Sunday, December 7, 2025
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बरसात में खांसी से बचें/Avoid coughing in rainy season

बरसात में खांसी/cough in rain
बरसात में खांसी/cough in rain

बरसाती खांसी क्या है? | What is Rainy Season Cough?

बरसात के मौसम में बहुत से लोग खांसी की समस्या से जूझते हैं। बरसाती खांसी आमतौर पर गले की खराश, बलगम जमाव, और सांस लेने में कठिनाई से जुड़ी होती है। यह खांसी किसी बीमारी का लक्षण हो सकती है जो गले, फेफड़ों या श्वासनली को प्रभावित करती है।

बरसाती खांसी के कारण | Causes of Rainy Season Cough

  • संक्रमण (Infections): निमोनिया, ब्रांकाइटिस, और श्वासनली शोथ जैसी बीमारियां।
  • पर्यावरणीय कारण (Environmental factors): बरसात में भीगना, ठंडी या गंदी हवा, धूल, रसायन आदि।
  • शीतल या गरम हवा का प्रभाव (Cold or Hot Air): अचानक तापमान परिवर्तन से गले में जलन होना।

बरसाती खांसी के लक्षण | Symptoms of Rainy Season Cough

बार-बार खांसी आना, गला खराश होना, बलगम या थूक आना, बुखार आना, सांस लेने में दिक्कत आदि इसके सामान्य लक्षण हैं। कुछ मामलों में कफ रंगीन होता है या उसके साथ खून आ सकता है, जो गंभीर समस्या का संकेत है।

  • खांसी का स्वरूप (Severity): जोरदार खांसी या बार-बार खांसी।
  • बलगम (Phlegm): रंग, गंध और मात्रा का विश्लेषण जरूरी है।
  • खून आना (Blood in Sputum): न सिर्फ खांसी, बल्कि अन्य बीमारियों का भी संकेत।
  • बुखार और अन्य लक्षण।

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बरसाती खांसी के प्रकार | Types of Cough in Rainy Season

  1. साधारण खांसी (Common Cough): सर्दी, जुकाम, पानी में भीगने के कारण होती है।
  2. दीर्घकालीन खांसी (Chronic Cough): तपेदिक, धूम्रपान, दमा, लंबी श्वासनली की बीमारियों से।
  3. कफ के साथ खांसी (Productive Cough): बलगम के साथ खांसी जो संक्रमण या सूजन के कारण हो।
  4. सूखी खांसी (Dry Cough): गले में खराश या वायरल कारणों से।

बरसाती खांसी में सावधानियां | Precautions during Rainy Season Cough

  • बलगम सुखाने वाली दवाइयों से बचें: कफ को सुखाने वाली दवाएं खांसी को रोक सकती हैं पर यह हानिकारक होती हैं क्योंकि बलगम बाहर निकलना जरूरी होता है।
  • तरल पदार्थ खूब पिएं: पानी और गर्म चाय से कफ पतला होता है जिससे वह बाहर निकलता है।
  • भाप लेना: गर्म पानी की भाप लेने से गले की खराश कम होती है और बलगम ढीला होता है।

बरसाती खांसी के लिए घरेलू उपचार | Home Remedies for Rainy Season Cough

बरसात में खांसी/cough in rain

1. भाप लेना (Steam Inhalation)

गर्म पानी में पुदीना, विक्स या टिंचर बेजाइन डालकर भाप लें। यह बलगम को ढीला करता है और सांस नली की सूजन कम करता है। ध्यान दें: यदि दमा के मरीज हैं तो अतिरिक्त सावधानी बरतें और विक्स न डालें।

2. शहद और नींबू | Honey & Lemon

शहद एक चम्मच और नींबू का रस एक चम्मच दिन में पांच बार लें। गले में खराश कमी और खांसी में राहत मिलेगी। यह विकल्प सभी आयु के लिए सुरक्षित है।

3. अमरूद सेंकना | Guava Warm Compress

कुकुरखांसी (Whooping Cough) में पकाए हुए अमरूद को गर्म रेत या राख पर सेंक कर रोगी को खिलाना लाभकारी होता है।

4. अदरक का रस | Ginger Juice

अदरक, नींबू, तुलसी और शहद के बराबर भाग मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करें। यह सर्दी, खांसी और बुखार को कम करता है।

5. तुलसी-नींबू काढ़ा | Tulsi-Lemon Kadha

तुलसी, काली मिर्च, नींबू का रस मिलाकर काढ़ा बनाएं और रोगी को गर्म-गर्म पिलाएं। इससे बुखार भी उतरता है।

6. प्याज और लहसुन | Onion & Garlic

फ्लू के बुखार में प्याज का रस दिन में 3-4 बार एक चम्मच लें। लहसुन की कली को तिल के तेल या घी में तलकर सेंधा नमक के साथ दिन में एक बार सेवन करें।

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7. तुलसी और सूर्यमुखी के पत्तों का रस | Tulsi & Sunflower Leaves Juice

अगर आंखें लाल हों और नाक से पानी आ रहा हो तो तुलसी व सूर्यमुखी के रस को दिन में एक बार तीन दिनों तक लें।

बरसाती खांसी में कब डॉक्टर से संपर्क करें? | When to Consult a Doctor?
  • खांसी 2 हफ्तों से अधिक बनी रहे।
  • बलगम में खून दिखे।
  • सांस लेने में कठिनाई हो।
  • बुखार 3 दिनों से अधिक समय तक बना रहे।
  • घरघराहट या सीने में दर्द हो।

इन लक्षणों में जल्द चिकित्सकीय जांच जरूरी है, क्योंकि सामान्य घरेलू उपचार पर्याप्त नहीं हो सकते।

बरसाती खांसी के लिए स्वस्थ आदतें | Healthy Habits for Cough Prevention in Rainy Season
  • बारिश में भीगने से बचें।
  • गीले कपड़ों को तुरंत बदलें।
  • घर और आसपास स्वच्छता रखें।
  • संतुलित भोजन और पर्याप्त नींद लें।
  • धूम्रपान व प्रदूषण से बचें।
  • नियमित रूप से हाथ धोएं।

बरसाती खांसी को नजरअंदाज न करें क्योंकि यह गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती है। सही सावधानी, घरेलू उपचार और समय पर चिकित्सीय मदद से इसे प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। हमेशा कफ को सूखाने वाली दवाइयों से बचें और कफ को पतला कर उसे बाहर निकालने का प्रयास करें।

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