आपको खुशमिजाज रहना है तो ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है और ना ही किसी दूसरे पर निर्भर रहने की जरूरत है। आपको सिर्फ खुद की ओर देखना होगा और निम्न बातों को अपनी जीवनशैली और अपने व्यक्तित्व में पिरोना होगा।
- स्वयं की तुलना दूसरों से कभी मत कीजिए। इससे अधिक आवश्यक है अपने को पहले से बेहतर बनाने का प्रयास।
- अनुशासित बनने की कोशिश कीजिए। अपने निजी क्रिया-कलापों, आचार-व्यवहार के अनुशासन की मर्यादा में समाहित करके रखें, क्योंकि अनुशासन ही हमें सफलता का पहला अध्याय सिखाता है।
- अपने निर्णय स्वयं लेने की आदत डालिये। दूसरों की राय के अनुसार निर्णय लेने की बजाय उस विषय से संबंधित अच्छाइयों एवं बुराइयों की विस्तारपूर्वक व्याख्या करके विषय के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट करने की कोशिश कीजिए।
- काम बिगड़ने पर भी अपना उत्साह बनाये रखें, क्योंकि कोई भी स्थिति अपने आप में सम्पूर्ण नहीं होती।
- कुछ नया सीखने के लिए हमेशा तैयार रहें।
- खरीदारी करने जाने के पूर्व निर्धारित सामान की एक सूची और बजट जरूर बना लें।
- परेशानी एवं चिंता में किए गए कार्य का अच्छा परिणाम नहीं निकलता। सुकून एवं संतुलित तरीके से आप निश्चित ही अपने काम को बेहतर ढंग से अंजाम दे सकती हैं।
- अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए समय निकालिए। साथ ही अपने शौक को जरूर पूरा करें।
- अपने बच्चे की दूसरे बच्चों से तुलना करके तनावग्रस्त न रहें। प्रत्येक बच्चे की योग्यता, रुचि और स्वभाव भिन्न होता है। इस बात को स्वीकार करें।
- अपनी तारीफों को सहर्ष स्वीकारिए। आत्मविश्वास बढ़ाने का यह एक अत्यंत ही बेहतरीन तरीका है।
- हर सुबह एक अच्छा मूड लेकर बिस्तर से उठिए। सुबह की चाय बनाते समय या नहाते समय गुनगुनाइए। मूड अच्छा नहीं है तो भी पसंद का गाना सुनिए।
- अपना मूल्यांकन करते समय यह याद रखिए कि हम सभी गलतियाँ करते हैं। गलतियें से ही सीखने का मौका मिलता है। कोशिश करें कि वह गलती दोबारा न हो।