद्धांजलि नहीं हो सकती।

आज़ादी की पहली लड़ाई / first fight of independence:-

 

अगस्त क्रांति/ August Kranti ( Quit India day)

  • कहां गये वे लोग जिन्होंने आजाद भारत का सपना देखा, जिनके जज्बाती आवाज में आजादी समाई थी,
  • जो सुबह शाम, दिन – रात, सोते – जागते आजादी की अलख जगाते रहते।
  • विदेशी हुकूमत की गोलियां खाई, गालियां खाई पर जिनकी आजादी की आवाज दबी नहीं।
  • तोपो की गगन भेदी आवाज गूंजती रही, बारूद के बम गोले बरसते रहे पर ये आजादी के दीवानें कभी झुके नहीं, आगे बढ़ते रहे ।
  • उन्हें आज़ादी के लिए झूठे, फरेब, अंग्रेजी हुकूमत का द्वितीय विश्व युद्ध में ईमानदारी के साथ साथ भी दिया।
  • देश में रहकर देश सेे बाहर जाकर आजादी की अलख जगाई।
  • अंतिम सांस तक आजादी की लड़ाई लड़ते रहे, हंसते- हंसते वंदेमातरम नारे के साथ फांसी की रस्सी भी गले में डाल ली ।

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बौखलाहट / Clutter:-

  • आज इन अनेक गुमनाम धरती पुत्र की शहादत से जो आजादी हमें मिली है, उसका स्वरूप किस रूप में उजागर कर पाये हैं
  • इसका जीता जागता नमूना देश की भ्रष्ट होती व्यवस्था है, जहां विदेशियों से भी ज्यादा लूट मची है।
  • आज भी ऐनकेन प्रकारेण सत्ता पाने की जंग जारी है।
  • जहां भाई, भतीजावाद, परिवार वााद फलफूल रहा है।
  • संसद, विधान सभा, विधान परिषद, नगर पालिका, नगर निगम, गरम पंचायत एवं हर तरह की सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं में असमाजिक तत्व माफियाओं का वर्चस्व बढ़ता हीं जा रहा है।
  • इसका साक्षात् उदाहरण इन संस्थाओं की प्रदार्शित शर्मसार कर देने वाली उठा पटक, गाली गलौज, हाथा – पाई आदि गतिविधियां हैं।

सत्ता की लड़ाई/fight for power:-

  • आमजनता को सत्ता पाने के लिये लुभावने लालच का पिटारा खोल दिया जाता है।
  • सत्ता मिलने के बाद आमजन पर टैक्स का दायरा बढ़ाकर, महंगाई के बोझ तले शोषण करना हर सत्ता का खेल हो गया है।
  • आज लोकतंत्र के हर जागरूक स्तंभ पर विधायिका हावी हो चली है।
  • जो सत्ता के साथ खड़ा है, उसकी हर सजा माफ, जो विपक्ष में है, उसपर तरह -तरह की जां
  •  ल   च।
  • देश का धन पहले भी देश से बाहर जाता रहा , आज भी जा रहा है।
  • कालाधन, भ्रष्टाचार , लूट -पाट, हेरा- फेरी, जुबानी मुहाबरे बन चुके है।
  • उपदेश देने वालों की भीड़ है पर अमल करने वाले नदारद है।
  • बाहुबलि, बलात्कारी, चोर उच्चकों की संख्या बढ़ती जा रही है।
  • महिलाओं के बलात्कार, गैंग बलत्कार की घटना तो हो रही थी!
  • इस दिशा में देश एक कदम और आगे बढ़ चला है
  • जहां खुलेआम महिलाओं को नग्न कर सड़क पर घुमाया जा रहा है
  • प्रशासन कार्यवाही करने के बजाय इस शर्मसार कर देने वाले दृष्य को मूक दृष्टि से देख रहा है।

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  • सत्ता पक्ष विपक्ष की परिभाषा बदल गई है ।
  • विपक्ष आरोप लगा रहा है, विरोध जता रहा है, सत्ता पक्ष प्रतिष्ठा बनाकर अपनी मन की करता जा रहा है।
  • लोकतंत्र की धज्जियां उड़ रही है, लोकतंत्र के रखवाले तमाशा देख रहे है।
  • आजादी दिलाने वाले, अपनी जज्बात में आजादी अलख जगाने वाले अनेक गुमनाम शहीद हुये वीर सपूत के हर एक
  • रखवारे से पूछ रहे है कि क्या इसी भारत के लिये आजादी ली?
  • लूट फरेब ,अपहरण ,बलात्कार अब भी जारी है।
  •  यहां राजतंत्र की माया कायम है। जो आता है वही लुटेरा हो जाता है।

भारतीय क्रांति दिवस / Indian revolution day:-

अगस्त क्रांति/ August Kranti ( Quit India day)

  • आखिर ये स्थितियां कब बदलेंगी, लोकतंत्र कब माफिया मुक्त होगा।
  • सत्ता-भूख से अलग हटकर देश को नेतृत्व देने वाले नेता कब आजादी के असली स्वरूप उजागर कर पायेंगे
  • जहां हर नागरिक अपने आप को सुरक्षित महसूस करे, जहां देश के विकास की पहल हो।
  • आम जन पर पड़ रहे अनावश्यक कर का बोझ नगण्य हो।
  • सुलभ शिक्षा, स्वास्थ्य, आम जन को आसानी से मिल सके।
  • ऐसा भारत का निर्माण ही शहीदों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि हो सकेगी।

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दे कर आजादी जो गुमनाम, करें हर चीज उनके नाम !

लड़ी लड़ाई वीरों की तरह,

जब खून खौल फौलाद हुआ,

मरते दम तक डटे रहे वो,

तब ही तो देश स्वतंत्र हुआ।

अपना खून देकर तिरंगे की बुलंदी को संवारा है,

फरिश्ते तुम देश के हो, तुम्हें सजदा हमारा है।

इस के साथ ही एक छोटी सी जानकारी और देना चहेंगे-

9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस भी मनाया जाता है।

 

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